कल वह मेडिकल चेकअप के लिये गयी थी. सभी कुछ सामान्य
है, डॉक्टर ने ऐसा बताया. पर ढेर सारी दवाएं दे दी हैं. कितने महीने हो गए हैं
दवाएं खाते, टॉनिक व विटामिन के कैप्सूल हैं पर उसे अच्छा नहीं लगता लाल-पीली
गोलियाँ निगलना. माँ का पत्र आया था, सड़क दुर्घटना में मौसेरे भाई की अकाल मृत्यु
की खबर थी. भाभी व बच्चों की सूरतें बार-बार सामने आती रहीं, कभी-कभी मृत्यु कितनी
कठोर हो जाती है.
आज सुबह पानी नदारद था, गर्म पानी
वाले नल में थोड़ा पानी था सो गर्मी के बावजूद उसे उसी पानी से नहाना पड़ा. सुबह ठंडक
थी, वह कुछ देर घर के बाहर टहलती रही, जून सो रहा था. आजकल वह बहुत हौले-हौले बात
करता है, उससे या उसके माध्यम से आने वाले मेहमान से. अब उसे बैठ कर फूल काढ़ने
में दिक्कत होती है. यहाँ टीवी को चलाने के लिये बूस्टर लगाना पड़ता है, कल ही वह
लाया है इतने दिनों से शांत पड़ा टीवी शायद अब बोलने लगे.
जून के आने का समय होने को है. आते
ही वह उसका हाल पूछता है, कल बहुत दिनों बाद वह मोटरसाइकिल पर बैठी, जून ने बहुत
धीरे-धीरे चलाई ताकि उसे कोई परेशानी न हो. कल वह अम्बियाँ लाया था जिसकी चटनी
बनाने जब वह पड़ोस में गयी तो वह टीवी का एंटीना लगाने के लिये पाइप ले आया. एक-डेढ़
घंटे के प्रयास के बाद आखिर एंटीना व बूस्टर दोनों लग गए और इतने दिनों बाद टीवी
देखा, परिणाम बहुत अच्छा तो नहीं था क्योंकि पाइप की लम्बाई कुछ कम थी.
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