Tuesday, July 12, 2016

सिंगापुर द्वीप


आज सद्गुरु ने प्रवृत्ति और निवृत्ति का साधना में उपयोग करने के उपाय पर पर कितना अद्भुत ज्ञान सुनाया ! अभी उसकी यात्रा का आरम्भ ही है ऐसा लगता है, अभी आनंद के इस पथ पर चलते ही चले जाना है. आज सभी संबंधियों से फोन पर बात की. बच्चों को होली के लड्डू खिलाये. सुबह नैनी पर क्रोधित हुई पर वह कितना क्षणिक था, न उसपर कोई असर हुआ न उस पर, वह भी शायद उसके गुस्से के पीछे की शांति को अनुभव कर पायी हो या वह भी क्रोध पर काबू पाना सीख रही है. जून ने आज कलाकंद बनाये गिट्स के पैकेट से.

कल होली थी, सुबह कुछ लोग आये, उन्होंने चाय-मिठाई से स्वागत किया. आज वर्षा की झड़ी लगी है. माँ कुर्सी पर बैठे-बैठे ऊँघ रही हैं, पिताजी अखबार पढ़ रहे हैं, चिड़ियों की आवाज आ रही है जो मौन को भंग कर रही है. मौसम ठीक होने पर वह मृणाल ज्योति जाएगी. कल शाम वे भीग गये उस वक्त जब सांध्य भ्रमण से लौट रहे थे. जून उसके कहने पर टहलने जाने को तैयार हुए. वापसी में उन्होंने बहुत संयम किया अपने क्रोध पर, लेकिन शाम को जब नन्हे ने कहा, वह मोटरबाइक पर बैठकर बैंगलोर से पूना तथा फिर मुंबई जायेगा तथा वापस भी उसी तरह आएगा तो उन्हें  बहुत क्रोध आया. दुःख, क्षोभ सभी कुछ था, चिंता भी थी. उनके मना करने पर फ़िलहाल वह मान तो गया है. कल शाम असमिया सखी आयी, उसे आई पॅाड दिखाया, सिंगापुर के फोटो भी. सिंगापुर की यात्रा पर लिखा उसका लेख भी पूर्ण हो गया है.

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'कोलकाता में रात्रि के दस बज कर दस मिनट हुए थे, और सिंगापुर एयरलाइन्स के जहाज में सीट के सामने लगा स्क्रीन बता रहा था कि... उस वक्त सिंगापुर में बारह बज कर चालीस मिनट हुए थे और..... कोलकाता से सिंगापुर तक २९०५ किमी की यात्रा तीन घंटे चौंतीस मिनटों में पूरी होगी I यह बोईंग खचाखच भरा था, परंपरागत पोषाक पहने सुन्दर परिचारिकाएँ भोजन सामग्री ला रही थीं I जब उनकी बारी आयी, आधी रात बीत चुकी थी I नींद से आखें बोझिल थीं पर धरती से हजारों मील ऊपर कुछ नया खाने का आकर्षण जगाए हुए था, सो थोड़ा कुछ खाकर वे स्वप्न लोक में खो गए I विवाह की सालगिरह सिंगापुर में मनाने का विचार उन्हें एक रविवार को बातोँ-बातोँ में आया था, उनके कई परिचित वहाँ हो आये थे और ढेरों किस्से सुनाते रहते थे. सेंटोसा आइलैंड... बर्ड पार्क.. डाल्फिन शो... तथा अन्य कई रोचक जानकारियाँ हासिल कर वे किसी जागरूक पर्यटक की भांति सिंगापुर जा रहे थे I

एशिया के दक्षिणपूर्व में स्थित विश्व के सबसे छोटे बीस देशों में से एक सिंगापुर काफी समय से पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है I नये वर्ष में उन्हें इस सुंदर द्वीप की यात्रा का सुखद अवसर मिला था I दिन अभी उगा भी नहीं था कि सिंगापुर कस्टम की औपचारिकताओं को पूरा कर वे चांगी हवाई अड्डे से बाहर निकले I सफेद टोयोटा में फ्रांसिस लेने आया था I स्वच्छ सड़कों के किनारे क़तार बद्ध पेड़ लगे थे I लाल बत्ती पर कार रुकी तो उन्हें थोड़ा आश्चर्य हुआ, क्योंकि इतनी सुबह कोई अन्य वाहन नजर नहीं आ रहा था I फिर याद आया कि सिंगापुर मे कानूनों का सख्ती से पालन होता है, यह एशिया के भ्रष्टाचार मुक्त देशों में प्रथम है तथा विश्व के दस भ्रष्टाचार मुक्त देशों में से एक है I होटल पहुंचे, फेंगशुई का प्रतीक होटल की बाहरी दीवार पर बहता हुआ पानी, खम्भों पर लिपटा लाल साटन, फूलोँ से सजा मुख्य द्वार, छत से लटके लाल गुब्बारे.... सभी उसकी सुंदरता बढ़ा रहे थे I अठाहरवीं मंजिल पर डीलक्स रूम की खिडकी से जगमगाती रंगीन रोशनियों का मोहक नज़ारा नज़र आया और वे सफर की सारी थकान भूल गए I

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