आज उसकी नाराज सखी अपने
परिवार के साथ घर गयी है, उसने सोचा, जब वह वापस आयेगी तब शायद भूल जाये और उनके
सम्बन्ध पहले की तरह हो जाएँ. आज फिर वर्षा हो रही है, ठंड भी बहुत है, बिल्कुल पालक
के पकौड़े खाने का मौसम है. लेकिन वे बाजार नहीं जा पाएंगे, कल भी नहीं जा पाए थे.
नन्हे ने आज ठीक से भोजन नहीं किया, इसी से वह जान जाती है कि उसकी तबियत कुछ
नासाज है. जल्दी ही सो भी गया आज. कल शाम वे एक परिवार से मिलने गए, गृहणी को अच्छा नहीं लगा कि वह बनारस में रहकर पढाई करे,
जून चाहते हैं कि अगले माह मार्च में जब वे वहाँ जाएँ उसके बाद वह और सोनू वहीं
रुक जायें, जून में प्रवेश परीक्षा है. उसके बाद वापस आने का कोई औचित्य नहीं. खैर
भविष्य में जो होगा उसके लिए क्या चिंतित होना, फ़िलहाल उसे आज की बात सोचनी चाहिए,
उसने सोचा.
आज कई दिनों के बाद वह लिख रही है, अस्वस्थ थी, अभी भी पूरी तरह स्वस्थ है, ऐसा
नहीं कह सकती. आज शनिवार है, संभवतः सोमवार से अपनी पुरानी दिनचर्या आरम्भ कर सके.
नन्हा अभी सो रहा है, साढ़े आठ बजे हैं सुबह के, हाफ डे के कारण जून जब दोपहर को
सोना चाहेंगे तो सोने नहीं देगा, धूप भी पड़ रही है उस पर खिड़की से, पर कैसे ठाठ से
सोया है, जैसे सुबह अलार्म सुनने के बाद भी जून सोये रहते हैं. कई पत्रों के जवाब
देने हैं, आज सभी को लिखेगी. कल उसकी मित्र आ गयी, उसकी और से, मित्रता रहे, ऐसी
कोई चेष्टा या भाव नजर नहीं आता, जून ने उसे जबरदस्ती भेजा उन्हें भोजन पर बुलाने
के लिए, पर वे लोग नहीं आये.
कल शाम नाश्ते में उन्होंने आलू के परांठे खाए, आलू पहले का था शायद इसलिए रात
तक जी भारी रहा दोनों का, टिफिन में हल्का नाश्ता ही ठीक रहता है उनके लिए. नन्हा
सोया है, कभी-कभी बेहिसाब, असीम प्यार आता है उस पर, उसकी भोली बातों पर. मौसम में
गर्मी का पुट आता जा रहा है, अब स्नान करने के बाद स्वेटर पहनने की आवश्यकता महसूस
नहीं होती. आज सुबह उसने बहुत दिनों बाद घर के सामने गली में कई चक्कर लगाये,
प्रातः कालीन शीतल पवन का आस्वादन किया तभी मन उसका शांत है. सब कुछ ठीकठाक चल रहा
हो तो वैसे भी मन शांत रहता है, उसे ध्यान आया, बनारस में वे लोग कैसे होंगे, अब
तो दुर्घटना को चार महीने हो गए हैं, पर यह वक्त बहुत थोडा है.
मार्च का महीना, यानि फूलों का महीना. आज मार्च का प्रथम दिन है, खिली-खिली धूप
है और वातावरण में है खुनकी सी, नन्हा उठ गया है पर बेड पर लेटे-लेटे ही टीवी देख
रहा है. उसके गीले बाल जरा सूख जाएँ तब भीतर जायेगी. कल एक सखी से उसने गुलाब की
कटिंग मांगी, जो उनके यहाँ से कितने सारे पौधे ले कर गयी है, पर उसने महसूस किया
कि देने में उसे बहुत अड़चन हो रही थी. उसने निर्णय किया कि अब किसी से कुछ नहीं
मांगेगी. आज उन्हें एक मित्र के यहाँ जाना है, उनकी बेटी का जन्मदिन है, उसी की
तैयारी में थोड़ी सहायता करने. मौसम के
अनुसार मूड भी बदल जाता है तो कल से जून ने गर्मी मनानी शुरू कर दी है, अब देखें
उनका रवैया कैसा रहता है, गर्म पानी नहीं आता है आजकल, टंकी में पानी चढ़ ही नहीं पाता
है. टीवी पर नन्हे का मनपसंद कार्यक्रम ‘नमूने’ आ रहा है. कल जन्मदिन की पार्टी
में उसका एक नई महिला से परिचय हुआ, बातचीत से सहयोग करने वाली लगी, उसके यहाँ भी
पार्टी है, उसने सोचा पूछेगी, क्या उसे कोई सहायता चाहिए.
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