कल जून को पत्र लिखा, कहीं
वह नाराज न हो गए हों कि उसने उन्हें मेस ज्वाइन करने को कहा, अब यह तो उनका पत्र
आने पर ही मालूम होगा. उसे पूरी आशा है आज उसका पत्र भी आयेगा. सुबह पांच बजे से
पहले ही उसकी नींद खुल गयी उमस और गर्मी के कारण. उसने सोचा आज रात से यहीं छत पर
सोयेगी जब सुबह छत पर टहलने गयी, हवा बहुत ठंडी थी, तन-मन को सहलाने वाली. उसे
कालेज के जमाने में घर के सामने वाले बगीचे में गुलाबों की झाड़ी से निकलने वाली
खुशबू और सुबह की शीतल पवन याद आ गयी. अगले महीने पिता रिटायर हो रहे हैं अब वह कभी
उस मकान में नहीं रह सकेगी. कल देवर के मित्र अपने एक मित्र की पत्नी को लेकर आए,
उसकी बातें और स्टाइल देखकर उसे भाभी व उनकी बहन की याद आ रही थी. पर उसकी कुछ
बातें सुनने में कानों को चुभने वाली थीं, सो वह उठकर चली गयी.
कल उसका पेन फिर कहीं खो गया, सो सुबह डायरी नहीं लिख पायी थी. इस समय सुबह के
साढ़े छह बजे हैं पर कमरे में गर्मी बहुत है. कल रात वे सभी छत पर सोये. कितने वर्षों
बाद उसे छत पर सोने का मौका मिला है, खुले आसमान के नीचे. बचपन में वे सभी किस्से
कहानी कहते हुए छत पर सोया करते थे गर्मियों में. आरम्भ में इतने लोगों के कारण
नींद ही नहीं आ रही थी, पर बाद में, कब सो गयी पता ही नहीं चला. सुबह पौने पांच
बजे के लगभग नींद खुली, कानों में मंदिर से आती मंत्र ध्वनि व स्तुति सुनाई दी जो
प्रातःकालीन मंद शीतल हवा में भली लग रही थी तो बनारस की सुबह के प्रसिद्ध होने का
अर्थ समझ में आया. नन्हा अभी तक सोया है. छत पर से आकर यहाँ इस कमरे में. सुबह-सुबह
मकानों की छतों पर यहाँ कितने बंदर भी घूमते दिखाई देते हैं. कल महावीर जयंती का
अवकाश था सो पोस्टमैन नहीं आया. जून को खत भेजने का दिन आज है, पर वह उसका पत्र
आने पर ही लिखेगी.
कल जून का पत्र मिला एक नहीं दो पत्र एक साथ. वह भी उसकी तरह परेशान था पत्र न
मिलने से. विवाह से पूर्व जिस तरह लम्बे पत्र लिखता था वैसा ही स्नेह भरा पत्र
पाकर उसकी ऑंखें भर आयीं, ऐसा तो उसे उसका पत्र पाकर कितनी ही बार हुआ है पर इसको
सामान्य ढंग से न लेकर माँ-पिताजी यह सोचने और फिर कहने लगे कि यहाँ उसका मन नहीं
लगता. एक महीना हो गया है उसे यहाँ रहते याद नहीं कि कभी ऐसा उन्हें महसूस होने
दिया हो. नन्हा अस्वस्थ होने के कारण या उसका पूरा ध्यान न मिलने के कारण परेशान कर
रहा था, उसका मन पहले से ही भरा था. उसने तय किया है आज से सोनू का पूरा ध्यान
रखेगी, चाहे पढ़ाई हो या न हो. घड़ी देखी, साढ़े पांच बजने को थे वह दिन का कार्य
आरम्भ करने के लिए उठी.
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