Tuesday, July 11, 2017

हरियाली का गीत


वर्षा आज भी लगतार हो रही है. पिछले तीन दिनों से वर्षा के कारण प्रातः या सांय भ्रमण नहीं हुआ, आज वर्षा थमने पर जाना ही होगा.  पेड़-पौधे और घास गहरी तृप्ति का अनुभव कर रहे हैं. हरियाली एकाएक बढ़ गयी है. आकाश बादलों से घिरा है. वायुदेव मंदगति से पेड़ों को झुला रहे हैं. बूंदों की टिपटिप और पंछियों के स्वर दोपहर को संगीतमय कर रहे हैं. अभी कुछ देर पूर्व ही उसने चाय पी और आकाश को निहारते हुए कुछ प्रकाश बिन्दुओं को हवा में तैरते देखा. सम्भवतः ये जीवात्माएं हैं जो उनके चारों ओर एक और आयाम में रहती हैं. कभी-कभी प्रकृति अपने रहस्य खोल देती है. एक धुआं सा कभी-कभी धरा से उठता दिखाई देता है, कभी गगन से बरसता हुआ..परमात्मा अपनी उपस्थिति से उन्हें भर देना चाहता है. उसका अंतर उसके लिए खाली है, वहाँ और कोई नहीं है, वही है, वैसे भी वहाँ क्या था, सिवाय अहंकार से उपजी पीड़ा के. वे व्यर्थ ही स्वयं को ढोए चले जाते हैं. शायद नहीं निश्चय हो गया है अब, मन जिसे वे कहते हैं केवल उनकी मूर्खता का दूसरा नाम है, अज्ञानवश वे देख ही नहीं पाते. सतोगुण को तमस व रजस ढक लेता है और उनकी दृष्टि ही दूषित हो जाती है. अपना भला-बुरा भी सोचने की क्षमता नहीं रहती. प्रारब्धवश जो भी सुख-दुःख मिलते हैं, उनमें उनका क्या योगदान है, अहंकार करने जैसा तो यहाँ कुछ भी नहीं है. 

दोपहर को उस छात्र को फोन किया जो बैठे-बैठे सो जाता था, वे लोग तीन दिन बाद जा रहे हैं, उसके पिताजी रिटायर हो गये हैं. कल सामान चला जायेगा. उसके लिए कविता लिखी, जून प्रिंट करके लाये, वह कोओपरेटिव गयी, एक मग और एक चाकलेट ली, उसकी माँ बहुत खुश हुईं, वर्षों पहले उन्होंने उसे संगीत सिखाया था. आज भी लगातार वर्षा हो रही है. शाम को किशोरियों के लिए महिला क्लब का एक कार्यक्रम था, उनकी शारीरिक व अन्य समस्याओं के बारे में कुछ जानकारी दी गयी. लेडीज क्लब ने अच्छी पहल की है. यहाँ की लडकियों को एक मंच दिया है जहाँ वे अपनी समस्यायें कह सकती हैं. कल ही खबर सुनी थी कि एक लड़की ने आत्महत्या कर ली. महिलाओं के प्रति अत्याचार बढ़ते ही जा रहे हैं. डिब्रूगढ़ में एक लेडी डाक्टर की हत्या वार्डबॉय ने कर दी. टीवी पर मोदी जी का इंटरव्यू आ रहा है. नन्हा कल अपने एक मित्र की शादी में जा रहा है. एक दिन उसकी शादी में भी सभी मित्र आयेंगे.

पांच दिनों का अन्तराल. आज चुनाव के परिमाण आ गये हैं. बीजेपी ने ऐतिहासिक विजय हासिल की है. टीवी पर सुबह से एक ही चर्चा है. मौसम अब अपेक्षाकृत गर्म है. पिछले दिनों छोटी ननद, बहन के पास गयी, फोन किया तो पता चला मंझली भांजी घर आ गयी है ससुराल छोड़कर. वे सभी बहुत परेशान हैं. उन्होंने छोटी व मंझली दोनों भांजियों को यहाँ आने को कहा है. एक महीना वे उनके साथ रहेंगी. परसों नन्हा भी आ रहा है. अगला एक महीना व्यस्त रहने वाला है. जीवन में कुछ परिवर्तन हो तो अच्छा लगता है.

आज दोनों बहनें आ गयी हैं, वह उन्हें लेने एयरपोर्ट गयी थी, दोनों खुश लग रही हैं. नन्हा भी आ गया है, उसने ‘श्रद्धा सुमन’ ब्लॉग में लेबल ठीक करने में उसकी सहायता की.  उसके एक मित्र के विवाह में उन्हें जोरहाट जाना था, वापस आकर भी दो-तीन दिन हो गये हैं.

इस समय वर्षा हो रही है, वह बाहर के बरामदे में बैठी है. दोनों लड़कियाँ अपने कमरे में हैं. बड़ी किताब पढ़ रही है, छोटी फोन पर व्यस्त है, मौसम की कारगुजारी देखने का उनके पास वक्त नहीं है. बड़ी की समस्या सुलझती नजर नहीं आ रही है. वह अपने आप को जरा भी बदलना नहीं चाहती पर वह नहीं जानती ऐसा करके वह अपना ही नुकसान कर रही है. वे सभी किस तरह माया के पाश में जकड़े हुए हैं. उसने आर्ट ऑफ़ लिविंग टीचर से बात की शायद वह कुछ सुझाव दें, अगले हफ्ते वह आएँगी. गुरूजी के ज्ञान से बड़ी के जीवन में कुछ परिवर्तन तो आएगा ही. नन्हा वापस चला गया है.

आज उसका जन्मदिन है, सुबह से ही बधाई संदेश आ रहे हैं. सुबह वे मृणाल ज्योति गये, भाजिंयों ने बच्चों को नृत्य के कुछ स्टेप्स सिखाये, उन्हें अच्छा लगा. सभी को मिठाई व नमकीन वितरित किया. अभी कुछ देर में शाम के मेहमान आयेंगे, उसने जून का लाया फूलों वाला टॉप और लंबा स्कर्ट पहना है. मौसम आज अच्छा है.  

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