Friday, February 3, 2012

पढ़ने पर राशन


आज
 वे बहुत खुश हैं, चहकते पंछियों की तरह, बहते झरनों की तरह. कल जून का जन्मदिन है. आज शाम वे बाजार गए थे उपहार लेना था, पर यहाँ मन के मुताबिक कुछ मिलता नहीं, छोटा सा बाजार है. बस रुमाल लिये, जबकि उसने नूना के लिये सलवार का कपड़ा ले दिया. उन्होंने सोचा है कि नवम्बर में या अगले वर्ष दक्षिण भारत की यात्रा पर जायेंगे. कल जापान एयरलाइन्स का बोईंग ७४७ दुर्घटना ग्रस्त हो गया, जिसमें ५२४ यात्री थे, उनमें से केवल चार यात्री बच गए हैं. पिछले दो ढाई महीनों में यह तीसरी विमान दुर्घटना है. दोपहर को बिजली नहीं थी, ऐसा बहुत कम होता है यहाँ, मानसरोवर के दोनों अंक लगभग पढ़ लिये हैं, पर अब सोचा है, पढ़ने पर राशन लगाना होगा, आँखों में दर्द होने लगा है. जून की आँखें अब ठीक हैं पर कान अभी भी पूरे नहीं. जून के छोटे भाई का खत आया है मुम्बई वाले मौसा नहीं रहे. 

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