Wednesday, October 5, 2016

पित्ताशय में पथरी


आज शाम को लेडीज क्लब की मीटिंग है, उसे दो कविताएँ पढ़नी हैं. नेट नहीं चल रहा है आज, कुछ देर ‘गीतांजलि’ के भावानुवाद के कुछ भाग को टाइप किया. नेट न होने से कुछ देर बुरा लगा, फिर खुद को समझाया, अपना लक्ष्य तो एक ही है, और वह है परमात्मा की प्राप्ति, उस एक लक्ष्य में जो सहायक है उसे करना व जो बाधक है उसे छोड़ते जाना ही बुद्धिमत्ता है, उसे लगता है अहंकार की पुष्टि के सिवा अभी उसके लिए नेट का क्या उपयोग है. कविता पोस्ट करना फिर उस पर आये कमेंट्स को पढ़ने की आकांक्षा, यह अहंकार की पुष्टि ही हुई. जो भी होता है उसमें कुछ न कुछ अच्छाई छिपी होती है. परमात्मा की ओर उन्मुख होने में जो भी सहायक हो वही वन्दनीय है, अस्तित्त्व चाहता है कि उसके मन, बुद्धि पावन हों, वह उसके द्वारा प्रकट हो. जीवन का एक-एक क्षण कितना अनमोल है और हर क्षण वह उनके साथ ही है, बस नजर उठाने भर की देर है !

आज सुबह एक सुंदर अनुभव हुआ, अब स्वरूप में मन टिकने लगा है. पढ़ा था कितनी बार जैसे एक छोटा सा अवरोध विस्तीर्ण गगन को ढक लेता है, वैसे ही छोटी सी वृत्ति आत्मा को ढक लेती है, आत्मा जस की तस रहती है, उसका कुछ आता-जाता नहीं है, उसे घटते हुए देखा, कितना सुकून है इस अहसास में. उस क्षण भीतर मौन पसर जाता है, कुछ भी जानना, पाना, चाहना शेष नहीं रहता, जीवन एक खेल बन जाता है. एक स्वप्न कहें या खेल..आज शाम को पब्लिक लाइब्रेरी जाना है, जहाँ इस वर्ष एक बार भी नहीं गयी, आज संयोग बना है, एक वरिष्ठ सदस्य की विदाई है. कल मृणाल ज्योति भी जाना है, कम्पनी में पेट्रोलियम सेक्रेटरी आ रहे हैं. उनकी पत्नी कल शाम को वहाँ जाएँगी, स्कूल देखना चाहती हैं. आज नेट चला पर समय सीमा निर्धारित कर दी है. कल वर्ष का अंतिम दिन है, जाते-जाते इस वर्ष वर्ष की विदाई के रूप में नये वर्ष की शुभकामना की कविता लिखेगी. एक बार फिर जीवन को नये अंदाज में जीने का संदेश देने नया वर्ष आया है. नये साल में बहुत कुछ नया करना होगा. जीवन को एक नये अंदाज में जीना होगा, क्योंकि अब मार्ग मिल गया है, सो किस तरह समय का अच्छे से अच्छा उपयोग हो सके, अपनी ऊर्जा का और अपनी योग्यता का इसका ही प्रयास करना है ! अभी-अभी पता चला, नैनी के गॉलब्लैडर में पथरी है, इसलिए उसे इतना दर्द होता है, आपरेशन करवाना पड़ सकता है. वह पिछले कई दिनों से शिकायत कर रही थी. नया वर्ष उसके लिए भी स्वास्थ्य लायेगा.   



1 comment:

  1. जितनी जल्दी शल्य चिकित्सा करवा ली जाये अच्छा होता है । आजकल तो दूरबीन विधि से करने पर दूसरे दिन छूट्टी मिल जाती है। मेरा खुद का हुआ है ।

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