Friday, May 17, 2013

तेजपुर का स्कूल



फरवरी का प्रथम उजला-उजला सा दिन ! दोपहर को जून जब गये तो अख़बार उठाई पढ़ने के लिए, उसके नचे ही एक पत्रिका दिख गयी, उसने ऐसा बांधा कि...ये सितारे भी किसी जादूगर से कम नहीं होते, अपने आकर्षण में खच ही लेते हैं, खास तौर से उस जैसे कमजोर इच्छा शक्ति वाले व्यक्ति को...अब दोपहर के दो बजे हैं, नन्हा कह गया था एक बजे तक लौट आएगा पर अभी तक नहीं आया है, सम्भवतः अब जून उसे अपने साथ लायेंगे लौटते वक्त. सुबह उसने वाशिंग मशीन लगाई, मच्छरदानी धोयी जैसा कि उसे मालूम था, जून ने कहा, क्या जरूरत थी, साफ तो थी. कल नन्हे का एडमिशन कार्ड भी आ गया, इसी माह की तेरह को तेजपुर जाना होगा. स्कूल की इमारत आदि सब देखकर आएंगे, शायद देखने के बाद नन्हे का मन परिवर्तित हो. टीवी पर ‘शांति’ शुरू हो गया है, अब वह स्वेटर बुनेगी, तीनों भांजियों के लिए स्वेटर बना रही है, चमकदार पीले रंग की ऊन से.

  आज टीवी पर केरल के इमरान खान की, सोलह राज्यों की ४४९ दिनों की दौड़ कर की गयी यात्रा का, विश्व रिकार्ड बनने की खबर सुनकर मन प्रेरित हुआ और अपनी दिनचर्या को सुचारू रूप से चलाने का भाव उदित हुआ. जीवन क्षण भंगुर है और जिसे पलों में जीना आ जाता है वह अनंत में जीता है. जो हो चुका उस पर उनका वश नहीं और जो होगा वह वे जानते नहीं. तो वर्तमान जो उनका अपना है क्यों न ख़ुशी ख़ुशी जिएँ... उद्देश्य पूर्ण, क्रियाशील और सारे आरोपों, प्रत्यारोपों से परे. कल शाम उसने काले चने बनाये थे, जून के एक मित्र भी आये थे, दोनों को पसंद आये. आज नन्हे की पसंद पर मटर-पनीर बनाया है. उसके स्कूल में सोशल साइंस की विशाल प्रदर्शनी लगी है, जून ने भी कल देखी, और वापस आते समय उन्हें काफी देर हो गयी थी.

आज सरस्वती पूजा है, वसंत पंचमी अर्थात फूलों का मौसम. अगले शनि-रवि को क्लब में फ्लावर शो और गार्डन कम्पीटीशन है. कल तीन खत मिले, छोटी बहन, मंझले भाई व माँ-पिता के. छोटे भाई का पत्र पहले ही आ चका है, दीदी का पिछले महीने आया था, एकाएक सारे भाई-बहन उसके करीब आना चाहते हैं. छोटे भाई ने लिखा था जब भी वह खुश या उदास होता है, उन्हें अपने करीब पाता है. छोटी बहन ने लिखा है कि वह जानती है वे उसकी बात सुनेंगे अनसुनी नहीं कर देंगे. उसका खत पढ़कर थोड़ी सी हँसी भी आई और उदासी भी, वह अभी तक ससुराल में अपने को एडजस्ट नहीं कर पायी है. उसको जवाब लिखा तो है, पता नहीं उसे पकर साहस मिलेगा अथवा वह यह सोचेगी कि उपदेशों की उसे जरूरत नहीं है. जून ने भी कल रात उसे व उसके पति को पत्र लिखा. कल शाम एक मित्र के यहाँ एक नया बोर्ड गेम खेला. घर में आज काम चल रहा है, सुबह आठ बजे से ही खट-खट  की आवाजें आ रही हैं, जो खल तो रही हैं पर काम एक न एक दिन तो होना ही था, कुछ दीवारों में क्रैक आ गये हैं. नन्हा आज घर में है, उसने सोचा आज वह उनके साथ ही ग्यारह बजे लंच करेगा, रोज स्कूल में साढ़े बारह बजे तक उसे इंतजार करना पड़ता होगा टिफिन टाइम का. आज वह पीले चावल बनाएगी तथा प्याज, टमाटर, धनिये का रायता और मिक्स्ड वेजिटेबल.


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