आज नन्हे का पहला इम्तहान
है सोशल स्टडी, जिसे वे इतिहास और भूगोल के नाम से पढ़ा करते थे. कल शाम को वह थोड़ा
सा घबरा गया था, और रात को सो नहीं पा रहा था. उसे परीक्षा की महत्ता का अहसास हो
रहा था, पर आज सुबह सामान्य था, उसने इतना तो पढ़ा ही है कि सभी प्रश्नों के उत्तर
दे सके और कोई कमी रह भी गयी तो उसमें उतना ही दोष उनका भी है, उसे पूर्ण विश्वास
है कि ईश्वर उसकी सहायता करेगा. वह इतना मासूम और प्यारा है और उनके जीवन को खुशियों
से भर दिया है उसने, ईश्वर का सर्वोत्तम उपहार उनके लिए. उसके मन की सारी दुआएं
उसके साथ हैं और सिर्फ उसी के साथ नहीं हर उस बच्चे के साथ जो परीक्षा में बैठ रहा
है, उन्हें उनकी मेहनत का सुपरिणाम मिले, आमीन ! अभी जून ने भी फोन करके पूछा, उनका
दिल भी नन्हे के आस-पास ही है आज, मौसम आज ठंडा है, रात से ही वर्षा हो रही है.
दस बजने वाले हैं, अभी-अभी
उसने उनके मैगजीन क्लब की Sunday पत्रिका का एक अंक देख-पढकर रखा है, अच्छी पत्रिका
है, काफी कुछ पढने को है पर आभी उसके पास समय नहीं है, और लंच के बाद जून वापस ले
जायेंगे. अभी भोजन भी पूरा नहीं बना है और उनकी पसंद के अनुसार चटनी भी बनानी है,
माली ने जो पुदीना लगाया था काफी फ़ैल गया है और करी पत्ते के पेड़ में भी कोमल, हरे,
नये पत्ते आ रहे हैं, हरी मिर्च भी लगनी शुरू हो गयी है. मौसम आज भी कल जैसा ही
है, वर्षा कुछ देर पहले ही थमी है. कल नन्हे का पहला पेपर अच्छा हुआ और आज वह
बिलकुल सामान्य था, कल रात भी आराम से सोया.
Today’s discourse of Dada
Vasvani was very very useful after the India’s defeat in yesterday’s match and
incidents during last one hour. He says that 92% of our worries are only due to
trivial matters that matters which are of no concerns to us. SO she is not unhappy
at all. Victory and defeat are woven in a cycle and come after one another.
Today again weather is cloudy; it has too cold after three days of continuous
raining. Nanha is preparing for tomorrow’s exam, she finished that book ”The Dangerous
Fortune” today morning.
सुबह-सुबह पानी फिर ठंडा
लगने लगा है, दिसम्बर-जनवरी की तरह. बादलों के कारण दिन भर घर में बिजली जलानी
पडती है. कल सुबह नन्हा सोकर उठा तो कहने लगा अभी शाम है या सुबह कुछ पता ही नहीं
चल रहा. आज उसका अंग्रेजी का पेपर है. कल दोपहर तक ही पढ़ाई हो चुकी थी. शाम को जून
के खेलने जाने पर कुछ देर पढने-पढ़ाने के बाद वे एक खेल खेलने लगे, स्पेलिंग का
खेल, नन्हे को बहुत मजा आ रहा था. ट्रेन में भी वे ये खेल खेल सकते हैं. घर जाने
में एक हफ्ते से भी कम समय रह गया है. पिछले दिनी माँ-पापा और छोटी बहन के पति के
पत्र आये, जून फोन से ही बात कर लेंगे अब जवाब देने का समय नहीं रह गया है. अब और
क्या लिखे... उसका ध्यान घड़ी की ओर था, एक हफ्ता या उससे भी अधिक समय हो गया शुक्रवार
को ९.३० का कोई प्रोग्राम देखे. कल रात एकाएक नींद खुली उससे पहले सपने में हसीना
मुइन को देख रही थी.
जून ने दफ्तर से लौट कर
बताया, दीदी भी परिवार सहित उसी दिन दिल्ली पहुंच रही हैं.
बात यह है कि आदमी या तो
शायर होता है या नहीं होता है.
उसे जाते हुए तकना है और
खामोश रहना है
और उसके बाद अपने आप से
तकरार करना है
आज ‘आधा चाँद’ में दो शायराओं
से मुलाकात की. एक का नाम शाइस्ता था और दूसरी का नाम थोड़ा मुश्किल सा था. बेहद
अच्छा और उसकी रूचि का है यह कार्यक्रम. मन को प्रेरणा देता है और आत्मा को सुकून.
शायरी जीवन का फूल है और जो इसकी खुशबू को अपने दिल में समो लेता है वह कभी तन्हा
नहीं रहता, वह खुशबू उसके साथ रहती है, इर्दगिर्द लिपटी हुई सी. जैसे किसी खुदा के
बंदे को उसकी लौ घेरे रहती है.
मैं नर हूँ तुम नारायण हो
मैं हूँ संसार के हाथों
में संसार तुम्हारे हाथों में
आज सुबह किन्हीं सन्त के
मधुर वचनों को सुनकर नर में नारायण को देखने की शिक्षा प्राप्त हुई है. बचपन में
कभी यह भजन सुना था. आज क्रिकेट का फाइनल है, श्रीलंका और आस्ट्रेलिया के मध्य,
श्रीलंका के जीतने के आसार अधिक है.
आज नन्हे की अंतिम परीक्षा
है, शाम को उन्हें एक सहभोज में जाना है, जून ने कहा है वह उसकी सहायता करेंगे
उनके हिस्से का भोजन बनाने में.
कल का सहभोज अच्छा रहा, आज एक और मित्र के यहाँ
जाना है.
आज नन्हे को बुखार हो गया
है ओर कल उन्हें सफर पर निकलना है.
सफर का दिन यानि suffer के
दिन शुरू हो गये हैं.
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