सुबह के सात बजे हैं. लगभग दो हफ्ते
बाद वह डायरी लिख रही है. सुबह नन्हे का एक काम याद आ गया था. जून उसके लिये कमीजों
का कपड़ा लाया था जब वह अस्पताल में थी. उसने आज कटिंग कर दी है बड़ी ननद सिलाई कर
देगी. अभी कुछ देर पूर्व ही उसे दूध पिलाकर सुलाया था पर लगता है उठ गया है, कपड़े
बदल दिये हैं, कुनमुना कर फिर सो गया. आज पहली बार वर्षा हो रही है, जब से वह दुबारा
अस्पताल से आयी है. घर आने के बाद उसे बेबी जौंडिस हो गया था पुनः चार दिनों के
लिये अस्पताल में रहना पड़ा. कल उन्होंने पहली बार उसकी फोटो उतारीं.
सुबह पांच बजे ही वह उठ गया था, उसके
पापा भी साथ ही उठ जाते हैं, दोनों दोबारा सो गए और कितना उठाने पर भी नहीं उठ रहे
थे, फिर जल्दी-जल्दी बिना नहाये-धोए चले गए हैं. मौसम सुहाना है, बादल हैं छितराए
हुए, वर्षा समेटे बादल. छोटी बहन का जन्म दिन है उसे बधाई कार्ड भेजना है,कुछ
पंक्तिया उसके मन में आ रही हैं-
बचपन की बीती सुधियाँ
याद दिलाने, कुछ बतलाने
पुनः आया जन्मदिवस तुम्हारा
समेटे हुए कुछ नूतन स्वप्न
और छुपाये कई सौगातें !
तुम थीं कल नन्हीं सी गुड़िया
आज खड़ी हो जीवन पथ पर
विश्वास दिलाने, नई राह दिखाने
फिर आया शुभदिन
स्नेह सहित लो दुआ हमारी.....
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