It is raining since last night so everything is looking
fresh and washed. She went to their back yard and then outside through back
door to fetch two java flowers(gurhal) for putting in front of God’s image, she
burned a essence stick and prayed for two minutes. She always asks him to be
with her, because then only she is at ease. Yesterday she went to monthly
meeting of ladies club with neighbor, opening chorus was not so good but other
progarmmes were very good, inspiring and enjoyable. Food was horrible she could
not sleep properly after eating such oily and spicy food though she ate only
small portion of it. In the morning news they again heard about one more
railway bomb blast in Assam. Terrorist have
no brain, they can not understand the
futility of such cruel acts, they destroy their own property and kill their own
people. They do not understand that this is their own state and others are not
paying for trains, buses and bridges, which they intend to destroy. Life is
full of worries but they should not focus only on the circle of their concern,
those things which they can not change
but on those which they can change ie on circle of their influence. With their
honest effort they can make this world more beautiful.
आज भी वर्षा जारी है, किचन में ट्यूब लाइट लगाने का कार्य चल रहा है. बंगाली
सखी ने रात को खाने पर बुलाया है. आज उसके ‘उनका’ जन्मदिन है. नैनी को उसने उसके
नवजात नाती के लिए एक ड्रेस दी जो कल जून लाये थे, उसने विशेष प्रतिक्रिया नहीं
दिखाई. वह मौन रहकर अपना काम करती रहती है, मेहनती है, जिन्दगी के कई पाठ उसने
स्वयं ही सीख लिए हैं, अच्छा है हमेशा समभाव में रहती है. आज उसके सुबह के काम में
थोड़ा खलल पड़ा है, न अभी खाना बना सकती है क्यों कि किचन में काम चल रहा है न ही
व्यायाम या संगीत का अभ्यास, बेहतर होगा दोपहर के कार्य अभी कर लिए जाएँ और अभी के
दोपहर को. आज सुबह पहलगाम में उग्रवादियों द्वारा तीर्थ यात्रियों की हत्या का
समाचार सुना, हिजबुल मुजाहिदीन के द्वारा युद्ध बंदी की घोषणा के बाद अन्य गुट
ज्यादा सक्रिय हो गये हैं.
जितनी देर कोई इच्छा के अधीन रहता है अपनी शक्ति का अपव्यय करता रहता है, चाहे
इच्छा छोटी हो अथवा बड़ी, बंधन का कारण तो होती ही है. इसका अनुभव उसे आज कुछ क्षण
पूर्व ही हुआ. एक कामना मन में जगी और फिर उसे पूर्ण करने की खटपट, मन जैसे अस्थिर
हो उठा और मन की झलक बाहरी कार्यकलापों पर साफ दिखाई देने लगी. सारे काम जैसे
मशीनी रूप से हो रहे थे क्योंकि मन तो उस इच्छा और उसकी पूर्ति के बारे में सोच
रहा था. फिर समाचार सुनने लगी कश्मीर में निर्दोष लोगों की हत्या और उसके विरोध के
समाचार सुनते-सुनते मन जैसे चौंक कर जगा, लोग मर रहे हैं, पीड़ित हैं, तकलीफ में
हैं और वे अपनी ही दुनिया में व्यस्त हैं. जिन्दगी बहुत कुछ झेलती है और
झेलते-झेलते उसकी संवेदनशीलता घटती चली जाती है. लेकिन साधक इस बात को ऐसे नहीं
लेता वह तो मात्र अपने ईश्वर पर भरोसा रखता है, वह उसी से बल पाता है. आज उसे उसे
बैंक जाना है, स्कूल में जो काम किया था अंतिम महीने की पे सभी को मिलनी है, उसे
हस्ताक्षर करने हैं. आज सुबह नन्हे ने फिर उठने में नखरे किये पर समय से तैयार हो
गया. कल सखी के यहाँ डिनर अच्छा रहा, कम मिर्च मसाले का भोजन और तवा रोटी. उनके
अमरूद के वृक्ष ने इस वर्ष भी मीठे फलों का उपहार दिया है. तीन सखियों को दे चुकी
है, अभी कुछ लोगों को और देने हैं.
धुली हुई बगीची और गुड़हल के फूल.. देवी का प्रिय पुष्प... अच्छा लगा परमात्मा से यह कहना कि "मेरे साथ रहो".. नैनी का समभाव प्रेरक...
ReplyDeleteआतंकवादियों के आरम्भिक उद्देश्य पवित्र होते हैं, किंतु कालांतर में कलुषित होते चले जाते हैं...
इच्छा बहुत बड़ी ठगिनी है.. एक पूरी हो तो दूसरी मुस्कुराते हुये सामने आ जाती है!!