Friday, June 15, 2012

रात्रि जागरण


कल एक नहीं दो मधुर स्वप्न देखे, रात को जून ने उससे कहा था कि मधुर स्वप्न देखना और मुझे बताना, यह जीवन भी स्वप्नों की एक लंबी श्रंखला ही तो है. जो है भी और नहीं भी...कल दोनों घरों से पत्र आये, पापा ने जून के उस पत्र का जवाब लिखा है, वह बहुत खुश है. सारे देश में मानसून आ गया है, रिमझिम बरसता सावन सभी को मुग्ध कर रहा है. वहाँ कमल कुंड पर भी बादल बरसते होंगे, जहाँ हम बचपन में जाते थे, जहाँ कमल की पंखुडियों पर पानी की बूंदें चमकती थीं.
जून ने एक क्यारी में आज भी काम किया, उसके हाथ में छोटा सा फफोला पड़ गया है, उन्हें दूसरा माली रख लेना चाहिए उस माली का इंतजार करना अब ठीक नहीं. जून उसे समझाता है, पर एक अनजाना सा भय ...नहीं, उसे कुछ भी नहीं सोचना चाहिए, सब ठीक होगा, ईश्वर पर विश्वास रखना होगा.
पिछले चार दिनों में दिनचर्या इतनी बदल गयी है, सभी कुछ तो बदल गया है, उनके जीने का ढंग भी किसी हद तक, ऐसा होना स्वाभाविक ही है, चार दिन पहले रात लगभग दस बजे ही उसे संकेत मिला कि अब वह पल आने वाला है, जिसकी प्रतीक्षा वे कबसे कर रहे थे. वे चित्रहार देख रहे थे, क्रिकेट मैच के कारण चित्रहार उस दिन साढ़े नौ बजे दिखाया जा रहा था. फिर जून और माँ के साथ पड़ोसी की कार में वे अस्पताल गए. दर्द धीरे-धीरे बढ़ रहा था और वह सोच रही थी कि आगे क्या होगा. वे दोनों उसे अस्पताल में दाखिल करके घर आ गए पर सुबह पांच बजे से पूर्व ही वे पुनः आ गए थे. फिर सिलसिला शुरू हुआ, नर्सेस व डॉक्टर के आने का, चेकअप का, सेलाइन चढ़ाने का, दर्द बढ़ता जा रहा था. जून उसकी आवाज सुनकर आ जाता था, वह भी उसकी ही तरह परेशान था उसकी हालत देखकर. माँ बार-बार सांत्वना दे रही थीं. आखिर वे उसे लेबर रूम में ले गए, दर्द के एक लम्बे अंतराल के बाद ( लेकिन बाद में उसे लगा कि समय उतना नहीं हुआ था जितना उसे महसूस हो रहा था) उनके पुत्र का जन्म हुआ, सभी बहुत खुश हैं, सभी उसका व शिशु का बहुत ध्यान रख रहे हैं. पहली बार देखने पर वह उसे बहुत प्यारा लगा था अब और भी सुंदर लगता है अपना सा, जून कभी-कभी परेशान हो जाता है पर वह जानती है कि अंदर से वह बहुत खुश है. तीसरे दिन वे घर आ गए थे. कितने लोग आ रहे हैं बधाई देने. नन्हे ने उन्हें सोने नहीं दिया रात भर, पर दिन में वह आराम से सोया रहा.   

  

2 comments:

  1. बधाई हो!
    जून नाम कुछ अलग सा लगा। मैं समझता था कि वह नाम लड़कियों का होता है, इसलिये शुरू में समझने में कुछ दिक्कत हुई [वैसे मैं कभी-कभी ऐसी बातों से डिस्ट्रैक्ट हो जाता हूँ जो दूसरों के लिये एक्ज़िस्ट ही नहीं करतीं :( ]

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  2. स्वागत व आभार !

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