Tuesday, March 25, 2014

लीची का शरबत


कल उन्हें पता चला कि एक मित्र को vertigo हो गया है, उसने पहली बार यह शब्द सुना था, शायद कान से जुड़ा कोई रोग है. वे लोग देखने गये तो पीने के लिए कोल्डड्रिंक दिया गया, जुकाम होने के बावजूद शिष्टाचार वश उससे मना नहीं किया गया, वैसे ज्यादा ठंडा नहीं था, पर उसके कारण नुकसान तो हुआ ही होगा. गले में दोनों ओर सूजन  हो गयी है और छूने से एक ग्लैंड में हल्का दर्द भी होता है, धीरे-धीरे खुद ही ठीक हो जायेगा, जून उसकी बीमारी से घबरा जाते हैं.

आज भी वह स्वस्थ नहीं है, बांया गाल फूल गया है, ब्रश करते समय व खाते समय दर्द होता है. आज डॉ को दिखा ही लेना होगा, जून ने परसों भी फोन किया था, पर उसके मना करने पर वे मान गये, उसे यकीन था कि एक-दो दिनों में ठीक हो जाएगी, पर उसके अस्वस्थ रहने से घर का माहौल ही अस्त-व्यस्त हो जाता है. कल शाम एक मित्र परिवार मिलने आया, उन्होंने पहली बार लीची का शरबत बनाया, खुद उसे पसंद नहीं आया, उसकी सखी जान ही नहीं पाई कि वह  अस्वस्थ है, शायद जैमिनी अपनी बीमारी छिपाने में माहिर होते हैं, खास-तौर से उसे तो अपने रोग के बारे में बात करना बहुत खराब लगता है, अस्वस्थ होना एक गुनाह लगता है, मानसिक उदासी हो या शारीरिक परेशानी स्वयं तक ही सीमित रखना ठीक है, जब तक कि ऐसा किया जा सकता हो. जून को लेकिन वह सब कह देती है, उनसे छिपाना मुमकिन भी नहीं है जो चेहरे के एक-एक भाव को पढ़ लेते हैं.

आज शाम लेडीज क्लब की कमेटी मीटिंग है, जो अब मात्र तीन और रह गयी हैं, इसके बाद नई कमेटी बनेगी और उसकी व्यस्तता कम हो जाएगी. जिस वक्त फोन आया, वह बहुत परेशान थी, कुछ देर पहले ही नन्हे पर झुंझलाई थी, अपनी अस्वस्थता से तंग आ चुकी थी, कल अस्पताल से ढेर सारी दवाइयाँ लेकर आई थी, चार-पांच दिन की अस्वस्थता ने ही जब इतना बेचैन कर दिया है तो उनकी मनोस्थिति कैसी होती होगी, जिन्हें मालूम होता होगा कि सारी उम्र उन्हें इसी के साथ जीना है. साढ़े नौ हो गये हैं, उसने पूरा एक घंटा फोन पर बात की होगी, एक-एक करके तीन सखियों से, इधर-उधर की बातें करना यूँ ही बिना किसी वजह के, शायद वह स्वयं को यकीन दिलाना चाहती है कि वह ठीक हो गयी है. शाम को जाना भी है, नई साड़ी में कल शाम फाल लगाई और आज पीको करवाने के लिए दी है. पिछले एक घंटे में कुछ देर पीटीवी पर एक धारावाहिक ‘सियाह सुफेद’ देखा, जिसका मुख्य चरित्र एक काला मन लिए है, उसका बेटा जिसे हीरो भी कह सकते हैं, काला है न सफेद बल्कि सलेटी है पर एक न एक दिन उसे अपना रास्ता चुनना ही पड़ेगा, आदमी या तो अच्छाई के रास्ते पर पूरी तरह चल सकता है या नहीं चल सकता. आज भी धूप उतनी ही तेज है, आज उसे पत्र भी लिखने हैं, सारी दोपहर सामने है और मन में उत्साह भी कि वह स्वस्थ हो रही है.

आज फिर उसे अपनी अस्वस्थता का अहसास हो रहा है, सुबह सेक्रेटरी आई थीं, लेडीज क्लब के बुलेटिन की कॉपी लेने जो उसने कम्प्यूटर पर टाइप किया था. मशहूर संगीतकार मदन मोहन को श्रद्धांजलि स्वरूप समर्पित किया गया एक सीडी सुना.

आज स्वस्थ है, बिलकुल ठीक होना कैसा होता है, वह तो भूल ही गयी है, पर अपेक्षाकृत काफी ठीक है, दस बजे संगीत कक्षा में जाना है. आज भी गर्मी पहले सी है, कल शाम बंगाल की खाड़ी में आये तूफान की वजह से ठंडी हवा बहने लगी थी पर बादल भी उसी के साथ हवा हो गये. सवा नौ हुए हैं, थोड़ी देर पहले ही स्वीपर को ढंग से काम न करने पर फटकारा है, कल भी उसने एक बाथरूम बिना धोये ही छोड़ दिया था, शायद बीमारी के कारण, अस्वस्थता हर इन्सान को एक सा दुख देती है, ठीक ही कहा है, अस्वस्थता से बढकर कोई अभिशाप नहीं, कोई गरीबी नहीं, कोई गुनाह नहीं.

And today she could do exercise also. It rained in the night, every thing is clean, cold and wet outside but inside is still stuffy. ‘Teacher’ is being shown on zee tv, one of the good serial. Yesterday could not write, went to see the doctor for pain in arm, then to hindi class and evening was with shahrukh khan and juhi chawla. Secretary  picked her up for going to give fare well bouquet to one lady, (singer and radio artist) she is leaving this place  for ever. In the morning talked to mother who is with younger sister. Sister is happy, she is now captain. Got her letter also, she is very very sensitive and sensible girl. Nuna is proud of her !








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