कल उसने तीन बार लिखने के
लिये डायरी उठाई पर हर बार कुछ न कुछ बात हो गयी और आज अभी सुबह के आठ बजे हैं,
सोनू अभी उठने वाला है. कल दिन भर व रात भर भी पानी बरसता रहा, मौसम में खुनकी है
अर्थात नमी..सुबह एक बार उठकर फिर सो गयी, उठी तो जून तैयार होकर जा रहे थे, नाश्ते
में कॉर्नफ्लेक्स व कोला खाकर, यहाँ केले को कोला कहते हैं, शुरू में यह बात
उन्हें अजीब लगती थी अब मुँह से कोला ही निकलता है. उसने एक बार फिर खुद से वादा
किया है कि आज से उसका ज्यादा ध्यान रखेगी, कल बहुत दिनों बाद लाइब्रेरी से दो
किताबें लायी, बाद में वे एक बच्चे के जन्मदिन की पार्टी में गए, अच्छा लगा सभी
परिचित लोग थे वहाँ.
कल शाम जून और उसने एक प्यारा सा वादा किया, मधुर बातें कीं, एक दूसरे के
स्नेह में डूबते-उतराते रहे, सुबह जल्दी उठ गए तभी आज सभी काम समय से हो गए हैं.
कल शाम एक नया परिचित तेलुगु जोड़ा उनके घर आया, श्रीमती राव की एक बात उसे बहुत
पसंद है, हर समय टिपटॉप रहती हैं, तैयार चुस्त-दुरस्त. एलआइसी की नौकरी के लिये
तैयारी कर रही हैं, परीक्षा सितम्बर में है. इसी हफ्ते माँ व ननद जा रही हैं, जून
उन्हें छोड़ने गोहाटी तक जायेंगे. नन्हा बुआ से नाश्ता खा रहा है, उसे माँ की साड़ी
पर फाल लगानी है, जो उस दिन जल गयी थी उससे प्रेस करते समय.
जून उन्हें गोहाटी तक छोड़कर कल वापस आ गए. दो दिन केवल नन्हा और वह दोनों ही
थे घर में, उसने लिखने नहीं दिया, आज भी पेन मांग रहा था, उसे किसी काम में लगाकर
वह आयी है. उनके पड़ोस की एक महिला जो बीमार थीं, आज महीनों बाद वापस आयी हैं, बेटे
का जन्म हुआ है, गोल गोल शक्ल है बिल्कुल माँ जैसी. कुछ देर पहले वह मिलकर
आयी.
कुछ दिनों का अंतराल और आज छोटे भाई का जन्मदिन है, उसे पत्र लिखेगी उसने मन
ही मन सोचा. नन्हा पड़ोस की दीदी के साथ खेल रहा है, आज वह स्कूल नहीं गयी. वर्षा
जो यहाँ के जीवन का अविभाज्य अंग है, रात भर होती रही अब भी काले काले बादल बने
हुए हैं. सुबह ठंड लग रही है कहकर जून ने नहाने में आनाकानी की तो वह उससे व्यर्थ
ही नाराज हो गयी, सोचा है, उसकी पसंद के मूली के परांठे बनाएगी तो वह खुश हो
जायेंगे,
शहर में बाढ़ आ गयी है, बूढी दिहिंग में पानी बहुत बढ़ गया है. कल वे लोग नदी
व बाढ़ देखने गए थे. सेटलमेंट एरिया में तो घरों में पानी घुस गया है. सेंट्रल
स्कूल जाने वाली सड़क बिल्कुल पानी में डूब गयी है. संभव है रात भर में पानी कुछ कम
हआ हो. डिब्रूगढ़ के कई गाँव खाली करवा दिए गए हैं, बहुत से लोग यहाँ भी स्कूलों
में रह रहे हैं. बिहार में कल फिर भूचाल आया कुछ सेकंड्स के लिये. पिछले भूकम्प
में हजारों व्यक्ति घायल हुए और पांच सौ मारे गए., शायद उससे भी ज्यादा, यहाँ भी
पिछले कई दिनों से लगातार वर्षा हो रही है, कुछ देर को थमती है फिर शुरू हो जाती
है. मौसम काफ़ी ठन्डा हो गया है.
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