पिछले तीन दिन पता नहीं कैसी व्यस्तता बनी रही. देश में तनाव का वातावरण है. कल सुबह भारतीय मिराज विमानों ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादी ठिकानों पर बम बरसाए. आज सुबह उनका जहाज भारत में घुस आया. युद्ध जैसे हालात हो गए हैं. पता नहीं कल का सूरज क्या लेकर आएगा. प्रधानमंत्री की रात कैसे बीत रही होगी, पता नहीं. देशवासियों की शुभकामनायें उनके साथ हैं. जून कल गोहाटी गए हैं, आज एक सहकर्मी के पुत्र के विवाह में जायेंगे. अभी कुछ देर पूर्व नन्हे से बात हुई, देश के हालात ही चर्चा का मुख्य विषय थे. उसने बताया, कल या परसों से नए घर में पेंटिंग का कार्य आरंभ हो जायेगा. वे अप्रैल या मई में वहाँ जायेंगे. आज सुबह पिताजी से बात हुई, मुख्यतः वही बात थी. ईश्वर सभी को सदबुद्धि दे और युद्ध टले.
....
विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान में फंस गए हैं.
.....
विंग कमांडर अभिनंदन आज पाकिस्तान से लौट रहे हैं.
भारत पाकिस्तान सीमा पर गोली-बारी जारी है. कल विंग कमांडर के वापस आने पर पूरे भारत में जश्न का माहौल था. लोग शहीदों की मृत्यु का दुःख कुछ भुला पाए हैं. आज नयी प्रेसीडेंट की अध्यक्षता में महिला क्लब की पहली मीटिंग हुई. एक वर्ष के अंदर वह और नई प्रेसीडेंट भी चली जायेंगी, फिर कोई और कमान संभालेगा। पिताजी से बात हुई, वह घर पर अकेले थे, भाई परिवार सहित घूमने गया है, उसके दामाद का जन्मदिन है.
टीवी पर दिल्ली में बने समर स्मारक को दिखाया जा रहा है. जहाँ आजादी के बाद से अब तक शहीद हुए 26000 सैनिकों के नाम लिखे हैं. पाकिस्तान से भारत का अनेक बार युद्ध हो चुका है, वह कश्मीर को लेना चाहता है और भारत कश्मीर को अपना अटूट अंग मानता है. संभव है आने वाली पीढ़ियाँ इस बात को समझें और एक दिन वहाँ शांति हो जाये.
जियें तो सदा उसी के लिए यही अभिमान रहे यह हर्ष
निछावर कर दें हम सर्वस्व हमारा प्यारा भारतवर्ष
आज वर्षों के बाद ‘हम लोग’ देखा. दोपहर को बच्चों को शिव का चित्र बनाना सिखाया, कल शिवरात्रि है वे आर्ट ऑफ़ लिविंग सेंटर जायेंगे.
उस डायरी में उस दिन की सूक्ति थी - संघर्षों से भागना ही कायरता है. जब पढ़ा तो लगा जैसे सारा माहौल ही बदल गया हो. दिन भर वह खुश रही पर एक हल्की सी कसक रही इस बात की, कि इस ख़ुशी के पीछे क्या बात है ! कल अंतिम बार कालेज जाना है, फिर तो फीस जमा करने या प्रवेश पत्र लेने ही जाना होगा उसके बाद परीक्षा देने. कल दादाजी से मिलने भी जाना है, चचेरी बहन प्रतीक्षा करती होगी. सुबह जल्दी उठी, घूमने भी गयी, सबसे अच्छे पल होते हैं वे सुबह की उजली-उजली हवा में सूरज के आगमन की प्रतीक्षा करना और फूलों से गुफ्तगू करना. न कोई चिंता न फ़िक्र. हर रोज सुबह आती है उसे मालूम कहाँ था !
सुन्दर और मार्मिक।
ReplyDeleteस्वागत व आभार !
ReplyDelete