कल शाम को उसे एक फोन
कॉल आया, उसे क्लब की अगली कमेटी में जॉइंट सेक्रेटरी का पद भार सम्भालना है. ख़ुशी हुई, उसने सेक्रेटरी को
धन्यवाद दिया जिसने उसका नाम सुझाया था. उसे बाद में लगा वह ठीक से अपनी बात कह भी
पाई या नहीं पर अगले ही पल मन ने कहा, भावना देखी जाती है शब्द नहीं. उसे एक और
बात याद आई, God gives in the evening if takes in the morning. उसने सोचा वह पूरी
निष्ठा से उस काम को करेगी जो उसे सौंपा जायेगा. तीन वर्ष पूर्व वह इस क्लब की
सदस्या बनी थी.
आज आसू ने असम बंद की घोषणा की है. नन्हा और जून घर
पर हैं. आज धूप बहुत तेज है और गर्मी भी उतनी ही ज्यादा. कल शाम कक्षा चार के एक
बच्चे की हिंदी ट्यूशन के लिए एक फोन आया पर जून के अनुसार उसे छोटी कक्षाओं को
नहीं पढ़ाना चाहिए, छोटे बच्चों को सम्भालना व पढ़ाना ज्यादा कठिन है बनिस्बत बड़े
बच्चों को. उसकी छात्रा जैसी किसी गम्भीर बालिका को पढ़ाना सरल है. कल घर से फोन पर
एक उल्लास भरा समाचार आया अक्तूबर में वे सब यहाँ आएंगे.
आज फिर असम बंद है, गर्मी आज हद से ज्यादा है, वे
तीनों एसी कमरों में बैठे हैं और ठंडक का आनन्द ले रहे हैं. नन्हा पढ़ रहा है, जून
गाँधी जी की एक किताब जो स्वास्थ्य से सम्बन्धित है, पढ़ रहे हैं, उसने कुछ देर
क्रोशिए से काम किया और अब लिखना शुरू किया है. Few minutes ago she was hearing news on TV and was
not able to concentrate wandering mind for two consecutive news items. Mind
always wanders here and there, it demands attention for every second otherwise
it slips away like sand through the palms. Today they vacuumed clean their
house, took lunch at 11.30 rested for a while and since then doing all above
said work. Life at present is sailing smoothly in cool breeze coming from their
new AC in Nanhs’s room. Yesterday by mistake she wrote down on next page and adjoin g empty page was attracting her
to pen some thing new and refreshing like Dohas of Rahim, she read some time
before.
जीवन एक पहेली है जो बूझे
सो ज्ञानी
सपनों सा संसार है आँख
खुले तो फानी
हवा, धूप, माटी, गगन और
अनल की मूरत
अंतर में जो झांक ले दिखे
उसी की सूरत
चिंता, लालच, डाह, प्रमाद,
मन के ये व्यापार
तज कर उस की शरण ले उतरे
सागर पार
बीता जो वह न रहा भावी से
अनजान
जो पल अपने सामने उसकी
कीमत जान
यह जग एक सराय है पक्का
नहीं मुकाम
आना-जाना अटल है रहने का
नहीं काम
सूरज, धरती से मिला अनगिन
कर फैलाये
वसुधा कातर प्रेम से फूल
अश्रु बरसाए
After so many days clouds
have shown their grace and it rained in the morning. At this moment weather is
cool, garden is green after a shower. She got up early, perhaps 6 and ½ hours sleep was not enough, eyes are yearning/paining
to be closed but there are so many works and miles to go before she sleeps.
Today she has to go music class also. Nanha went to school in a crowded bus
today could not get seat also. After two days of ‘BAND all buses have not come
today.
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