Saturday, December 21, 2013

द अवेकनिंग ऑफ़ इंटेलिजेंस- जिद्धू कृष्णामूर्ति


The Nicholas Effect रीडर्स डाइजेस्ट में यह लेख पढकर आँखें भर आई हैं, एक सात साल के बच्चे ने मरकर सात मरते हुए लोगों को अपने अंगदान करके जीवन दिया. अमेरिकन लोग बहुत बहादुर होते हैं, बड़े दिल वाले ! RD सचमुच अनोखी पत्रिका है, दिल को हिलाकर रख देने वाली, मन के कोमल भावों को छूकर मधुर संगीत भर देने वाली. Dear Sunny नामक लेख भी बहुत अच्छा लगा. आज वर्षा थमी है पर बादल अब भी हैं. नन्हा रोज की तरह कम्प्यूटर क्लास गया है, जून के आने में थोड़ा वक्त है. आज सुबह उसने स्वीपर को नाराज कर दिया, नैनी भी कपड़े धोकर फैलाये बिना कहीं चली गयी है, पर इन लोगों को नाराज करना अच्छा नहीं, अपना मन ही परेशान हो जाता है. कल रात को उसे सिर दर्द के कारण नींद नहीं आ रही थी, जून की नींद खुली तो डिस्प्रीन दी, उसके बाद ही नींद आयी. और वह व्यर्थ ही खुश थी कि इस महीने सिर दर्द नहीं हुआ. क्लब में कल अन्ताक्षरी का आयोजन किया गया, नन्हा देखने गया साढ़े नौ बजे लौटा.

इस समय उसके मन की हालत कुछ अजीब सी है, परेशान है, हैरान है और समझ नहीं पा रही है, ऐसा क्यों है ? सुबह से दिन अच्छा खासा ही बीत रहा था. तीन बजे ‘बुनियाद’ देखा, बाद में भुट्टा खाते वक्त भी ठीक थी पर उसके बाद एक के बाद एक ऐसा कुछ न कुछ घटता गया कि...शायद जून की अस्वस्थता की कारण या बोरियत के कारण अथवा बगीचे की बिगड़ती हालत के कारण...हो सकता है हार्मोनल गड़बड़ी के कारण ही ऐसा हो या फिर शारीरिक श्रम न हो पाने के कारण. आज मौसम भी अच्छा है और बहुत दिनों से cycling भी नहीं की है..

पिछले दो दिन लिख नहीं सकी, नन्हे को कविता और फिर स्पीच की तयारी करने में कुछ वक्त गया और कुछ यूँ ही. कल सुबह J Krishnamurti की किताब The Awakening of Intelligence पढने में बीती, पढ़ते-पढ़ते दिमाग इतना ज्यादा confuse/ active हो जाता है , शायद इसे ही awakening of Intelligence कहते हैं. नन्हे को कल दो पुरस्कार मिले, पहले चित्रकला में भी मिला था. उसका नाम पुकारा गया तो उन्हें उस पर बहुत गर्व का अनुभव हो रहा था. कल कविता पाठ में उसने निर्णायिका की भूमिका निभाई. वापस आने में काफी देर हो गयी थी, देर से भोजन करके सोने गये तो नींद भी जल्दी कैसे आती.

“Order is love and order is virtue. Disorder is evil. Conflict brings disorder. Thought is memory and that is past. To live in present is true living.”- J Krishnamurti

Today at 10 am she is trying to live in present. Since morning she made two mistakes- one in not answering the phone other in speaking rudely(unnecessary making conflict) to plumber. Once she scolded Nanha but was not angry. She is observing herself and it makes some sense in routine work. Talked to friends. One friend’s family will come for lunch and yet she has not prepared the sweet dish, but still there is time.

पिछले दो दिन she was totally physical घर की सफाई में लगी रही, घूमना, लोगों से मिलना -जुलना और आज कुछ देर ध्यान किया, मन की ओर झाँका तो खुद-बखुद पेन और डायरी हाथ में आ गये. उस दिन क्लब में किसी ‘मैरी’ की डायरी पढ़ी कई बार लगा अरे, यह तो वह भी सोचती है. पिछले दो दिनों में तीन पत्र भी मिले, एक छोटी बहन का बड़ा सा खत, जिसमें उसने अपने कोर्ट जाने के अनुभव के बारे में लिखा है, दूसरा बड़ी भांजी का खत जो उसने वापस जाकर लिखा है, और एक पत्र माँ-पिता का. आज फिर दो जन लंच पर आएंगे, सुबह उसने निमन्त्रण देने के लिए फोन किया तो उससे पहले दिल की धडकन बढ़ गयी...लेकिन बाद में सामान्य हो गयी, शायद उसका भ्रम ही हो. कल उसका जन्मदिन है, जून इस बार कार्ड और चाकलेट पहले से ही ले आए हैं, ‘सपने’ का कैसेट भी. he is in love with her again ! पिछले दिनों उन्होंने काफी वक्त साथ-साथ गुजरा and they both enjoyed it ! नन्हा अभी-अभी पूछ कर गया है, आज उसे क्या-क्या काम करने हैं, उस दिन पहली बार उसने ‘मैगी’ खुद बनाई और दो बार mango shake भी बना चुका है. उसे अभी कस्टर्ड बनाना है. 


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