Thursday, June 21, 2012

नीरज की कविता



आज राजीव गाँधी का जन्मदिन है और हरचंद लोंगोवाल की पुण्य तिथि, दोनों पर समाचारों में सुना. कल रात इतनी जोर से बिजली कड़की लगा कि कमरे की छत टूट कर गिरने ही वाली है. शायद कहीं बादल फटा हो. माँ का पत्र आया है, बच्चे के बारे में कितनी सारी बातें पूछी हैं, सुबह से कितनी बार सोया और उठा है, अब कम से कम दो घंटे तो उसे सोना ही चाहिए. पढ़ा था कि बच्चे नींद में बढ़ते हैं.
कई दिनों तक कुछ नहीं लिखा, कभी व्यस्तता कभी मूड. आज कृष्ण जन्माष्टमी है. बचपन में वे कितने उत्साह से प्रतीक्षा करते थे. उस दिन झांकी सजाते थे, या शाम को झांकियां देखने जाया करते थे. सुबह वह गीता पाठ करती थी. कृष्ण के भजन तो कुछ दिन पूर्व से ही बजने आरम्भ हो जाते थे. और उस दिन तो कृष्ण भजन ही सुनाई देते थे सभी रेडियो स्टेशनों पर गानों की जगह. किन्तु अब तो सभी त्यौहार बस नाम के लिये हैं, रेडियो पर समाचारों से सुनकर पता चल जाता है आज यह त्योहार है, इतना ही बहुत है. उस दिन ‘नीरज’ की कविता सुनी, “युद्ध नहीं होगा”, बेहद सुंदर थी. और शोभा सिंह का इंटरव्यू भी कम नहीं था. दोनों घरों से पत्र आया है, छोटी बहन का मेडिकल में चुनाव हो गया है, बड़ी नन्द का विवाह तय हो गया है. दिसम्बर में होगा,, तिथि अभी तय नहीं हुई है. आज वे नन्हे को पहली बार प्रैम में घुमाने ले गए, शायद थक गया होगा सो शाम के वक्त भी सो रहा है. 

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