Thursday, June 13, 2019

जुकिनी की पौध





पौने तीन बजने वाले हैं, माली की प्रतीक्षा है. आज सुबह नर्सरी गयी थी, फूल गोभी, पत्ता गोभी, व ब्रोकोली की पौध लायी, शिमला मिर्च, बैंगन व जुकुनी की भी. उसे फोन किया, कहने लगा, आ रहा है. तीन बजे से योग कक्षा आरम्भ हो जाएगी. आज सुबह मृणाल ज्योति में भी बच्चों को योग कराया. नैनी ने बताया उसका पति गलत संगत में पड़ गया है. लोग अपना जीवन स्वयं ही बर्बाद करते हैं. एक बार कुसंगति में पड़ जाने पर उससे निकलना कितना कठिन होता है. आज नन्हे व सोनू के लिये लिखी कविता टाइप की है. अभी कुछ शेष है, उसे सुंदर फॉण्ट में प्रिंट करके ले जाना है. कल शाम को दो अध्यापिकाएं आयीं, टाइनी टॉट्स के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में निमंत्रित करने के लिए, एक डिनर तथा एक लंच भी है.

रात्रि के आठ बजे हैं आज 'टुबड़ी' है, गुरु नानक देव का जन्मदिन. सुबह पिताजी को उनके जन्मदिन की बधाई दी. छोटी भाभी ने बहुत अच्छी तरह से उनका जन्मदिन मनाया. केक बनाया, फूल और स्वेटर उपहार में दिए. व्हाट्स एप पर उनकी आवाज में बधाई का उत्तर दिलवाया. जून को एक सहकर्मी के यहाँ जाकर एक प्रेजेंटेशन तैयार करने का अवसर मिला. सभी पब्लिक सेक्टर्स की कम्पनी के अनुसन्धान विभागों को जोड़ने के लिए भूमिका बनाने का कार्य करने एक उच्च स्तरीय कमेटी कमेटी आ रही है. उसे ही देना है. आज वह कविता पूरी हो गयी, कुछ ज्यादा ही लम्बी हो गयी है, जून इसे प्रिंट करके ला देंगे. आज भी योग वसिष्ठ पर स्वामी अनुभवानंद जी का प्रवचन सुना. मन जब अपने स्वरूप में देर तक टिकने लगता है. एक सहज प्रकाश की नदी में डूबता-उतराता है और नील अम्बर में निर्बाध उड़ता है. जीवन मुक्त इसी को कहते हैं. आत्मा और परमात्मा का भेद भी है और अभेद भी, ज्ञान और भक्ति का अनोखा का संगम ! जीवन कितना सुखद हो सकता है, इसे आत्मज्ञानी ही जान सकता है !

शाम के सवा चार बजे हैं. नवम्बर की हल्की ठंडी शाम है. अभी से पश्चिम के आकाश में लालिमा छा गयी है, यहाँ दिसम्बर आते-आते तो चार बजे अँधेरा ही हो जाता है. महीनों बाद झूले पर बैठकर लिख रही है. जून अभी आये नहीं हैं, दोपहर को भी देर से आये, एक सरकारी कमेटी के कुछ लोग आने वाले हैं, उसी की तैयारी चल रही है उनके विभाग में. आज सुबह टहलने गये तो हल्का अँधेरा था, वापस आते-आते सुरमई उजाला हो गया, हवा में फूलों की गंध घुली थी. पहले गाँव के स्कूल गयी, बच्चों को संगीत की धुन पर व्यायाम करना अच्छा लगा, फिर मृणाल ज्योति. विवाह के कार्ड्स भी दिए. उसके बाद एक अध्यापिका के साथ 'विश्व विकलांग दिवस' के सिलसिले में चार स्कूलों में गयी, उन्हें तीन दिसम्बर पर लगाने के लिए बैज व बुक मार्क दिए. इससे मिलने वाले धन का उपयोग विशेष बच्चों के लिए किया जायेगा.   


2 comments:

  1. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (15 -06-2019) को "पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ" (चर्चा अंक- 3367) पर भी होगी।

    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है

    ….
    अनीता सैनी

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  2. बहुत ही सुंदर ,सादर नमस्कार

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