परसों उसकी परीक्षा है, आठवीं कक्षा को
विज्ञान में ‘चुम्बकत्व’ पढाना है, उसने सोचा, सिलसिलेवार प्रश्नों को याद करेगी
तथा बोध प्रश्न भी. दूसरा पीरियड है सो ज्यादा इंतजार नहीं करना पडेगा, बारह बजे
तक मुक्त हो जायेगी. अगले दिन वसंत पंचमी का अवकाश है. जून का पत्र आया है, उसे कई
दिन कोई पत्र नहीं मिला यह सोच कर नूना को भी अच्छा नहीं लगा. पूरे पांच महीने हो
गए उसे यहाँ आए हुए, अब दो ढाई महीने ही शेष हैं.
कल उसका बीएड का पहला
प्रेक्टिकल हो गया, उसके हिसाब से तो ठीकठाक ही हुआ, अब देखें कैसे नम्बर आते हैं.
कल गणित का है, जो परीक्षक आए हैं उनमें से एक गणित के हैं, आज वह थोड़ा ज्यादा सजग
रहकर पढ़ाएगी, और समय का ध्यान रखते हुए जल्दी-जल्दी भी ताकि एक अन्विति तो पूरी हो
जाये. परीक्षा तो जल्दी हो गयी थी, पर मैडम के आदेशानुसार दो बजे तक बैठा रहना
पड़ा, कल की परीक्षा का समय जानने के लिए. टिफिन तो ले नहीं गयी थी, पहली बार कालेज
कैंटीन में खाया पकौड़ा, स्वप्ना, कविता और उसने. सिर में दर्द कॉलेज में ही शुरू
हो गया था, घर आयी तो बढ़ गया था, दवा ली, अब ठीक है. नन्हा आजकल खूब बातें करता है
और गाना गाता है, टीवी पर जो भी सुनता है. पढ़ाई-लिखाई तो आजकल उसकी बिलकुल नहीं हो
रही है, कल से उसे रोज एक घंटा पढ़ाएगी उसने मन ही मन सोचा. ननद अदरक वाली चाय दे
गयी है, सिर में दर्द है यह पता चलने पर माँ-पिता व ननद सभी उसका बहुत ख्याल रख
रहे हैं, वे सभी अन्ततः बहुत अच्छे हैं, वे जून के माता-पिता हैं, उसे भी ऐसे ही
संस्कार मिले हैं, प्यार और स्नेह की शीतलता भी.
आज दूसरा प्रेक्टिकल भी हो
गया, परीक्षक संतुष्ट नहीं थे, अब टीचर ने उन्हें जैसे बताया वैसे ही तो पढायेंगे
न.. दो दिन छुट्टी है, परीक्षा के बाद कितना सुकून, लेकिन एक खालीपन सा लग रहा है,
उसने सोचा कोई पत्रिका लाएगी. सभी को खतों के जवाब भी देने हैं.
आज धर्मयुग लायी, और नन्हे
के लिए एक चित्र कथा खरीदी. नन्दन, पराग सभी उसे खरीदने को कहा पर वह कृष्ण का नाम
सुनकर उसी को खरीदने की जिद कर रहा था. वसंत पंचमी का दिन अच्छा बीता, अब परसों से
फिर कालेज और किताबें.
जून ने नवोदय स्कूल का
फार्म भेजा है, शायद वह जानता नहीं है इन स्कूलों में अध्यापकों को वहीं रहना होता
है. उसका एक पत्र तो पूरे एक महीने इधर-उधर घूमने के बाद मिला है, छब्बीस नम्बर का
खत. आज कालेज की भूतपूर्व प्राचार्य श्रीमती सुन्दरी बाई के निधन पर शोक सभा थी,
लड़कियों ने खूब शोर मचाया. एफिडेविट के लिए क्लर्क ने किस अजीब तरह का जवाब दिया
पर नागर मैडम ने बहुत अच्छी तरह समझाया, वह अच्छी अध्यापिका ही नहीं अच्छी इंसान
भी हैं. माँ का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, वह बहुत जल्दी घबरा जाती हैं, कराह कर बोलती
हैं, जिससे सभी लोग समझें कि बहुत बीमार हैं, या बीमार होकर हर व्यक्ति सबका ध्यान
आकर्षित करना चाहता है.
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