परसों वे मिजोरम से लौट आये. यात्रा के दौरान लिखे विवरण से एक
आलेख लिखा है, ब्लॉग पर पोस्ट करना है. कल मृणाल ज्योति में ‘डाउन सिंड्रोम दिवस’
मनाया गया, डिब्रूगढ़ स्थित एक समाज सेवी संस्था व समाज के कई लोग शामिल हुए. पिछले
दिनों अनोखे स्वप्न भी देखे, एक में स्वयं को चाबी के बिना एक ताला खोलते देखा, माना
अपना ही घर था, पर इससे पता चला कि किसी न किसी जन्म में यह कला भी आती थी, तभी मन
में झट संदेह जागता है जब कोई वस्तु नहीं मिलती. एक स्वप्न में आकाश में विशाल रीढ़
की हड्डी देखी, सारी कशेरुकाएं ! कितनी विशाल आकृति थी, वह नन्हे को बुलाकर कहती
है, देखो आकश में क्या है, तब तक आकृति बदल जाती है. एक पक्षी को देखा, काले रंग
का कौआ, जो निकट आ जाता है और उसे वे सहलाते हैं, उस पर साबुन लगाते हैं, वह आराम
से बैठा रहता है. जून डेंटिस्ट के पास गये हैं.
आज अपेक्षाकृत मौसम गर्म है. सुबह सामान्य थी, ब्लॉग पर
लिखा, कई अन्य ब्लॉगस पढ़े, प्रतिक्रिया दी. लेखक या कवि के लेखन के लिए पाठक न हों
तो किसी हद तक उसका उद्देश्य अधूरा ही रह जाता है, लिखे को पढ़ने वाले हों तभी रचना
सार्थक है. स्वान्तः सुखाय लेखन भी पाठकों के कारण ही अपने लक्ष्य को पाता है.
टीवी पर समाचार देखे, उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए नई
सरकार पूरा जोर लगी रही है. जून मिजोरम से वापस आकर देहली भी घूम आये हैं. आज
दोपहर लंच पर नहीं आये, दफ्तर में कोई आयोजन था. बंगाली सखी के पतिदेव को दफ्तर
में प्रमोशन मिल गया है, शायद अब उसकी नाराजगी दूर हो. दुःख का कारण सुख की चाह ही
तो है. कई दिनों से उससे बात नहीं हुई है. छोटी बहन की खांसी अभी तक दूर नहीं हुई
है, उसे अपने मन को खाली रखना होगा पहले. दीदी से बात हुई, वह शायद इस वर्ष
आस्ट्रेलिया जाएँगी, शायद नार्वे भी जाएँ. नन्हे और सोनू से होली पर बात की, उन्हें पहली होली की बधाई दी,
अच्छा लगा उन दोनों को. आज अपने विवाह के वर्ष की डायरी पढ़ी, उसमें लिखा था, जून
अपने सीनियर्स के प्रेम पात्र बने रहें, ऐसे कामना वह करती है. ..और ऐसा ही हुआ है
!
आज अयोध्या कांड का अगला अध्याय लिखा. बड़ी ननद से फोन पर
बात की, उसके यहाँ जाने की बात भी, एक दिन अवश्य वहाँ जाना सम्भव होगा. अनेक वर्ष
पूर्व वे वहाँ गये थे, शायद दस-बारह वर्ष पूर्व. आज भी मौसम गर्म है, सर्दियों के
वस्त्र सहेज दिए और गर्मियों के निकाले. कौन जाने कल से वर्षा शुरू हो जाये और ठंड
पुनः लौट आये. आज बगीचे से चुकन्दर तोड़े और एक कटहल भी. अगले दो वर्ष वे ताज़ी
सब्जियों का आनंद और ले सकते हैं. उसका वजन आजकल बढ़ गया है. व्यायाम अधिक करना
होगा और भोजन कम, सीधा सा उपाय है.
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