Wednesday, July 1, 2020

ट्रांसिडेंटल मैडिटेशन


जगत के प्रति राग-द्वेष जब कम हो जाता है तो उसकी स्मृति मन में नहीं आती. वह जैसे विलुप्त हो जाता है. ‘नई दृष्टि नई राह’ में अद्भुत ज्ञान सूत्र मिलते हैं. वे जितना-जितना समता में रहते हैं, आत्मा की शक्ति बढ़ती जाती है. शाम के पांच बजने वाले हैं. आज भजन का दिन है. सुबह गुरूजी को औरंगाबाद में कहते सुना, जीवन में गान, ध्यान और ज्ञान तीनों होने चाहिए. जून ने आज से मन्त्र जप शुरू किया है, ध्यान भी करेंगे और ज्ञान भी सुनेंगे. कुछ देर पूर्व वे लॉन में टहल रहे थे. ग्लैडियोली के फूल खिले हैं, डायन्थस, पॉपी आदि तो हैं. जरबेरा, गेंदा भी खूब खिल रहे हैं. सुबह सुबह को-ऑपरेटिव गयी, सभी ‘ज़ी न्यूज़’ पर मोदी का भाषण सुनने में तल्लीन थे. अभी टीवी पर सुना, मोदीजी कांग्रेस के खिलाफ बोल रहे हैं. चुनाव का वर्ष है, एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगने व लगाने स्वाभाविक हैं. 

कल सुबह-सुबह जून को एयर पोर्ट जाना है. फ्लाइट दोपहर ढाई बजे है पर बंद( ताई अहोम द्वार) के कारण सुबह तीन बजे ही निकल जाना होगा. कल मोदी जी गोहाटी आ रहे हैं उनका विरोध करने के लिए ही इस बन्द का आयोजन किया गया है. जब कि वह एम्स की नींव रखेंगे, नुमालीगढ़ में बायो रिफाइनरी का शिलान्यास और ब्रह्मपुत्र पर एक सड़क पुल का भी. वह त्रिपुरा भी जा रहे हैं. वर्षों बाद भारत को ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो देश के विकास के लिए दिन-रात एक कर रहा है. आज शाम को गुरूजी की किताब से कुछ वाक्य पढ़े तो सभी साधिकाओं के भीतर कोई न कोई विचार जाग उठा. वह ठीक कहते हैं , प्रेम जगत को गतिशील करता है. 

जून रात को दो बजे ही उठ गए, तीन बजे निकल गए. अभी भी एयरपोर्ट पर ही होंगे. प्रधानमंत्री कल पेट्रोटेक का उद्घाटन करेंगे, उस कार्यक्रम में भी शायद वह शामिल हो पाएं. इस समय चांगसारी में पीएम की रैली हो रही है. भीड़ बहुत ज्यादा है. उन्होंने कहा, कल गोहाटी से निकलने वाले अख़बारों में इसकी कोई खबर नहीं होगी, एक क्षण के लिए उनके स्वर में उदासी दिखी. पर अव वह असम के महापुरुषों को याद कर रहे हैं. उगते हुए सूरज की भूमि अरुणाचल में आज उनकी यात्रा हो रही है. हर राज्य की तरह यहाँ भी कई योजनाओं की घोषणा हुई. बीजेपी देश की संस्कृति को बढ़ावा देती है.. एक नए टीवी चैनल की भी शुरुआत हुई. ‘बच्चों की पढ़ाई, युवा को कमाई, वृद्धों को दवाई, किसान को सिंचाई, जन-जन की सुनवाई’ इस पंच धारा विकास को बढ़ावा देती है यह सरकार. कल सरस्वती पूजा है, नैनी ने आज सरस्वती माँ की तस्वीर को ढक कर रख दिया है. कल वह मृणाल ज्योति में पूजा के बाद दोपहर को खिचड़ी आदि का प्रसाद बनाकर घर पर भी पूजा करेगी. नन्हे से बात हुई, कल वे लोग नए घर जायेंगे.  

उस डायरी में पढ़ा, जाग्रत, स्वप्न और सुष्पति, तीन अवस्थाओं से ऊपर चौथी अवस्था में पहुँचना ध्यान है. मन को केंद्रित नहीं करना है न कोई प्रयत्न करना है, केवल मन्त्र को दोहराना है और शांत हो जाना है. उसे आश्चर्य हुआ,  कालेज में भी भावातीत ध्यान यानि ट्रांसिडेंटल मेडिटेशन की बात सुनी थी, पर तब इसका अर्थ जरा भी समझ नहीं आया होगा. अवश्य ही इसने अनजाने में नई दिशा और नई आशा प्रदान की होगी, इस पर चलने का समय अभी बहुत आगे था. 

उसे एक पत्र की प्रतीक्षा थी पर नहीं आया, सारी गड़बड़ डाक विभाग की है, है न ! वह सोचती है नम्रता बड़ी चीज है पर उसका स्वभाव ही ऐसा नहीं है. शायद अब पता नहीं क्यों मन पर एक किलो का बोझ लादा हुआ है, समाधान उपेक्षा से नहीं होगा, उतारना ही होगा, पर किस तरह यह स्पष्ट नहीं. (उस समय गुरु जो नहीं मिले थे) धर्मयुग में देश की वास्तविक आर्थिक स्थित पर लेख पढ़ा था दोपहर को, पढ़ती चली गयी. हे भगवान ! कितने कितने हथकंडे अपनाते हैं व्यापारी और सरकार का प्रोत्साहन ही उन्हें मिलता है. कंट्रोल का लाभ व्यापारियों को, नुकसान तो जनता को ही है. दिनमान भी पढ़नी है अभी. कालेज में एक सखी दिखी, एमजीआर उसने अनदेखा कर दिया, शायद जानबूझ कर, शायद वह समझती है उसके अनुत्तीर्ण हो जाने पर अब वह उसकी सखी नहीं है. एक अन्य सखी मिली बेहद खुश... नवविवाहिता का श्रृंगार नहीं पर स्वाभाविक प्रसन्नता जरूर दिखाई दी उसके चेहरे पर. अर अब यह की स्मृतियाँ मन में ही रहें, वहीं सुरक्षित हैं, कागज के पन्ने पर स्मृतियाँ नहीं रखी जा सकतीं. 

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