पिछले चार दिन डायरी नहीं खोली. अद्भुत थे ये चार दिन !
शनिवार को नन्हा अपने मित्रों के साथ आया. इतवार की सुबह सभी पिकनिक पर गये, शाम
को भावी वधू के माता-पिता भी आ गये. सोमवार को सभी कोर्ट गये. शाम को घर पर छोटा
सा आयोजन किया. सभी कुछ भली प्रकार हो गया. मंगलवार को सब वापस चले गये. कल बुध को
सरस्वती पूजा थी, दोनों स्कूलों में होने वाली पूजा में शामिल हुई. इसके बाद दो
वर्ष ही और हैं जब वह यहाँ वसंत पंचमी के उत्सव में शामिल हो सकती है. बंगाल और
असम के अतिरिक्त भारत के अन्य भागों में पूजा के पंडाल लगाने की प्रथा नहीं है. आज
भतीजी का विवाह है और भांजी का जन्मदिन भी ! उसके लिए कविता लिखी. अगले हफ्ते यात्रा
पर निकलना है. उसने मन ही मन उपहारों की सूची बनाई, बड़े व छोटे भाई के लिए डायरी व
पेन, भतीजी के लिए साड़ी, छोटी भाभी के लिए स्टोल, बड़ी बुआ व चाची जी के लिए शाल,
बच्चों के लिए चाकलेट्स, किताबें व पेन, चचेरी बहन के लिए सलवार सूट. अभी
कोऑपरेटिव जाना है, एक सखी की बिटिया का कल जन्मदिन है, उसके लिए भी उपहार लेना
है.
शाम के सात बजे हैं. अभी कुछ देर पूर्व योग कक्षा समाप्त हुई. जून ‘रईस’ देखने
गये थे, पर थोड़ी ही देर में लौट आये. दोपहर बाद उस सखी के घर गयी जिसकी बिटिया का
दसवां जन्मदिन है, घर में सजावट चल रही थी. सुबह मृणाल ज्योति में बच्चों को योग
कराया, उसके बाद तन-मन बेहद हल्का लग रहा था. कल सुबह एक पल में मन के विचलन को
देखा फिर परिवर्तन किया, जादू जैसा लगा. कल रात्रि पल में जीने का सूत्र नींद में
भी याद आ रहा था. चेतना कितनी शक्तिशाली है कि एक क्षण में इतने बड़े ब्रह्मांड को
एक साथ महसूस कर सकती है. हर क्षण अपने भीतर एक अनंत को छिपाए है. भीतर अनंत शांति
है. आजकल साधना का समय घट गया है, पर मन में स्थायी शांति का वास है, जो हर समय एक
रस ही लगता है. भतीजी का विवाह व रिसेप्शन कल दोनों हो गये. तस्वीरें देखीं. मार्च
में कुछ दिनों के लिये वह विदेश जाएगी.
रात्रि के आठ बजे हैं. मौसम अब ठंडा नहीं रह गया है. कमरे में बिना स्वेटर
पहने रहा जा सकता है. टीवी पर उत्तर प्रदेश के चुनावों के समाचार आ रहे हैं. शामली
में रेत के अवैधानिक खनन के समाचार बताये जा रहे हैं. आज जया एकादशी है. जून दोपहर
को डिब्रूगढ़ गये थे, नन्हे के विवाह का सर्टिफिकेट मिल गया है. समधियों को फोन
किया. जून अगले हफ्ते गोहाटी में उनसे मिलने वाले हैं. दोपहर को ब्लॉग पर एक पोस्ट
प्रकाशित की, आजकल लेखन बहुत कम हो गया है. यात्रा के दौरान छूट ही जायेगा. परसों
वे पड़ोसी के यहाँ गये थे, उनकी बिटिया का विवाह होने वाला है, उनके न रहने पर वे
मेहमानों को उनके घर में ठहरा सकते हैं, ऐसा प्रस्ताव भी दिया. कल वह उन्हें
बुलाकर मेहमानों का कमरा दिखा देगी, जिससे उन्हें बाद में आसानी हो. परसों उसे
यात्रा पर निकलना है. पैकिंग हो गयी है.
ब्लॉग बुलेटिन टीम की और मेरी ओर से आप सब को बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा पर बधाइयाँ और हार्दिक शुभकामनाएँ |
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 10/02/2019 की बुलेटिन, " बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा पर बधाइयाँ और हार्दिक शुभकामनाएँ “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
बहुत बहुत आभार !
ReplyDeleteदैनिक रूपरेखा का साकार चित्रण।
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