It is
second month of the year and she welcomed its day first with joy, weather is
pleasant, she has just come back from weekly music class. Teacher is a simple
Bengali woman, so sometimes her hindi is not good but music has one language
all over the world. Today is also first day of the week, Nanha was ready to go
to school but could not go due to some band call, which is very common in this
part of country. Aasu, Ulfa and sometimes bodo call band and life gets
disrupted. Nanha is studying History for exam. Jun talked to father and then to
his friend to get ticket for them. They may come during month end and then they
may celebrate holi together.
इस वक्त उसके मस्तिष्क में
एक से ज्यादा बातें घूम रही हैं, पहली बात तो इस किताब को लेकर है, The meaning of
culture काफी कठिन किताब है और कभी-कभी किसी पेज पर कोई सरल बात मिल जाती है, लेखक
के नजरिये को वह समझ नहीं पाती पर जब उसकी ही कोई बात लेखक कह देता है तो लगता है
इसे वापस न किया जाये. दूसरी बात आज के लंच को लेकर है, उसने सिर्फ ढेर सी
सब्जियां और पनीर भी डालकर एक डिश बनाई है, दाल खाने का मूड नहीं है, और अभी-अभी
जून का फोन आया वह आज लंच घर पर नहीं करेंगे, तो समस्या का निदान अपने आप ही हो
गया. उसने सोचा पहले जून के लंच पर न आने पर उसे असुविधा होती थी और अब..
She is enjoying reading
that book, the diary of a young girl, who was in prison for almost two years. she liked her cheerfulness, her ambition to
become a writer and her hobby of reading so many books, collecting family trees
and pictures. She is such a charming intelligent courageous and sweet friend. How
strange but how true, books affects us more than man-woman of ordinary
character.
Last night she finished
the book by Anne frank, and when she read about her death with all the members
of family except her father, she bitterly wept. She was so sad and dream t of gestation
and prison. Why had she face d such misery, such a girl full of life and full of
hope. She prayed for her and for all who had to die because they were Jews.
This world is such a cruel place but Anne loved this world as it is. One should
try to see the positive side always.
She read in the first
chapter of The Gospel of Buddha, that selfless is happy. Buddha says about nirvana
when one does not take rebirth is blessed permanently but she thinks she likes
this world, its beauty, is vastness, its diversity and to be here with sorrow
or joy makes no difference.
कल समाचारों में सुना
बिहार में रणवीर सेना ने फिर दलितों की हत्या की है, जीवन कितना सस्ता हो गया है
या सदा से ही था. ताकतवर लोग पशु से भी नीचे उतर जाते है, यह दुनिया हमेशा से ऐसी
ही थी या अब पतन की ओर बढ़ रही है, इतिहास में झांकें तो लड़ाइयों से भरा पड़ा है,
लेकिन सुंदर इमारतें, साहित्य रचना, सुंदर शहर और उपवन ये भी तो उन्हीं राजाओं की
देन है. हर युग में जहाँ रावण होते हैं
राम भी होते हैं. कल रात को बहुत लम्बा अजीब सा स्वप्न देखा जिसमें वह स्वयं की
मृत देह को पानी में हरे वस्त्र में लिपटे हुए देखती है. वे एक पहाड़ी स्थान पर
घूमने गये हैं फिर कुछ पुरानी जगहें और लोगों को देखा, कितना स्पष्ट था सब कुछ.
पिता, बड़ी बहन और मंझले भाई को काफी परेशान देखा, और वह उन्हें कुछ समझा रही थी
जैसे, दिन में उसने फोन किया सभी ठीक हैं, माँ को कल से बुखार है, उसने सोचा एक-दो
दिन बाद फिर फोन करेगी. स्वप्न कोई संकेत देने आते हैं या चेतावनी या आने वाले समय
के लिए स्वयं को तैयार करने के लिए. खैर, आज नन्हे का चौथा इम्तहान है, कल-परसों
उसे हिंदी पढ़ाती रही, खुद भी कई बातें सीखीं, समास आदि को पढ़े हुए कितने साल हो
गये हैं.
बहुत व्यस्त हूँ और परेशान भी.. इसलिये उससे मेरी ओर से माफ़ी माँग लीजियेगा (मेरी हिम्मत नहीं हो रही)... उसके साथ उठते बैठते, उसकी बातें सुनते, उसको समझते बूझते एक फ़ैमिली की तरह लगने लगी है वो. सोचता हूँ कई बार कि ऐसे ही हफ्ते भर मेरी बीवी और इकलौती बेटी भी मेरा इंतज़ार करती हैं और जब वीकेण्ड्स पर मैं उनसे मिलता हूँ तो वो भी वैसा ही महसूस करती होंगी.
ReplyDeleteयह किताब पढने का सोचा था कई बार. इस बार पढूँगा!! निर्वाण की परिभाषा अच्छी लगी कि अगर मौक़ा मिला तो इसी धरती पर इन्हीं भावों के साथ फिर जीने की ख्वाहिश... मुक्ति नहीं चाहिये!!
बहुत जल्दी में हूँ.. निकलना है ऑफिस के लिये और फिर धूप में लम्बा सफ़र परिवार की छाँव में सुस्ताने के लिये!! फ़िलहाल उसे मेरा प्यार दीजिये!! I really adore her!!
:)
शुभकामनायें और आभार !
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