Monday, August 19, 2013

आचार्य गोयनका जी


“दुनिया को एक बच्चे की निगाह से देखने की कोशिश यानि एक नजर जो कौतूहल से भरी हो और उन छोटी-छोटी बातों और चीजों के लिए तारीफ से भरी हो जिन्हें बड़े नजरंदाज कर जाते हैं”. पीटीवी पर उसने यह टिप ऑफ़ the week सुना, अच्छा है. कल से चुनावों के परिणाम आने का सिलसिला जारी है, कांग्रेस पिछड़ रही है बीजेपी उभर रही है लेकिन यही लग रहा है कोई पार्टी स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं कर पायेगी. कल दोपहर दो बच्चे पढ़ने आये और एक घंटा कैसे बीत गया पता ही नहीं चला, अपने समय और शक्ति का सही उपयोग ! शाम को वापस आकर नन्हे के साथ बैडमिन्टन खेला, फिर वहीं लॉन में ही जून के साथ ठंडी हवा में टहलते हुए दिन भर की बातों का जायजा और अगले दिन की प्लानिंग...

जून आज मोरान गये हैं, सुबह से वर्षा हो रही है. एकबार उसके मन में आया फोन करके पुरानी पड़ोसिन को घर आने को कहे, पर कल शाम ही उससे हिन्दू-मुस्लिम पर बहस हो गयी. कल शाम को जाने क्यों उसे पाक पत्तन, मिंटगुमरी की याद हो आयी, अपने उस सपने की भी जिसमें वह पाकिस्तान गयी है. रात को सपने भी इसी से सम्बन्धित आते रहे, वे एक बड़े हॉल में हैं, आधे में हिन्दू और आधे में मुस्लिम, दोनों एक बड़े तनाव से गुजर रहे हैं. फिर नींद खुल जाती है और दहशत से मुक्ति मिलती है. पता नहीं वह दिन कब आयेगा जब लोगों के दिलों की नफरत दूर होगी. शताब्दियों पूर्व मुस्लिम इस मुल्क में आये और शासक बन कर रहे, यही कारण था कि हिन्दू-मुस्लिम कभी एक नहीं हो पाए. हालाँकि कितने कवियों, शायरों व विद्वानों ने एकता की बात की और किसी हद तक दोनों ने एकदूसरे को अपना लिया पर मनों की मलिनता गयी नहीं है. लेकिन वह शुरू से उस मुल्क से जुड़ी है, एक सपना है कि कभी न कभी वह  वहाँ जाएगी. आज शुक्रवार है यानि बदलते मौसम का दिन. पिता की डायरी में कुछ प्रेरणास्पद बातों को पढ़ा, पूरा खजाना है उसमें ऐसी बातों का जो दिल को गहरे तक छू जाती हैं. उन्हें लिखेगी इसके बारे में. कल जून से क्रोशिये का धागा भी मंगवाया है, टीवी देखते समय हाथ खाली रहें तो कुछ अजीब सा लगता है.

आज महीनों बाद ‘आधा चाँद’ देखा, इतना छोटा सा देश है पर वहाँ इतनी शायराएँ हैं और उन्हें टीवी के जरिये लोगों तक पहुंचाया भी जाता है, डीडी पर ऐसा कार्यक्रम कभी नहीं देखा. आज धूप निकली है, वर्षा में लगातार भीगते पेड़-पौधे धूप का स्पर्श पाकर सूखने का प्रयास कर रहे हैं, उनके भुट्टे भी लगभग तैयार हैं. आज का tip of the day है, दिन भर में कम से कम एक बात को बर्दाश्त करें, यानि आपको वह बात बुरी भी लग रही तो अपना क्रोध जाहिर न करें. कल शाम एक परिचित ने फोन किया children meet के लिए एक skit लिखने को कह रही है, उसने ‘हाँ’ कह दी है, उसे यकीन है, खोजकर या स्वयं लिखकर वह दे देगी. उसे कुछ काम चाहिए.

कल रात जून और नन्हा star trek देख रहे थे और वह पढ़ रही थी, thought verses action, अच्छा लगा. ‘आपकी सरकार’ में कई राजनेताओं के विचार सुने, अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है कि केंद्र में किसकी सरकार बनेगी.

आज सुबह नींद जल्दी खुली थी पर आलस्य वश (जो चित्त की दुर्बलता है)  नहीं उठी, फिर जून ने उठाया. ‘जागरण’ में आचार्य गोयनका जी ने श्वास को देखते हुए मन को विकारों से मुक्त करने का उपाय विस्तार से बताया, अंत में धर्म की परिभाषा दी-

धर्म न हिन्दू बुद्ध है, धर्म न मुस्लिम जैन
धर्म हृदय की शुद्धता, धर्म हृदय का चैन

जो इतनी सरल है कि कोई भी उसे समझ सकता है, और इतनी कठिन है की उसका सार अंतर में उतारने में किसी को वर्षों लग जाएँ. कल शाम से वर्षा हो रही है, बगीचे में कोई काम नहीं हो पा रहा है. कल जून उन्हें दफ्तर ले गये, कम्प्यूटर पर गेम खेला व पेंटिंग का अनोखा अनुभव लिया, कम्प्यूटर पर काम करते समय लगता है, किसी दूसरी दुनिया में पहुंच गये हैं, जून पिछले कई दिनों से कम्प्यूटर लेने के विषय में जानकारी इक्कट्ठी कर रहे हैं. कल वह वैक्यूम क्लीनर के लिए तिनसुकिया फोन भी करते रहे पर नहीं मिला. दोनों घरों पर फोन करने का प्रयास भी किया पर निराशा ही मिली. उसका ध्यान इन सब बातों की ओर नहीं जाता, उसके भीतर विचारों की एक अनोखी दुनिया है.


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