Saturday, October 27, 2012

छब्बीस जनवरी



सुधा मैडम से उसने कह तो दिया कि पता पास होने से ट्यूटर घर पहुंच जायेंगे पर..कितनी मुश्किल हुई होगी उन्हें घर ढूँढने में, शायद मिला भी न हो, आज आयेंगी तो पता चलेगा या फिर पाल मैडम से..वह भी क्या सोचेंगी न..कल रात भर परेशान रहा मन, वही कालेज के सपने...सिन्हा मैडम आयी हैं हमारे घर पर, वही जो बात बात पर इतनी परेशान हो जाती हैं. उन्हें चाय देने में इतनी देर लग रही है, पहले गुड़ की चाय बनाती हूँ और फिर प्लेट भी साफ नहीं है और टूट गयी है..किसी बात को लेकर मन कैसे बेचैन हो जाता है, हम बेबस हो जाते हैं उसके सामने, सोचने की कोशिश करती हूँ कि कुछ और सोचूं पर सिर के दोनों और की शिराएँ..जैसे लगता है कुछ दबा रहा है सिर को. भविष्य में कभी ऐसा काम नहीं करेंगे...कि किसी टीचर से वादा कर दिया हम आपका यह काम कर देंगे. उसने खुद से कहा इतना परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, ईश्वर सहायता करेंगे और सब ठीक होगा...और सब ठीक हो गया, ट्यूटर मैडम के घर गया था और बात लगभगतय हो गयी. कल मैडम ने गणित का लेसन प्लान दुबारा लिखने को कहा. नन्हे को आज उसने बहुत दिन बाद डांटा ठीक से भोजन न करने के कारण.
जून का पत्र आया है, जल्दी-जल्दी लिखने पर भी इंतजार करना ही पड़ता है उन दोनों को, बड़ी ननद का भी, और छोटी बहन का भी, सो जवाब देने को तीन पत्र हो गए हैं, जब भी समय मिला, लिखेगी. कल एक नई जगह जाना है पढ़ाने ठीक से उसे रास्ता भी पता नहीं है, पर पहुंच ही जायेगी. अभी चार्ट बनाने का काम शेष है, माह के अंत में परीक्षा होते ही सारी व्यस्तता खत्म हो जायेगी. नन्हे को हेयरकट के लिए ले गयी थी, दस रूपये लिए, उसे ज्यादा लगे, अगली बार जायेगी तो पूछेगी. आज टीचर ने इंटरनल असेसमेंट किया कक्षा का..देखें क्या परिणाम आता है, कुछ भी हो उसे पता नहीं क्यों अब उतनी उत्सुकता नहीं है जैसे पहले हुआ करती थी.
जून के तीन पत्र आये हैं स्नेह से भरे हुए..छोटे भाई का पत्र भी आया है. कालेज गयी थी पहले पढ़ाने फिर अपने, काम थोड़ा सा था पर समय काफी लग गया, चुम्बक मिल गया जो उसे विज्ञान की कक्षा के लिए चाहिए था.
छब्बीस जनवरी इस बार कितनी चुपचाप आयी और जाने भी वाली है, सुबह बिजली न होने के कारण परेड भी नहीं देख सकी. फिर नन्हे को लेकर कालेज गयी वहाँ झंडा आरोहण देखकर कुछ अच्छा लगा..इस समय चित्रहार आ रहा है पर आवाज इतनी तेज है कि.. जैसे लाउडस्पीकर बज रहा हो, एक भी गीत गणतन्त्र दिवस से जुड़ा हुआ नहीं है. जैसे ऊटपटाँग गाने हैं वैसे ही दृश्य.


No comments:

Post a Comment