Monday, January 28, 2013

रूह अफजा की आइसक्रीम



टीवी पर समाचारों में सुना, हर्षद मेहता व कई अन्य गिरफ्तार हुए. इसकी भूमिका तो बहुत दिनों से बन ही रही थी. अभी-अभी उसने स्टोरी टाइम में एक कहानी पढ़ी, how much does a horse know? बहुत अच्छी लगी. नन्हे का स्कूल ग्रीष्मावकाश के कारण अगले डेढ़ माह के लिए बंद है, उसे नियमित रूप से कम से कम एक घंटा तो पढ़ाना ही है. रात को उसने स्वप्न में देखा, भूकम्प आ गया है, वे सभी बाहर चले गए है, परसों भी एक बड़ा सा. अजीब सा स्वप्न देखा था, सोचा था लिखेगी पर अब कुछ याद नहीं है. पहले की तुलना में अब उसे स्वप्न कम आते हैं, शायद इसलिए कि दिन में सोना बंद हो गया है, रात को नींद अच्छी आती है.
कल दोपहर वे तिनसुकिया गए थे, बहुत तेज वर्षा हो रही थी, सड़क पर पानी भर गया था, उन्हें सड़क पार करने के लिए रिक्शा करनी पड़ी, जब घर से निकले तब आकाश पर थोड़े से बादल भर थे. टीवी पर आजकल “हेलो जिंदगी” देख रहे हैं वे, अच्छा धारावाहिक है. कल देखी “वेलकम टू १८” फिल्म भी, फोटोग्राफी अच्छी थी, समुद्र के दृश्य, रंगों का संयोजन बहुत अच्छा था. आज गर्मी बहुत है, साँस लेना मुश्किल है, पसीना सूखता ही नहीं है, ए.सी नहीं होता तो...पर हर वक्त तो उस कमरे में बैठा नहीं जा सकता. शायद इसी कारण या किसी अन्य वजह से वह  दुर्बलता अनुभव कर रही है, मन होता है लेट कर कोई किताब पढ़ती रहे. कल जून सुबह चार बजे ही चले गए थे, गैस कलेक्टिंग स्टेशन में ड्यूटी थी, लौटे शाम को सवा छह बज, बेहद थके हुए और गर्मी से परेशान.

“धूप किनारे” सचमुच एक बहुत अच्छा पाकिस्तानी धारावाहिक था. पिछले तीन-चार दिनों से डॉ अहमद, डॉ शीना, डॉ जोया और डॉ इरफ़ान इस कदर दिलोदिमाग पर छाये हुए थे कि और क्या हुआ कुछ खबर नहीं. डॉ जोया का चरित्र काफी सशक्त था, अंजी और इरफ़ान ने भी बहुत प्रभावित किया. उसने सोचा छोटी बहन को लिखेगी इस धारावाहिक के बारे में जो खुद भी डॉ है, ज्यादा समझ पायेगी. उसकी एक परिचिता की सासु माँ ने भी कहा था, यह सीरियल देखने के लिए, पर अब तक तो शायद वह घर चली गयी होंगी. जून कल जोरहाट चले गए थे, आज शाम को लौटेंगे. घर से पत्र आया है, ट्रेन टिकट बुकिंग करने केलिए वह परेशान हैं, हर कम जल्दी से जल्दी करना उनका स्वभाव है. इस समय नन्हा भी डायरी लिख रहा है. उसकी फरमाइश है कि आज वह रूह-अफजा वाली आइसक्रीम बनाये. कभी-कभी वह मैंगो आइसक्रीम के लिए कहता है, कस्टर्ड में उसकी पसंद की वस्तु डाल कर कुछ देर के लिए वह  फ्रीजर में रख देती है और ऐसी आइसक्रीम पाकर वह कितना खुश हो जाता है  कल रात भी जोरों की वर्षा हुई, रात एक बजे उसकी नींद खुली, फिर एसी बंद करके वे दूसरे कमरे में सोने गए.. आज मन में एक सुकून सा है, जैसे सब कुछ ठीक हो एक शांत धारा की तरह.. कुछ देर पहले जीनिया के फूल देखने गयी थी, कुछ फूल बहुत सुंदर हैं, शोख रंगों के..एक छोटा स नया फूल भी खिला है उस छोटे पॉट में जिसमें कुछ ही दिन पूर्व ही उसने अपनी मित्र से एक पौधा लाकर लगाया था.

पिछले दो तीन दिन घर की सफाई में लगी रही, पहले स्टोर फिर किचन और अभी भी काफी काम बाकी है. दराज वगैरह साफ करनी हैं और कपड़ों की आलमारी भी. अगले हफ्ते नन्हे का स्कूल खुल रहा है. आज भी मौसम अच्छा है. कल शाम वे पड़ोसी के यहाँ गए, मिसेज अ की तबियत ठीक नहीं है, डॉ ने अल्सर बताया है. पिछले कई दिनों से. आज दोपहर उसे भी अस्पताल जाना है पर अपने लिए नहीं, उसकी नैनी लक्ष्मी के लिए, उसे भी कभी कभी कमजोरी का अहसास होता है, फिर लगता है वहम ही होगा, अच्छी भली तो है. कल जून के एक परिचित का उसके जन्मदिन का कार्ड आया पूरे एक महीने बाद, अजीब-अजीब लोग होते हैं.



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