दिसम्बर का प्रथम दिवस, सर्दी जितनी होती
है इस महीने में उतनी नहीं है. सम्भव है इस महीने में ठंड बढ़े. आज बड़े भाई का
जन्मदिन है. आज उसने कक्षा आठ को अंकगणित में समानुपात पढ़ाया, उनका कोर्स बहुत कम
हुआ है, और छात्राएं भी होशियार नहीं लगीं, गलती छात्राओं की कम, अध्यापकों की
अधिक है. गणित के वह टीचर..लगातार पान चबाते हुए...क्या प्रभाव डाल पाएंगे
विद्यार्थियों पर. वितृष्णा सी होती है देखकर..खैर, किसी तरह ग्यारह दिन और पढ़ाना
है.
अभी तक जून के पहुंचने की
कोई खबर नहीं आयी है, उसे चिंता होने लगी है. पता नहीं क्या बात है, उसके मन में
विचारों की श्रंखला चलने लगी, वह ठीक तो होगा, क्या उसे यह बात पता होगी कि उसका
कोई समाचार उन्हें नहीं मिल रहा है. फिर भीतर से किसी ने कहा कि परसों यानि सोमवार
को उसका पत्र अवश्य आयेगा. उसने मन ही मन ढेरों शुभकामनायें उसके स्वास्थ्य के लिए
कीं, उसकी खुशी के लिए कीं और मन हल्का हो गया. आज ही उसे पता चला कि जब अगले
शनिवार तक उसके गणित के सत्रह पाठ हो जाएंगे और विज्ञान के ग्यारह, उसी दिन अध्यापन
का अंतिम दिन है.
इतने दिनों से डायरी नहीं
खोली, आज जाकर अवसर मिला है, अध्यापन फ़िलहाल तो समाप्त हो गय है. अब सोमवार से
पढ़ाई शुरू होगी. आज माँ-पिता व छोटे भाई-भाभी के पत्र आये हैं. छोटी बहन का पत्र
आया था, उसे जवाब लिखा है, पता नहीं उस पर क्या प्रतिक्रिया होगी. काकू की तबियत
अभी तक ठीक नहीं हुई है, उसने सोचा कि उसे एक कार्ड भेजेगी. जीजाजी भी नहीं होंगे
सो दीदी का पत्र तो आने से रहा. उसकी ननद भी जो बैंक की तरफ से ट्रेनिंग में गयी
हुई थी, आजकल में लौटने वाली है.
आज बहुत दिनों बाद थ्योरी
की कक्षाएं हुईं, कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था. सुबह से वे खाली थे, फिर अंतिम दो
कक्षाएं हुईं, सुधा मैम का लेक्चर अच्छा था, आरती मैम का विषय बहुत उबाऊ था, और
किसी दिन पढातीं तो शायद ऐसा न होता पर दिन भर प्रतीक्षा करते करते मन थक चुका था.
कल कालेज में गेम्स होंगे, पीटी करवानी होगी, उसने अपना नाम तो दे दिया है.
परीक्षा की तारीखें आ गयी हैं, १५ अप्रैल से शुरू होंगी और अप्रैल के आखिर तक
चलेंगी संभवतः. मई में वे अपने घर जायेंगे.
आज जून का पत्र आया है.
शाम को बाजार गयी थी, लौटी है कुछ देर पूर्व ही, मन-मस्तिष्क थका हुआ है. कल कालेज
में कुछ नहीं हुआ सिवाय बातों के. आज सोचा है देर से जायेगी. सिर्फ ‘बागवानी’ होगी
और सम्भवत ‘जनसंख्या’ का पीरियड हो, पर उसे बाद में नोट किया जा सकता है. वह नए
वर्ष के लिए कुछ कार्ड्स लायी है.
नववर्ष के शुभागमन के साथ
ही
तुम्हारे सौभाग्य का उदय
हो...
चलते चलो
जीवन के पथरीले पथ पर
दर्द जितना अधिक हो
सुख उतना ही ज्यादा होता
है उसके मिटने पर
तपकर ही निखरोगे
जीवन की धूप में तपकर
निखार आएगा
नए वर्ष में स्वप्न देखो
तारों को छूने के
तभी आकाश तक पहुंच पाओगे
जीवन के इस समुद्र में
तैर कर पार हो जाओगे
चलना, तपना, तैरना और
स्वप्न पूर्ण करना
क्या चारों पर्यायवाची
नहीं..?
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