Monday, June 20, 2011

उसकी याद


पिछले तीन दिनों से डायरी नहीं लिखी, एक दिन यदि क्रम छूट जाता है तो साथ में एक-दो दिन और निकल जाते हैं. शनिवार की शाम कितनी तेज बारिश हो रही थी, वे छाता लेकर घूमने भी गए, कितनी सुखद व सुंदर शाम थी. रविवार को बहुत मजा किया. सुबह-सुबह ही वे दोनों ने लॉन की सफाई करने लगे, शाम को गोल्फ-फील्ड भी गए, खेलने नहीं घूमने, और फिर देखी अच्छी सी फिल्म 'जीवनधारा', कल क्लब में बच्चों की एक फिल्म भी है. अगले रविवार वे तिनसुकिया जायेंगे ऐसा उसने कहा है. वह तीन गुलाब की कलमें लाया था जिन्हें बड़े प्यार से गमलों में रोप दिया है, कल एक में फूल खिलेगा. कल उसके सिर में दर्द था, वह खाना खाने के बाद ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था. वह इतना अच्छा है कि उसे कुछ भी नहीं होना चाहिए. उसको देख के लगता है, जैसे उसे बरसों से नूना के साथ रहने का, उसका ख्याल रखने का अभ्यास हो. घर से छोटी व बड़ी दोनों बहनों के पत्र आये है. अभी साढ़े नौ बजे हैं वह डिपार्टमेंट में होगा इस वक्त बहुत याद आ रहा है.  

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