Friday, July 12, 2013

घर की सफाई


आज मन शांत है, स्थिर और उदासी का नामनिशान भी नहीं, दर्द है, बेचैनी है मगर उसे सहने की ताकत भी है, परेशानी तभी बढ़ती है जब कोई पीड़ा से भागना चाहता है. ईश्वर की बनाई हुई इस दुनिया में, प्रकृति में जो जैसा है उसे वैसे ही स्वीकारना होगा. अंत में सब ठीक हो ही जाने वाला है, दोपहर को फिर से डाक्टर के पास जाना है, वह एक बजे तक आ जायेंगे, वह अर्थात जून. सोमवार को भी जाना है, यानि दो दिन बाद, सो खतों का जवाब इन दो दिनों में ही दे देना होगा. कौन जाने, भविष्य में क्या छिपा है ? पिछले दो-तीन दिन से जो ख्याल मन में छाया हुआ था, एक दूसरी दुनिया का ख्याल, अपने आप पीछे छूट गया है. अपने आप को खोल कर रख देने से ही शायद यह सम्भव हुआ है. अन्तर्मुखी होना हर वक्त अच्छा नहीं होता...स्वास्थ्य के लिए, कल यही कहा था उसकी सखी ने, वह आत्मविश्वास से भरी थी, प्रसन्न और बातूनी.. आज उन्होंने छोटी बहन से बात की वे लोग अक्तूबर में आ रहे हैं. उसके पहले घर की सफाई करनी होगी, उसने सोचा, तबियत ठीक होते ही लगना होगा. कितना सारा काम है, अलमारी की सफाई, सारी क्राकरी भी धो-पोंछ कर रखनी होगी. और सारी दराजें भी साफ करनी हैं, पूरा एक हफ्ता लगेगा.
मौसम आज भी अच्छा है, बादल हैं, सो धूप तेज नहीं है, हवा चल रही है सो अमलतास की डालियाँ रह-रह कर हिल उठती हैं. दर्द कम है कभी बिलकुल भी नहीं सो वह अपने सभी कार्य व्यायाम को छोडकर कर पा रही है. अभी अभी पी टीवी पर एक मजाहिया खेल देखा, सीधीसादी सी भाषा और पात्र भी भोले भाले, महमूद साहब हमारे जहीर साहब से कितने मिलते-जुलते हैं और जहाँआरा की भाषा पश्चिमी उत्तर प्रदेश की भाषा जैसी ही है. उसका गला अभी भी ठीक नहीं हुआ है, कुछ देर पहले तुलसी की चाय पी. उसकी सखी ने आज सुबह-सुबह फोन किया, वह उसके प्रति कृतज्ञता से भर गयी. वह लिख रही थी, तभी घंटी बजी, गोबर वाला था, उसने एक ठेला लिया, गुलदाउदी के पौधे लगाने के लिए. बाद में माली गोबर, मिटटी व बालू को मिलाकर गमलों में भरेगा. उसने सोचा बहन के आने के पूर्व उसे गमले तैयार कर लेने हैं.

Today she is restless. Mind is wondering and she is not able to concentrate it at one place. Tomorrow is the D day, they were waiting for it since last 20 days.

She wrote her favorite lines-
The woods are lovely dark and deep
But I have promises to keep
And miles to go before I sleep
And miles to go before I sleep

She read in a book-

In every thing that happens there is a hidden meaning of mercy ie there is a hidden blessing.

So whatever comes greet that experience? Everything happens at right time. Rejoice at everything that happens to you. It has come to you as gift of God.

Everyday we should practice some silence.

Have child like trust in Him. The day on which you have not helped other is a useless day.

It is your birth right to live in the divine presence of God.




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