Friday, September 14, 2012

इतवार की सुबह



ग्यारह बजने में बीस मिनट, सुबह छह बजे उठने के बाद अब एक मिनट हुआ, बैठी है, डायरी लिखने का बहाना है, पैर कुछ विश्राम चाहते हैं और मन भी एक जगह रुक कर कुछ सोचना चाहता है. आज शायद जून का पत्र आये. कल दोपहर और फिर शाम को कितने घंटे व्यर्थ किये, स्वेटर का गला बनाने में, पर अभी तक नहीं बना है, उसे तो पूरा करना ही है, उसके बाद जो गणित की किताबें ली हैं, उन्हें देखना है. सोनू दादाजी के साथ आटा लेने गया है.

सुबह के साढ़े सात बजे हैं, नन्हा सोया है. सो उसे वक्त है कि दिन की शुरुआत करते हुए कुछ सोच सके. नीचे कमरे में एक तो गर्मी थी, दूसरे पडोस में टीवी की आवाज व्यवधान उत्पन्न कर रही थी, सो यहाँ उपर आ गयी है. यहाँ ठंडी हवा (धूल भरी ) आती है, यहाँ उनका बालकनी कम बाथरूम है, इस घर में इतनी समस्याएं हैं पर माँ-पिता ने कभी सोचा ही नहीं कि इसे बदला जाये. जिंदगी के चालीस साल इसी घर में गुजार दिए. माँ की तबियत ठीक नहीं है, उसे तो लगता है उनके तन की अस्वस्थता मन की ही छाया है, पर कौन समझा सकता है उन्हें. जब तक वे खुद न चाहें, वः कुछ करना ही नहीं चाहतीं, उदासीन हो गयी हैं सबसे, पर ऐसे कब तक जिया जा सकता है. वास्तविकता की दुनिया में जितनी जल्दी लौट आयें उतना ही अच्छा है. कल जून का पत्र आया वह उदास है कि उसे उनके पत्र नहीं मिल रहे हैं, पता नहीं क्यों. सुबह का एक कप दूध अभी पिया उसने, उसे समझ नहीं आता कि सुबह से बिना कुछ लिए यहाँ लोग दस-ग्यारह बजे तक कैसे रह लेते हैं. वह पुस्तक पढ़ने बैठ गयी जो प्रवेश परीक्षा के लिए लायी थी.

फिर वही कल का सा समय है, लेकिन वह नीचे कमरे में है, कपड़े प्रेस करने के लिए चादर बिछा रही थी की ननद ने बताया, पिताजी ने ऊपर कपड़े प्रेस करने को कहा है, नीचे जो बिजली खर्च होती है, उसका बिल आता है जबकि ऊपर की बिजली फ्री है, उसे समझ नहीं आता. रात अजीब-अजीब स्वप्न देखती रही, पता नहीं इनमें कोई सार भी है या उसके मन का पागलपन है. कल सभी भाई-बहनों को पत्र लिखे.

सुबह साढ़े पांच बजे ही उठ गयी थी, छत पर टहलने गयी, सूर्योदय के समय बहुत अच्छा लग रहा था. हर जगह की अपनी कुछ विशेषताएं होती हैं, और कुछ खामियां जैसे हर व्यक्ति की. आज इतवार है, सुबह का मीठा दूध पीते समय उसे याद आया, जून इतवार सुबह की चाय पी रहे होंगे. कैसे बीतते होंगे उनके दिन-रात, उसकी याद तो आती होगी. नन्हे ने नीचे से आवाज दी और वह उसे लेकर ऊपर आ गयी है, कह रहा है और सोयेगा और लेट गया है, देखें कितनी देर लेटता है.

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