Still she has to go far, very far ! she has so
many shortcomings, some of them she is not even aware of. Today in the morning
she scolded Nanha and after years badly. Jun and she both do not like his bad
habit of late rising. He does not look fresh even after getting up these days,
it means he sleeps very late also. उसकी लिखाई से स्पष्ट है कि मन
शांत नहीं है, भावनाओं से युक्त है.
आज का कोटेशन भी अच्छा है – The future belongs to those who believe in the beauty of
their dreams- Eleaner Roosevelt
And what
are her dreams ? Are they still alive and beautiful also? Years ago she dream t
to be a writer or poet, but it is still a dream buried in the heart of her heart. उसके मन के किसी कोने में
दबा-छिपा बैठा है यह स्वप्न, जो कभी सच होने को आतुर था. कई बार तो उसने उसे अपना मानने से भी इंकार कर दिया
लेकिन Anne Frank के शब्दों ने, उसके साहस और प्रसन्नता ने, उसके आत्मविश्वास ने
उसे अंदर तक छू लिया है और वह स्वप्न धूल झाड़ता हुआ, डगमगाता हुआ फिर से खड़ा हो
गया है. उसका विश्वास उसमें फिर से जागृत हो रहा है. लेकिन अभी भी मन में कहीं न कहीं
आशंका का बादल मंडरा रहा है. कल रात पूसी फिर लौट आई, इस निरीह प्राणी ने अपना
नाता उनसे किस मजबूती से जोड़ लिया है, मनुष्य भी इतने निरादर और उदासीनता के बाद
सम्बन्ध नहीं रख पाते पर जानवर होकर वह कितनी जुड़ गयी है अपने परिवेश से, पिछले
चार-पांच वर्षों से वह उनके साथ है, कई बार बिछड़ी पर हर बार लौट आई है. आज नये
हफ्ते का प्रथम दिन है. गोयनका जी चित्त की प्रधानता पर बल दे रहे थे. वाणी का
अथवा शरीर का कर्म तो बाद में होता है पहले चित्त का कर्म होता है. वहाँ बीज बोया
जाता है, जिसका परिणाम बाद में मिलता है, जैसा बीज होगा फल वैसा ही होगा. Anne का
चिन्तन कितना मौलिक था, उसकी सोच उसके अनुभव के साथ-साथ परिपक्व होती चली गयी. she
loves her !
All is well
with her today but deep down heart is heavy with the burden of one more plane
crash. Which took place yesterday near
Patna aerodrome’s runway, 54 persons were killed in this, only few lucky
survived . These days TV covers not only cause and consequence of accident bur
takes viewers to the homes of dead
persons. So every tragedy which earlier was only an news item now becomes a personal loss. The grim faces of kith and
kin of passengers, there tears and anguish… all this they can feel. But how long
will these occur due to negligence. Babaji today scolded
her and he was right, when he says things that she likes, she adore him and
when someday he does not use the language of her choice she does not listen him
but he is above all this worldly good or bad, there is nothing evil or ill for
him. He knows the ultimate truth from which they ( at least she) is very very
far away. But she tries to reach there by using awareness and keeping an eye on her ever restless mind.
उसने क्या सोचा था और नहीं बन सकी... दुनिया का कोई भी शख्स इससे अछूता नहीं है... भगवान कृष्ण तभी तो अर्जुन के पीछे पड़ गये थे कि उसका सपना सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर होने का था और वो एक पलायनवादी होता जा रहा था... लेकिन यह भी सच है कि "वो" कब और कहाँ दखलन्दाज़ी करता है यह हम नहीं जान पाते.
ReplyDeleteनन्हा की यह आदत सचमुच सुधारनी होगी. थोड़ी डाँट ज़रूरी होती है.. लेकिन यह ध्यान में रखते हुये कि उसके अहम को ठेस ना लगे.. बच्चों के भी अहम होते हैं!!
और ये हवाई दुर्घटना तब हुई थी जब मैं कोलकाता में था.. और पटना जाकर उसका मलबा भी देखा था... मेरा बेटा (जो पटना में रहता है) उस हादसे के बाद हवाई यात्रा से तोबा कर बैठा...!! बिटिया बहादुर है मेरी!!
सही कहा है आपने.. आपकी बिटिया से परिचय होता जा रहा है...
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