आज से ईशोपनिषद सुनना आरम्भ किया है. उपनिषद उन्हें परमात्मा
के निकट ले जाते हैं. भारतीय संस्कृति की आत्मा अध्यात्म ही है. आचार्य सत्यजित
सरल ढंग से व्याख्या करते हैं. वह कहते हैं, मुख्य ग्यारह उपनिषदों का अध्ययन वह
धीरे-धीरे करायेंगे. ईशोपनिषद सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. यह यजुर्वेद के एक भाग से
लिया गया है. दस उपनिषद ब्राह्मण ग्रन्थों से लिए गये हैं कुछ आरण्यक ग्रन्थों से
भी. विद्या, अविद्या, आनंद और तुरीय में अविद्या को छोड़कर तीन अमृत स्वरूप हैं.
आत्मा का स्वरूप आनंद है, उसका गुण ज्ञान अथवा विद्या है, वह अविनाशी है. जो सदा
एक रूप में न रहे वह अविद्या है. देह निरंतर बदल रही है. जब कोई पदार्थ किसी विशेष
गुण में प्रकट हो जाये तो वह विवर्त कहलाता है. माया, कला अथवा अविद्या परमात्मा
का विवर्त है. ब्रह्म का एक चरण विश्व के रूप में प्रकट हुआ है, उसके तीन चरण
अमृतमय हैं.
आज मौसम सुहाना है, वर्षा रात भर होती रही. सुबह वे छाता
लेकर टहलने गये. जून को डाक्टर ने एक घंटा टहलने के लिए कहा है, इससे उनका स्वास्थ्य
भी सुधर रहा है. उन्होंने विटामिन डी व थायराइड का परीक्षण भी कराया है, रिपोर्ट
अगले हफ्ते मिलेगी. सभी प्राणी स्वयं को केवल अन्नमय कोश के रूप में जानते हैं. इस
तरह तो वे भोजन पचाने का एक उद्योग मात्र ही तो हैं. वे अन्न पर निर्भर हैं पर
केवल अन्नमयकोश ही नहीं हैं, वे देह से परे एक ऊर्जा भी हैं, जो स्वयं में पूर्ण
है. कल रात स्वप्न में अपने पीले कुरते में उसने एक सैनिक का अवशेष ले जाते हुए
देखा, सूखा हुआ. एक दुर्घटना भी देखी, लोगों को घायल अवस्था में देखकर भी वे
निर्लिप्त भाव से आगे बढ़ जाते हैं. पर स्वप्न में भी यह ख्याल आया, देखो, वे उनकी
मदद नहीं कर रहे हैं. पिछले दो दिन फिर पूर्ण शुद्धि नहीं हुई. देह भारी हो तो मन
भ्रमित हो जाता है.
कल मृणाल ज्योति की मीटिंग थी, दस में से केवल चार ही जन
थे. इसका कारण वहाँ के दो नये कर्मचारियों की अपेक्षाएं थीं, उनकी मांग थी. कितना
सही है, अपेक्षाएं आनंद को घटा देती हैं. उसे भी कुछ कार्य करने हैं. शिक्षक दिवस
पर एक प्रेरणात्मक वर्कशॉप करनी है. स्कूल में हर हफ्ते जाना है. आज ध्यान के बाद
हाथों में एक अनोखी ऊर्जा का अहसास हो रहा है. उस एक ने उसके हृदय पर अपना अधिकार
कर लिया है. धी, धृति, स्मृति में वही समा गया है. जून ने कहा है वह कंपनी में
कार्यरत दिव्यांग जनों की सूची दिला सकते हैं तथा स्कूल के पानी का परीक्षण भी करवा
सकते हैं. ये दोनो बातें कल मीटिंग में उठी थीं. जून भी मृणाल ज्योति के आजीवन सदस्य
बने हैं. इस माह उसका जन्मदिन है उसने सोचा क्यों न इस बार सर्वेंट लाइन के बच्चों
व उनकी माओं को भी पार्टी दे.
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 23/03/2019 की बुलेटिन, " वास्तविक राष्ट्र नायकों का बलिदान दिवस - २३ मार्च “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार !
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