Friday, April 20, 2012

डाकिया डाक लाया


आज उसके नाम एक पत्र आया जिस पर पता जून के हाथ का लिखा हुआ था, एक पल को तो उसे लगा कि उसका ही पत्र होगा पर खोलकर मालूम हुआ कि लखनऊ से आया है, कोई फार्म मंगवाने के लिये स्वयं का पता लिखा लिफाफा उसी ने तो भेजा था. मकर संक्राति के कारण आज माँ ने उड़द दाल की खिचड़ी बनायी थी, और शाम को नूना ने सेंवई की खीर. देहरादून से बड़ी बहन का पत्र आया है. छोटे भाई के आने पर उसके साथ उसे एक बार वहाँ भी जाना है.
माँ के साथ रसोई की सफाई कर रही थी कि डाकिया वह खत लेकर आया जिसकी उसे प्रतीक्षा थी. शाम को भाई भी आ गया. पहाड़ी स्थान पर रहता है देर तक वहाँ की बातें बताता रहा. वह अपने साथ एक छोटा सा शेरू नामका पपी लाया है, बहुत सुंदर काला पहाड़ी कुत्ता है, उसे मेरठ में किसी के घर पहुंचाना है. 

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