Tuesday, May 27, 2014

होली की गुझिया


Her mind is full of worries of all kind. It is not a good sign. Last night when jun asked about application and bio data for forthcoming interview, she was nervous, why is it so ? she has no confidence. She does not believe in herself,  thinks, she is a loser but then she thought, she could do any thing in the world. यह भीरूता यह कायरता उसमें  से आ गयी है, क्या यह उसके विकारों का प्रभाव है, विकार जो राग-द्वेष से उत्पन्न होते हैं, राग-द्वेष जो अनुकूल-प्रतिकूल परिस्थिति  मिलने पर निर्भर करते हैं. मन को शांत रखने का उस पर नजर रखने का कार्य तो वह हर वक्त करने का प्रयास करती है, पर उसके मानसिक उद्वेगों का सबसे ज्यादा प्रभाव उसके बाद जून को पड़ता है, पर उनका  प्रेम इतना विशाल है कि उसकी सारी कमियों को नजर-अंदाज कर देता है. He is so loving and caring by heart. He is a jewel, a best thing ever happened to her. She loves him so much and respects him as much. उसका विशाल हृदय नूना के क्षुद्र हृदय की कमियों को भी ढांप लेता है, वह उसके जैसा बनने का प्रयास करेगी, मनसा, वाचा, कर्मणा तीनों तरह से.

Month of march ! month of colours, holi, joy and flowers, month of mango baur  and coo coo of koel,month of hope and happiness. Last night she heard her Assamese song and poem with some friends and felt a different feeling of achievement and satisfaction. Now she wants to record some other songs also. she is at ease with herself, Today their AC is being serviced so can  not sing.

कल रात पहले तो तेज वर्षा व तूफान की वजह से नींद में खलल पड़ा फिर स्वप्नों के कारण नींद गहरी नहीं आई शायद यही कारण है आँखें भारी हैं. सुबह-सुबह अपने आप मन में होली के लिए पंक्तियाँ उभरने लगीं और देखते ही देखते उन सभी के लिए दो-दो लाइनें तैयार हैं जो होली के विशेष भोज में सम्मिलित होने आयेंगे. कल शाम उन्होंने गुलाब-जामुन बनाये, आज गुझिया बनानी हैं.  सुबह-सुबह ही दीदी का फोन आया, वह सोच ही रही थी कि घंटी बजी, वहाँ सभी लोग आज होली खेल रहे हैं.

कल होली थी, रंगों का यह उत्सव उन्होंने सोल्लास मनाया. कल ही नन्हे का परीक्षा परिणाम भी मिला, उसे बहुत अच्छे अंक मिले हैं. उसके साथ-साथ नूना की भी मेहनत का नतीजा है सो ख़ुशी स्वाभाविक है, पर यह तो शुरुआत है अगले दो-तीन सालों में उसे और मेहनत करनी होगी, उसे भी ज्यादा समय देना होगा. नन्हा इस वक्त दादा-दादी के साथ टीवी देख रहा है, कुछ दिनों की बात है फिर वे और उनकी वही दिनचर्या रह जाएगी. The Gospel of Buddha उसे सही समय पर मिली है, उसका मन जो छोटी-छोटी बातों से परेशान हो जाता है, परिस्थितियां थोड़ी सी भी प्रतिकूल हुईं की संतुलन बिगड़ने लगता है, सहनशक्ति का इस्तेमाल करना तो दूर की बात है सहन करना चाहिए इसी बात को सिरे से गलत मानने लगता है. क्रोध, द्वेष और नफरत के बीच स्वयं को जलाने लगता है, ऐसे में प्यार, आदर्श और सत्य के महत्व को दर्शाता भगवान बुद्ध का उपदेश मन पर मरहम सा लगता है. कितने सादे-सरल शब्दों में जीवन के रहस्यों को सुलझा कर रख दिया है. मन पर हर वक्त नजर रखते हुए जीवन यात्रा में सुख के रास्तों पर चला जा सकता है वरना काँटों की चुभन से बचने का कोई उपाय नहीं. Mind is the source either of bliss or of corruption.




2 comments:

  1. पहला पैराग्राफ़ पढने के बाद ही मुझे मेरे उस सवाल का जवाब मिल गया जो मैं पिछली पोस्ट पर कह चुका हूँ.. आज सचमुच ख़ुद को जून के स्थान पर रखकर सोच रहा हूँ.. और उसी परिप्रेक्ष्य में अपनी पिछली दस दिनों की परेशानियों को भी.. पता नहीं ईश्वर किस मिट्टी से बनाता है एक स्त्री को!!

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  2. शायद वह भी नहीं जानता...आभार !

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