Tuesday, June 4, 2013

बेबी'ज डे आउट


कल रात समाचारों में सुना कि भूतपूर्व प्रधानमन्त्री श्री मोरार जी देसाई का निधन हो गया, जून का ऑफिस आज बंद है. परसों उन्हें घर जाना है, सो आज ही तैयारी कर लेंगे. एक वर्ष बाद यात्रा करने का विचार ही मन को आनन्दित कर रहा है. नन्हे की वार्षिक परीक्षा ठीक चल रही है, आज तीसरा पेपर है. उसने घड़ी की ओर देखा, लिखित परीक्षा हो चुकी होगी, मौखिक चल रही होगी. उसका रोल नम्बर देर से आता है, सो वह बैठे-बैठे कल की तरह बोर हो रहा होगा या मन ही मन “ब्रेकफास्ट सॉंग” याद कर रहा हो. कल दिन भर गर्मी थी पर शाम होते होते बादल इकट्ठे होने शुरू हो गये, रात भर पानी बरसता रहा, वे दूसरे कमरे में सोये थे पर उमस के कारण नींद ठीक से नहीं आयी, जून उठते ही बोले, वह रात भर नहीं सो पाए, नन्हा भी कैसे चुप रहता बोला, मुझे रात भर ठंड लगती रही. आज वे अपने कमरे में ही सोयेंगे, खुला हवादार कमरा है यह. मदर टेरेसा पर डेसमंड डेजी की किताब पढ़कर उसके मन में भी कुछ करने की प्रेरणा जगी है, रात को सोते समय ये विचार स्पष्ट होते हैं पर दिन भर के कामों में जाने कहाँ गम हो जाते हैं. फिर भी घर से आकर छोटी सी ही सही शुरुआत अवश्य करेगी.

वे यात्रा से लौट आये हैं, इस बार बनारस पहले से कहीं ज्यादा अस्वच्छ लगा. उस घर में लोग भी बहुत हो गये हैं, गर्मी भी काफी थी सो वे तीनों ही वहाँ परेशान से रहे, आने से एक दिन पहले नौका विहार का आनन्द लिया जो सदा याद रहेगा, फोटोग्राफ भी अच्छे आये हैं, काशी विश्वनाथ मन्दिर भी देखा जो बहुत प्राचीन है और बहुत विशाल भी, इसी कारण तो बनारस अपनी अस्वच्छता तथा भीड़भाड़ के बावजूद पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. वे वापस आए तो उसकी पुरानी पड़ोसन बस स्टैंड पर लेने आई थी, उसका स्वागत दिल को छू गया, वह  कल कोलकाता जा रही है इलाज कराने, इंशाल्लाह वह बिलकुल ठीक हो जाये और अगले साल तक उसकी मनोकामना पूर्ण हो. कल दोपहर वह अपनी बंगाली सखी के घर गयी, वे लोग सदा के लिए दिल्ली जा रहे हैं, पहले-पहल यह खबर सुनकर वह बहुत उदास हुई थी, पर अब मन संभल गया है.

नन्हे की टेनिस की कोचिंग चल रही है, सुबह पांच बजे जाता है और दोपहर बाद भी. स्कूल बंद है सो समय ही समय है उसके पास. कल वह दोपहर को अपना एक कुरता काढ़ने में व्यस्त थी, शाम को लाइब्रेरी गये वे. आज सुबह समय निकाल कर बेडरूम की दोनों अलमारियां साफ़ कीं. दोपहर को गेस्टरूम की करने का इरादा है, फिर रह जाती है स्टोर व  किचन की सफाई तथा डाइनिंग रूम के शेल्फ की सफाई, इतवार तक पूरा घर स्वच्छ दिखेगा. नन्हा इस वक्त पडोस के मित्र के यहाँ गया है.


आज इतवार है, सुबह नाश्ता करके दोनों चले गये, नन्हा अपनी आर्ट क्लास में और जून कार को गैराज ले गये हैं. कल शाम वे उन्हें अपने दफ्तर ले गये नन्हे को कम्प्यूटर गेम खिलाने. आज मौसम गर्म है, मई शुरू हो गया है पर कल उन्होंने पहली बार एसी चलाया. शाम को जब टहलने गये तो गेस्ट हॉउस से घर तक का रास्ता बोझिल लगने लगा, जैसे-जैसे गर्मियां बढ़ती जाएँगी शामों को टहलना मुश्किल होगा, फिर रात्रि भ्रमण या प्रातः भ्रमण ही उचित होगा. नन्हे की टेनिस कोचिंग के कारण सुबह जल्दी उठने की आदत पड़ती ही जा रही है. कल शाम वे ‘बेबी’ज डे आउट’ का कैसेट भी लाये, अच्छी फिल्म है, छोटे से बच्चे का अभिनय काबिले तारीफ है.

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