उन्हें घर आए तीसरा दिन है, जब से वे आए हैं बादल बने हुए
हैं. कल दिन में उमस थी पर आज मौसम ठंडा है. यात्रा सुखद रही. अभी तक घर पूर्णरूप
से व्यवस्थित नहीं हो पाया है. आज नन्हे का स्कूल में पहला दिन था, अच्छा रहा.
उसने जरा भी परेशान नहीं किया अर्थात वह एक बार भी परेशान नहीं हुआ. बल्कि पूरी
तरह आनंद उठाया उसने. कल बकरीद की छुट्टी है. दोनों घर पर पत्र लिखेगी तो सब बातें
लिखेगी, उसने सोचा. आज उन्हें एक जगह रात्रि भोज में जाना है. अब तैयार होना है.
आज भी वर्षा हो रही है, कल रात भर होती रही. सुबह के पौने छह हुए हैं, यही
वक्त सही है डायरी लिखने का, जून को उठाकर आयी है, दस-पन्द्रह मिनट बाद ही वह
उठेंगे. नन्हे का स्कूल बंद है. बहुत दिनों बाद उसने आज व्यायाम किया, कितना हल्का
लग रहा है, उसने तय किया है जब तक यहाँ है नियमित करेगी. वहाँ नहीं कर पाती थी,
छोटी सी जगह और इतने सरे लोग. यहाँ कितना खुला-खुला है, जहां जब चाहे बैठो, जब
चाहे लेट सको. वहाँ हर बात का समय देखना होता था. कल वे क्लब में फिल्म देखने गए,
कहानी तो वही पुरानी थी, पर पर कुछ दृश्य सचमुच अछे थे, हँसाने वाले, पर कहीं-कहीं
समझ नहीं आ रहा था हँसें या रोयें. सोनू पूरे वक्त बैठा रहा, आखिर में उठ गया
लेकिन फिर आके बैठ गया.
कल उनके कुछ पैसे खो गए, आज सुबह जब दफ्तर जाते समय जून ने पर्स देखा तो
नदारद, लगता है कल कमीज की जेब में रह गए, और कपड़े धोते समय..महरी से पूछा तो उसने
साफ मना कर दिया. परसों वे तिनसुकिया गए थे, अनुभव अच्छा नहीं रहा, कार से उतरते
ही वर्षा होने लगी जिसने घूमने का सारा मजा किरकिरा कर दिया. जून के कभी-कभी अजीब
व्यवहार के कारण वे नन्हे की बरसाती भी नहीं खरीद सके. समझ नहीं आता कि वह किस
दुकान में कैसा व्यवहार करेंगे. फिर इतनी सारी मिठाई, आधा किलो काजू वाली नमकीन और
काजू खरीद लिए, इतने रुपयों का सिर्फ खाने का सामान, उसे सबल देखना चाहते हैं वह,
अभियान शुरू किया है इन दिनों. पिछले दिनों उसका वजन कुछ तो कम हुआ ही है, जो
विवाह के बाद नन्हे के होने के बाद बढ़ा था. उसे कम से कम पचास का तो होना चाहिए पर
उससे ज्यादा नहीं. जब से वे यहाँ आए हैं उसका वजन एक केजी तो बढ़ गया होगा. नन्हे
का स्कूल में चौथा दिन था, खूब बातें बनाता है, स्कूल के बारे में उसकी राय अच्छी
है, दोस्त बनाना चाहता है पर शायद उसके साथ बैठने वाला बच्चा हिंदी भाषी नहीं है. जून
आज उसके लिए मंगाई किताबों का सेट लेकर आएंगे पोस्ट ऑफिस से.
कल जून ने कहा कि चार बजे जब वह आयें उसके पहले उसे व टिफिन भी तैयार रहना
चाहिए. अभी तक महरी नहीं आयी है, पानी भी नहीं आ रहा है, स्नान भी लगता है, देर से
ही होगा. आज सुबह छोटी बहन को पत्र लिखा, कार्ड भी भेजा. उसका जन्म दिन आ रहा है, आज
शायद उसका परीक्षा परिणाम निकल गया होगा पर उन्हें तो दस दिन बाद ही पता चलेगा. कल
से मौसम गर्म है. नन्हा स्कुल गया है, घर शांत रहता है आजकल ग्यारह बजे तक, कितना
बोलता है आजकल वह, कितने नए शब्द सीख रहा है. कल शाम उनका एक परिचित परिवार मिलने
आया था. सब कुछ सामान्य है, अपनी गति से अबाध रूप से चल रहा है, पर स्वप्नों का कोई
अर्थ होता है, या कल रात देखे नाटक का परिणाम है, हाँ, यही सत्य है.
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