साढ़े दस बजे हैं सुबह के. आज टीवी पर 'मन की बात'
आने वाला है. प्रधानमन्त्री को सुनना सदा ही अच्छा लगता है. उनके वचन प्रेरणादायक
होते हैं. सकारात्मक सोच, इच्छाएं, आशाएं, आकांक्षाएं, अपेक्षाएं तथा शिकायतें साझा
करने का मंच है यह. सरकार तक अपनी बात पहुँचने का एक साधन है. देश के सामान्य जन तक
पहुंचने का भी. आज वे भी 'स्वच्छता ही सेवा' के तहत दोपहर को दो घंटे श्रमदान करने
वाले हैं. अभी कुछ देर पूर्व ही बगीचे से आये. आज सुबह चार कमल के फूल खिले, हरे
पत्तों में खिले गुलाबी फूल..उसने तस्वीर उतारी और व्हाट्स एप पर भेजी. नन्हे ने
बताया उसकी योग शिक्षिका पिछले इक्कीस वर्षों से अपने घर में नवरात्रि पर पूजा कर
रही हैं, इस बार जिसमें उन्होंने पांच सौ मूर्तियाँ सजाई थीं. मोदी जी जनता को
प्रेरित कर रहे हैं कि पूरे भारत का भ्रमण करें और अपने राज्य के सात मुख्य
स्थानों की सूची बनाएं. खादी को भी बढ़ावा देना चाहिए.
शाम होने को है. कुछ देर पहले नैनी ने बताया, घर
के सामने एक कार दुर्घटना हुई दोपहर को. दोनों कारों के शीशे टूट गये तथा
यात्रियों को चोट भी आई. थोड़ी सी असावधानी कितने बड़े दुःख का कारण बन जाती है.
छोटी बहन ने एक मेल लिखा है ब्लॉग पर उसकी पोस्ट के जवाब में. उसे जॉब के लिए
बुलावे की प्रतीक्षा है. भूतकाल में कितनी ही बार उसने जॉब के प्रति अरुचि दिखाई
है. शायद वही कर्म सामने आ रहा है. एक तरह से उसने स्वयं ही जॉब नहीं करना चाहा
था, मिले हुए काम को बार-बार छोड़ा भी था. शाम को वे बाजार गये. नवरात्रि पर बच्चों
को देने के लिए उपहार खरीदे और मृणाल
ज्योति के लिए 'डा. राधाकृष्णन' की तस्वीर, शिक्षक दिवस के लिए. आज क्लब में कई मुख्य
अधिकारी आये हैं, नुमालीगढ़ के एमडी का विदाई समारोह है. रात को देर तक चलते हैं
ऐसे कार्यक्रम, वे नहीं जा रहे हैं.
आज दुर्गा सप्तमी है. शाम को वे पूजा देखने गये.
काली बाड़ी, सेटलमेंट एरिया, बी-टाइप पूजा, नेपाली पूजा सभी देखीं. दो वर्षों बाद
ये सब स्मृतियों में ही रह जाएँगी. दोपहर को सर्वेंट लाइन की महिलाओं को योग
कराया, एक ने कहा, सब खुश हैं कि पूजा है, पर उसका मन ठीक नहीं है. हो सकता है एक
घंटे अभ्यास के बाद बाद में उसे अच्छा लगा हो. आज सुबह जून के दफ्तर में सीएमडी की
विजिट थी, सुबह उन्होंने कहा, एक गुलदस्ता चाहिए. उसने बगीचे से फूल तोड़े और
गुलदस्ता बना दिया. कम्पनी के लिए इतना सा काम करके ख़ुशी हुई. कल ही तो कम्पनी के
हिंदी अनुभाग ने वर्षों तक हिंदी पत्रिका में लिखने के लिए उसे सम्मानित किया था.
यात्रा की तैयारी हो गयी है. कल जाना है.
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (09-06-2019) को "धरती का पारा" (चर्चा अंक- 3361) (चर्चा अंक-3305) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
--
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत बहुत आभार !
ReplyDeleteसुन्दर पोस्ट विविध रंग समेटे हुए
ReplyDeleteस्वागत व आभार !
Delete