सुबह वे उठे तो धूप बहुत तेज थी, कल
शाम को बादल आसमान पर छाये पर हवा के साथ उड़ गये. उनके कमरे का एसी भी काम नहीं कर
रहा था, नन्हे ने अपने कमरे में उनका बेड लगा दिया, पर इस वक्त धूप चली गयी है,
बादलों से कुछ ठंडक सी हो गयी है. आज उसने एक पड़ोसिन और एक सखी को फोन किया, दोनों
के पेरेंटस् आये हैं, पड़ोसिन से उनसे मिलने जाने का समय लिया, सखी को निमन्त्रण दिया
पर उसने कोई वक्त तय नहीं दिया है. आज विपासना के टीचर गोयनका जी फिर आये थे,
बाबाजी भी आए. दोनों के विचारों में कितनी भिन्नता है दोनों को यदि एक-दूसरे के
सामने बैठा कर विवाद करने दिया जाये तो
बहुत दिलचस्प होगा, एक स्वयं सब कुछ करने पर जोर देता है तो दूसरा ईश्वर के सहारे,
लेकिन गहराई से देखें तो दोनों एक ही बात कहते हैं. राग और द्वेष से मुक्ति पानी
है दोनों का लक्ष्य एक ही है, साधना अलग-अलग है.आज उसे संगीत की क्लास में जाना हिया,
जून अभी-अभी अपने साथ एसी मकैनिक को लाये हैं.
आज उसने सुना मनुष्य के
जीवन में तीन चीजें होती हैं, इच्छा, प्रीति और जिज्ञासा, यदि इनका सदुपयोग करें
तो चित्त शांत होता है. इच्छा यदि सत्वगुण से प्रेरित होगी तभी जीवन से द्वंद्व
मिटेगा. प्रीति यदि अच्छाई से होगी और जिज्ञासा जीवित रहेगी तो एक न एक दिन लक्ष्य
मिलेगा अथवा तो इसकी सम्भावना रहेगी, लेकिन यदि खोजने की इच्छा नहीं है, जानने की
उत्सुकता नहीं है और कोई अपने एहिक कार्यों में ही जीवन बिता देता है, अपने
छोटे-छोटे सुखों-दुखों से ऊपर उठने की उसके पास न तो सामर्थ्य है न ही आवश्यकता,
तो उसका जीवन भी तुच्छ ही रह जायेगा. आजकल उसका जीवन भी उच्च भावनाओं से प्रेरित
नहीं है, तभी जून के प्रति उसका व्यवहार असहिष्णुता से भरा था, वह जो मिठाई
डिब्रूगढ़ से लाये थे उसे पसंद नहीं पर हो सकता है उन्हें पसंद हो. एक सखी के यहाँ
पूजा है उसने प्रसाद के लिए बुलाया है, थोड़ी देर के लिए हो सकता है जाये, यानि अभी
तय नहीं किया है, यह अनिश्चतता की स्थिति दुर्बल मन की निशानी ही तो है. अगले
हफ्ते नन्हे का जन्मदिन है.
Last evening she went to library
and got issued three books which she already has read, which once inspired her
a lot and these days she is lacking that inspiration, that sweet joy of heart,
that burning spirit of creativity. She hoped these books will help her to get
out of despair. Yesterday jun and she made a
b’day card for Nanha. He appeared for his computer exam( c-language) yesterday
so was out for one and half hour, they took the opportunity and it is a very
very beautiful card, just now Assamese friend called, her little daughter also
talks every time and she could not talk in right Assamese, she should revise
her lessons . अभी-अभी बाबा जी ने बहुत अच्छी बात कही, मन को शुद्ध
रखने के लिए अनावश्यक इच्छाओं का पोषण नहीं करना चाहिए. जून ने सुबह सीख दी तो
फौरन प्रतिकार करने की इच्छा हुई, जो अनावश्यक थी, चुप रह जाने की इच्छा बोलने की
इच्छा से ज्यादा श्रेष्ठ है.
शनिवार की शाम अक्सर
मित्रों के साथ व्यतीत होती है पर आज वे सांध्य भ्रमण के बाद घर पर हैं. जून
आउटलुक पढ़ रहे हैं, सोमवार को नन्हे का टेस्ट है, वह पढ़ाई में व्यस्त है. उसी दिन
उसका जन्मदिन भी है पर उसके टेस्ट के कारण वे मंगल को मनाएंगे. दोपहर को टीवी पर
एक पुरानी फिल्म देखी, “बाजार” स्मिता पाटिल और सुप्रिया पाठक दोनों का अभिनय
लाजवाब है, दोनों बहुत सुंदर लग रही थीं. उसने अपनी अन्य कविताओं को कम्प्यूटर पर
टाइप करना शुरू कर दिया है.
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