Wednesday, July 3, 2013

क्लोज़अप अन्ताक्षरी



ऐसा लगता है अब से उसे लिखने का वक्त दोपहर को ही मिलेगा, सुबहें स्टार टीवी, जी टीवी और पी टीवी के कारण कितनी व्यस्त हो गयी हैं. समय का पता ही नहीं चलता कहाँ उड़ जाता है. इस समय उसका दिल टीवी में है पर वह जानती है, यह ठीक नहीं है, कोई अपने काम काज ही भुला बैठे किसी टीवी कार्यक्रम के कारण, यहाँ तक कि  नन्हा भी इस छोटी सी मगर बेहद जरूरी बात को समझता है, जून भी कुछ ज्यादा उत्सुक नहीं दीखते, बस वही है जिसके पास कुछ ज्यादा समय है.

आज शनिवार है, ग्यारह बज गये हैं, जून अभी तक नहीं आए हैं. उसने घर की साप्ताहिक सफाई करवाई, अभी कुछ देर पहले स्नान किया, कुछ देर प्रार्थना की और अब कल का अख़बार व डायरी लेकर बैठी है. कल शाम टीवी के साथ थी सो वे अख़बार नहीं पढ़ सके, शाम को एक मित्र परिवार आया और उन्होंने क्लोजअप अन्ताक्षरी देखी, अच्छा लगा यह कार्यक्रम. पर आज सुबह से उसने टीवी नहीं चलाया है, क्योंकि शनिवार है और शाम को वे देर तक देखने ही वाले हैं इसीलिए.

अगस्त का पहला दिन बेहद गर्म है, बिना पंखे के दो मिनट भी रहने से शरीर पसीने से भीग जाता है. इस वर्ष गर्मी की शुरुआत काफी देर से हुई है. ग्यारह बजने बजने को हैं, उसने लंच बना लिया है, जून आज थर्मस में चाय ले गये हैं, उनके ऑफिस में टी बॉय को लेकर कुछ झमेला चल रहा है, परसों शाम को जब वे मित्र की प्रतीक्षा कर रहे थे उन्होंने वे सब बातें उसे बतायीं.

और आज ग्यारह अगस्त आ गया, मौसम आज भीगा-भीगा सा है. कल रात से वर्षा हो रही है, पिछले दिनों लगभग रोज ही लिखने का ख्याल मन में आया पर शुरू के तीन-चार दिन सफाई में निकल गये, फिर उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं था, एक दिन सुबह दो पड़ोसिनें मिलने आ गयीं. कल वे तिनसुकिया गये, वह कुछ कपड़े खरीदने की सोच रह थी, एक नीली टी शर्ट जून के लिए, नाईट सूट नन्हे के लिए और गाउन, सलवार कमीज अपने लिए. पर जून की पसंद की टी शर्ट नहीं मिली, न ही गुसी की नाईट ड्रेस नन्हे के लिए. कल उसने इतने वर्षों में पहली बार फोन से घर बात की. आज सुबह से ही मन शांत है, उठते ही ‘जागरण’ सुना, जागरण के नाम से ही दीदी की याद आ जाती है. उन्हें खत भी लिखना है. इन्सान को आईने की तरह होना चाहिए, आईना सब देखता है और दिखाता है पर कुछ पकड़ता नहीं, संसार में रहकर भी संसार से अलग. आज शाम को एक मित्र परिवार भी आ रहा है, उनसे मिलने के लिए भी शांत होना जरूरी है, पता नहीं वे किस मूड में होंगे, उसने प्रार्थना की, ईश्वर उन्हें खुशियाँ दे. नन्हे का आज चौथा यूनिट टेस्ट है, परसों शाम वे किन्ही मित्र के यहाँ थे तो वह ठीक महसूस नहीं कर रहा था, शायद बच्चे घर की महक को ज्यादा महसूस कर पाते हों. कल सुबह उठा तो ठीक था.


No comments:

Post a Comment