Tuesday, January 8, 2013

आँखों वाला पानी -नीरज



एक दिन उसने टीवी पर ‘नीरज’ को सुना जो अपने चिरपरिचित अंदाज में यह कविता सुना रहे थे-
“आदमी को आदमी बनाने के लिए
जिंदगी में प्यार की कहानी चाहिए
और लिखने के लिए कहानी प्यार की
स्याही नहीं आँखों वाला पानी चाहिए”

उसने सोचा, क्या यह जरूरी है की हर प्रेम कथा आंसुओं से ही लिखी जाये ! फिर तो यह तय है कि प्रेम के पथ पर चलना हो तो आंसुओं से गुजर कर ही जाना होगा..आंसू जो दुःख को हसीन बना देते हैं, ये न होते तो इंसान के अंदर ज्वालामुखी दबे रहते या तो चट्टानें..भारी से भारी दुःख भी इंसान इन के सहारे झेल जाता है, आंसू पानी नहीं एक वरदान हैं ईश्वर का मानव को...

अगर वह कुछ लिखना चाहे तो पहले विषय की तलाश करनी होगी, जाहिर है वह वही चुनेगी जो उसके लिए ज्यादा महत्व का होगा, तो बात यहाँ पर रुकी कि वह किसे ज्यादा महत्व देती है...हँसी को..आकाश को.. जीवन को.. मृत्यु को.. सम्बन्धों को.. या स्वाधीनता को...जुड़ाव को..प्यार को..बच्चों को..या मौसम को..कर्म को अर्थात कार्य को या कर्त्तव्य को..नहीं कर्त्तव्य के बारे में उसने कभी सोचा ही नहीं, पर काम करना, कुछ करना, कुछ करते रहना यह उसे सबसे जरूरी लगता है, नहीं तो इंसान अपनी नजरों में गिरने लगता है. जिन पलों में वह व्यस्त रहती है, खुश रहती है पर मात्र खुशी ही काम करने का कारण नहीं है इससे कहीं ज्यादा एक संतोष, एक अर्थ मिलता है जीवन को..लेकिन काम करने को कविता का विषय कैसे बनाया जा सकता है ? वह भी है उसके मन में क्या..

कर्महीन जीवन से सांसें प्रश्न पूछतीं
क्या आना-जाना ही हमारा
जीवन का उद्देश्य तुम्हारा ?
किसने दिया तुम्हें अधिकार
व्यर्थ करो ऊर्जा अपार !
ढक के रखो ज्योतिपुंज को
छाया हो घन अंधकार !
जो भर सकता जीवन का घट
क्यों प्यासा है?
जो चल सकता पर्वत पर्वत
क्यों बैठा है?
जो रच सकते अद्भुत सृष्टि
क्यों बेसुध हैं?
वरदान मिले इन हाथों को
अज्ञान रज्जु से क्यों बांधा ?
उसने कई कवितायें लिखीं उस दिन के बाद से अगले कई दिन तक रोज एक.

स्वप्न उसे अचरज से भर देते हैं, नींद को रहस्यमय बनाने वाले स्वप्न..

जब ईश्वर ने स्वप्न रचा होगा
कितना विचलित होगा
कभी झिझक, कभी डर तो कभी
मुस्कान भी झलकी होगी मन में
स्वप्न में वह छिपा जो नहीं रहता
अनदेखा, अनजाना वह स्वप्नों में
सदा से आया करता है !
स्वप्न रहस्यमयी सृष्टि का एक अनोखा रहस्य
जिसमें वह स्वयं को उजागर करता है
नई-नई राहें दिखाता
सवालों को हल करता कभी
नई चुनौतियों का सृजन करता है..










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