Sunday, June 19, 2016

स्वप्न और स्वप्न


जून का व्यवहार उसके प्रति ज्यादा प्रेमपूर्ण हो गया है, सदा ही रहता है, बस कभी-कभी वह अपने पूर्वाग्रहों के कारण नाराज हो जाते हैं. सिंगापुर जाने के लिए उन्होंने टिकट बुक करवा ली है. अगले वर्ष के प्रथम माह के पहले सप्ताह में वे जायेंगे. नन्हा यहीं रहेगा. आज सुबह एक अजीब स्वप्न देखा. किसी खुले स्थान में जहाँ चारों ओर छोटे-छोटे पत्थर बिखरे हुए हैं, वह है तथा पिताजी जैसा कोई व्यक्ति है, वह धोती-कुरता पहने है, भीड़ पता नहीं क्यों अचानक बेकाबू हो जाती है और लोग एक-दूसरे पर पत्थरों की बौछार करने लगते हैं. वे भी निकलने का प्रयास करते हैं, वह व्यक्ति भागता है, पर गिर पड़ता है और उसके नाम के साथ राम कहते हुए उसके सामने अपना दम तोड़ देता है. वह उसके हाथों पर टिका है, कितना अजीब स्वप्न है यह, अतीत का कोई दृश्य या भविष्य की चेतावनी ! आज छोटी बहन से बात की, वह भी उस अंतहीन सुख की तलाश में है, अपने मन को समझने का प्रयास कर रही है. संसार तो उन्हें उलझाने का प्रयास करता ही रहेगा, पर जिसे एक बार अपने भीतर एक ऐसी दशा का का अनुभव हो गया है जहाँ कोई हलचल नहीं है तो वह मुक्त है. उसे ‘तुम्हारे लिए’ कविता याद करनी है, इस बार क्लब में पढ़ने के लिए.

आज सुबह प्राणायाम के बाद मन जैसे रहा ही नहीं, केवल शुद्ध चेतना ही शेष रही जो असीम अनंत आकाश में उड़ान भर रही थी, बहुत देर तक उस अनुभव की याद बनी रही, भीतर तक जैसे ठंडक भर गयी थी. आज बड़ी भांजी के देवर व उसकी पत्नी के लिए एक कविता लिखी, कल उसे भेजेगी,  जब जून उसे चित्र या बार्डर आदि से सजा देंगे.


नवम्बर का अंतिम दिन ! समय कितनी जल्दी बीत जाता है, उम्र के एक-एक दिन को काल निगल ले जाता है. क्लब की पत्रिका के लिए उसे अन्य चार कविताएँ मिली हैं, अपनी लिखी एक कविता तथा एक छोटी नाटिका.. .जालोनी क्लब की पत्रिका के लिए यात्रा विवरण देगी तथा ‘आयल किरण’ कम्पनी के राजभाषा अनुभाग की पत्रिका के लिए पर्यावरण पर लिखी कविता. नये वर्ष के आने में मात्र एक महीना शेष है. वे हर बार नये साल के लिए कितने स्वप्न देखते हैं, कितने नियम बनाते हैं, कितने लक्ष्य तथा उद्देश्य रखते हैं, कुछ दिनों तक उनकी चमक शेष रहती है फिर सब पूर्ववत हो जाता है. स्वप्न देखने तथा ऊंचे-ऊंचे लक्ष्य बनाना तो वे फिर भी छोड़ नहीं सकते. वह भी नये वर्ष में कुछ विशेष करना चाहती है, मृणाल ज्योति की अधिक से अधिक सहायता करना, एक नई किताब लिखना, एक योग कक्षा चलाना. लेडीज क्लब के लिए योग व प्राणायाम का एक कैम्प लगाना. ध्यान सिखाना और शिविर अटैंड करना. गुरूजी से मिलना. इस समय अन्य कुछ स्मरण नहीं आ रहा है पर शुभ संकल्प कई बार आते हैं जो इस सूची में जुड़ते जायेंगे !

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