अभी-अभी एक स्कूल की ओर से ड्राइवर आकर नियुक्ति पत्र देकर गया है.
एक योग शिक्षिका के तौर पर उसे हर बुधवार को बच्चों को योग सिखाने जाना है. कल
रात्रि स्वप्न में उसने स्वयं को एक गुरू का एक भजन गाते हुए सुना, कितनी स्पष्ट
आवाज थी. आरम्भ में गले से दबी हुई आवाज निकल रही थी पर दो बार गाने के बाद बहुत
स्पष्ट हो गयी. एक अन्य स्वप्न में वह रास्ता भूल गयी है, और छोटे भाई से कहती है,
वह घर तक छोड़ आये. एक आनंद से भर देने वाली उपस्थिति अब मन से हटती नहीं है, शायद
उसी ने उसे स्कूल में भेजने का जुगाड़ किया है. परमात्मा का प्रेम, ज्ञान और बल ही
उन्हें कृत्य में सफल करता है.
कल शाम जून ने योग के लाभ पर एक छोटा सा पॉवर
पॉइंट प्रेजेटेशन बनाकर दिया, उससे अवश्य छात्र-छात्राओं को समझाने में मदद
मिलेगी. मन में योग की कितनी ही परिभाषायें उमड़ती-घुमड़ती रहती हैं. योग का अर्थ है
जोड़ना, मन के साथ श्वास को, श्वास के साथ देह को और भावनाओं के साथ मन को, फिर उन
सबको देखने वाला द्रष्टा अपने आप के साथ जुड़े. योग एक जीवन पद्धति है जिसमें
परमात्मा व प्रकृति के प्रति एक श्रद्धा भाव मन में जगाना है, एक आश्चर्य का भाव
भीतर जग जाये, ऐसी दृष्टि से इस जगत को देखना है. आज नेट नहीं चल रहा, सो कोई
पोस्ट नहीं पढ़ पायी. उनका नया मॉडेम एक दो दिनों में आ ही जायेगा.
स्कूल में आज पहला दिन था, अच्छा लगा. बच्चों को
योग करना अच्छा लगता है. कक्षा एक से दस तक के बच्चे थे. कमरा थोड़ा छोटा था पर ठीक
ही रहा. दोपहर को महादेव की अगली कड़ी देखी, पार्वती और शिव के स्वेद से एक बालक
उत्त्पन्न हुआ है जो भविष्य में उनसे युद्ध करेगा. अद्भुत हैं भारतीय पौराणिक
कथाएं !
कल रात एक अनोखा स्वप्न देखा, नन्हा और उसके दो
मौसेरे भाई एक जैसे हैं और कई हैं, वह पूछती है, वे लोग एक से अनेक कैसे हो गये,
फिर देखा, दो मिल गये और एक हो गये, कैसा अद्भुत स्वप्न था. उसे नींद से जगाने के
लिए था. आज जून दिल्ली गये हैं, सुबह उन्हें जल्दी जाना था, नौ बजे के बाद
हवाईअड्डे का घेराव किया गया था. कल शाम छोटी बहन से बात हुई बहुत दिनों के बाद.
उसने क्लब के वार्षिक कार्यक्रम के लिए उससे थीम के बारे पूछा तो उसने कहा, उन्हें
नदी किनारे बसने वाले लोगों के जीवन पर उसे आधारित किया जा सकता है. असम की विशाल
नदी ब्रह्मपुत्र, लोहित, सुवर्ण श्री या तीस्ता पर. कार्यक्रमों में वे मछुआ नृत्य
दिखा सकते हैं और सजावट में नौका आदि, जल बचाने का संदेश भी दिया जा सकता है, इसी
विषय पर आधारित कोई स्किट भी. शाम को मीटिंग है, वह यह सुझाव दे सकती है.
आज वे मृणाल ज्योति गये थे, शिक्षक दिवस मनाया
गया. कल शाम मीटिंग में काफी देर हो गयी, वर्ष भी होने लगी थी. एक सदस्या, जो वहाँ
भी काम करती थीं, ने बताया, उनके मिशनरी स्कूल में एक घटना हो गयी, शिक्षक दिवस
नहीं मनाया गया. आजकल माहौल बिगड़ता जा रहा है, छात्र-छात्राएँ शिक्षकों का सम्मान
नहीं करते, उन्हें कुछ कहने पर माता-पिता शिकायत करने आ जाते हैं. छात्र पढ़ें या न
पढ़ें, उन्हें कुछ कहने का अधिकार अध्यापकों को नहीं रह गया है. जीवन कितना विषम हो
गया है, कितना जटिल. बदलते हुए वक्त में विद्यार्थी शिक्षक का जो सहज स्नेह भरा
संबंध था वह नजर नहीं आता,
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