Monday, November 19, 2012

आइसक्रीम वाला सपना



पड़ोसियों के यहाँ कल पार्टी में ज्यादा खाना नहीं लगा, थोड़ा बच गया है और वे चाहते हैं कि हम उन्हें कहें, कोई बात नहीं हम खा लेंगे..कैसी अनुचित अपेक्षा..बासी खाना..कल शाम को जून ने ऐसा ही कुछ कहा था, ऐसे ही पड़ोसियों के सम्बन्ध खराब होते हैं, अगर उन्होंने रात को ही हमें बुलाया होता.. छोडो इन बातों को, उसने खुद से कहा. जून आज दोपहर को घर नहीं आ रहे हैं, फील्ड गए हैं. आज सफाई कर्मचारी देर से आया सो वह व्यायाम नहीं कर सकी, अक्सर उसका व्यायाम किसी न किसी कारण से छूट ही जाता है..कल वे एक सिंधी परिवार के यहाँ गए. आज जून यदि समय पर आए तो शाम को वे कहीं जा सकते हैं.

पहली दिसम्बर..यानि बड़े भाई का जन्मदिन..आने के बाद उसने खत लिखा था..छोटे भाई को छोडकर किसी ने भी तो जवाब नहीं दिया,,,,खुश रहें सभी.  कुछ ही दिन में वह सभी को नए वर्ष के कार्ड भेजेगी. उसने एक सूची बनायी. आज मौसम कितना ठंडा है, कल शाम से ही वर्षा हो रही है. जून का दफ्तर कल बंद हो गया आसाम बंद के कारण. नन्हे का स्कूल तो कल बंद था ही, परीक्षायें आने वाली हैं, उसने उसे पढ़ने के लिए कहा.

एक नए सप्ताह की शुरुआत..मौसम तो अच्छा है खिला-खिला और उसका मन भी. दस बजे थे. घंटी बजी, उसे लगा शायद धोबी आया है, पर इलेक्ट्रीशियन था टेबल लैम्प का स्विच ठीक करने आए थे. कल उसकी असमिया सखी आयी थी परिवार सहित, उन्होंने खाने पर बुलाया था, वे लोग नए मकान में जा रहे हैं, बड़ा है, लॉन भी है. अच्छा घर है. कल वे बाजार से लौटते समय देखकर आए. किसी का पत्र नहीं आया, उसने सोचा वह बीस दिसम्बर तक प्रतीक्षा करेगी, फिर अपने हाथ से बनाये कार्ड्स भेजेगी. जून न्यूजट्रैक के दो कैसेट लाए हैं, जम्मूकश्मीर के शरणार्थियों पर कार्यक्रम देखकर बहुत खराब लगा. सरकार कुछ करती क्यों नहीं, असम में राष्ट्रपति शासन है तो क्या कश्मीर में..वहाँ पर इतना जुल्म क्यों..और बेनजीर भुट्टो पहले मित्रता की बातें करती थीं, पर उनके ये भड़काने वाले भाषण..

छह दिसम्बर यानि अयोध्या में विश्व हिन्दूपरिषद तथा बीजेपी द्वारा कार सेवा. जून आजकल तलप में हैं, एक हफ्ते बाद वापस आएंगे, शाम को फिर से फोन करेंगे. वह लिख रही थी कि द्वार पर एक गरीब औरत आयी कुछ मांगने, उसे पैसे देकर आयी ही थी कि फिर घंटी बजी, इस बार धोबी था और वह गया भी नहीं था कि पडोसिन आ गयी सरसों का साग लेकर जिसमें पालक भी मिलायी गयी थी और थोड़ासा खट्टा दही. अच्छा बना था. कल दोपहर वह  नन्हे को लेकर अपनी दूर की रिश्तेदार उसी पंजाबी परिचिता के यहाँ गयी थी. वहाँ पहली बार महाजोंग का खेल सीखा, बहुत रोचक खेल है. उन्होंने एक बात कही कि नन्हे को किसी भाई या बहन की जरूरत है..और उसे भी लगता है कि उनकी बात ठीक है, जून के आने पर वह  उनसे कहेगी जरूर.

आज अभी तक जून का फोन नहीं आया, उसने मन ही मन उसे शुभकामना भेजी. उसके न रहने पर रात को देर से नींद आयी सो सुबह देर से उठी, जल्दी जल्दी नन्हे को तैयार करके भेजा, अब कल-परसों उसका स्कूल बंद है, सोमवार को इंग्लिश का पेपर है. उसे फिर से कल की बात याद आ गयी नन्हे का साथी.. कल शाम उसकी दो परिचित महिलाएं आयीं, एक बच्चा भी साथ था, नन्हा बहुत खुश था. बच्चे एकदूसरे की बात कैसे समझ लेते हैं बिन कहे ही..
आज सुबह उसकी नींद खुल गयी सोनू की हँसी की आवाज से, वह सपने में हँस रहा था. उठा तो कहने लगा मेरा सपना नोट कर लीजिए...जिससे पापा पढ़ सकें-

“ मैं और एक बच्चा जा रहे थे, एक आइसक्रीमवाला और एक किताब वाला मिला. तब तक आइसक्रीम वाले ने अपनी दुकान खोल ली तो मैं उसके पास चला गया. फिर मैंने उसे एक लकड़ी दी कि वह आइसक्रीम उस पर लगाकर दे तो उसने कहा कि नहीं दूँगा. फिर मैंने कहा कि बना कर दो, फिर उसने नहीं बनाया तो उसी ने एक आइसक्रीम को मेरे चेहरे पर लगा दिया फिर मैं खूब हँसने लगा.”  

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