कल नन्हे का जन्मदिन था, शाम को छह बजे के बाद वे लोग आ गए। दोपहर को बना मलाई कोफ्ता व मिठाई लाए थे, शाही टुकड़ा व हलवा भी जो उनकी मित्र ने भेजा था। आज यहीं से काम किया। अगले हफ़्ते फिर से लॉक डाउन लगने वाला है। यहाँ नापा में भी एक मरीज़ मिला है। सुबह टहलने गये तो आसमान में तारे थे तथा अष्टमी का चाँद चमक रहा था। ‘विष्णु पुराण’ में देखा, राजा दशरथ, कैकय के राजा की सहायता करने जाते हैं, जब रावण उन पर आक्रमण कर देता है। कैकेयी इस युद्ध में राजा की सारथी बनती है। कहते हैं रावण सीता के स्वयंवर में भी आया था। राजस्थान में सचिन पायलट ने विद्रोह कर दिया है, उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहिए था पर एक वरिष्ठ नेता को बना दिया गया था।
आज बहुत दिनों बाद दिन भर में एक बार भी वर्षा नहीं हुई। दोपहर को गुरूजी ने ‘ऊर्जा स्तम्भ’ का ध्यान कराया, अंत में अग्नि जलती हुई दिखाई दी। बहुत दिनों बाद ब्रह्म सूत्र पर एक प्रवचन सुना, कितना स्पष्ट और सरल तरीक़ा है वक्ता का वेदांत समझाने का। ‘श्री कृष्णा’ में एक अद्भुत कथा सुनी, बलराम का विवाह रेवती से होना है, जिसका जन्म सतयुग में हुआ था, उसके पिता ब्रह्मलोक में गए तो ब्रह्मा जी ने कहा, पृथ्वी पर अब द्वापर युग का अंत है, बलराम से अपनी पुत्री का विवाह कर दीजिए। जब वे दोनों धरती पर आते हैं तो उनके शरीर अति विशाल हैं, सतयुग में आदमी बड़े क़द के होते थे। बलराम उन्हें अपने हल के सिरे से दबाते हैं और वह छोटी हो जाती हैं। संग्रहालय में राणा प्रताप आदि के वस्त्र भी देखते हैं तो कितने विशाल नज़र आते हैं, लोगों के क़द अब घट गये हैं।
आज लॉक डाउन का पहला दिन है। नन्हे ने बताया, मेड व कुक दोनों नहीं आए, योग कक्षा भी ऑन लाइन होगी । शाम को एक मलयालम फ़िल्म देखनी शुरू की, ‘सुजातयम सूफ़ियम’ ऐसा ही कुछ नाम है। केरल के सुंदर दृश्य हैं उसमें। सूफ़ी कल्चर का भी पता चला। फिल्म की भाषा नहीं समझ पाए पर अभिनय इतना सशक्त था कि सब समझ में आ गया. नायिका मूक है पर उसके पैरों में नृत्य समाया है, उसके हाथों में भी मुद्राएं सहज ही बनती हैं.
बहुत बहुत आभार शास्त्री जी!
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