Tuesday, February 22, 2022

सम्पूर्ण लॉक डाउन


सम्पूर्ण लॉक डाउन 

रात्रि के पौने नौ बजे हैं। आज जनता कर्फ़्यू सुबह सात बजे शुरू हुआ और  शाम को पाँच बजे सभी ने ताली, थाली और घंटी बजाकर डाक्टर्स को धन्यवाद दिया। भारत में कोरोना के मरीज़ों की संख्या छह सौ सत्तर हो गयी है। दो दिन बाद  उगादि का उत्सव है।

आज शाम को लोग सड़क पर आते-जाते दिखे। कोरोना के ख़िलाफ़ युद्ध में प्रधान मंत्री का अगला कदम है इक्कीस दिनों का पूरा लॉक डाउन। अगले तीन हफ़्तों तक सभी कुछ बंद रहेगा, स्कूल, कालेज, रेल, बस, दफ़्तर सभी कुछ। हवाई यात्रा भी। कोरोना वायरस जिस तेज़ी से फैल रहा है, उससे बचने का यही एक उपाय बचा है। उन्होंने कहा, यह वायरस जंगली आग की तरह फैलता है, हमें इस आग को बढ़ने से रोकना है। देशवासियों को प्रधानमंत्री के इस आह्वान का पालन करना है। जून ने अपने पुराने सहकर्मियों को शुभकामना संदेश भेजा। इस महामारी ने भौतिक दूरी बढ़ा दी है पर दिलों को जैसे नज़दीक ला दिया है। गुरु जी दिन में दो बार नियमित ऑन लाइन ध्यान करवा रहे हैं। कल से वे केवल प्रातः काल ही टहलने जाएँगे, शाम के वक्त लोगों से बचना कठिन है। कोरोना के मरीज़ को पहचानना बहुत मुश्किल है। यह पता ही नहीं चलने देता है और वह आदमी उसी तरह लोगों से मिलता है और दूसरों को वायरस दे देता है। प्रलय  के आने का यह काफ़ी वैज्ञानिक तरीक़ा है। यह प्रलय से कम नहीं है पूरी दुनिया के लिए। 


आज लॉक डाउन का पहला दिन था और पहला नवरात्र भी। दिन भर वे घर से नहीं निकले। नवरात्रि का उत्सव सभी अपने-अपने घरों में ही मना रहे हैं। नन्हे से बात हुई उनकी कम्पनी सरकार को सहयोग करते हुए डाक्टर्स को ऑन लाइन सलाह व इलाज के लिए प्रशिक्षित कर रही है।  


आज दूसरा दिन है। सुबह जब सड़क पर कोई नहीं था, लगभग अंधेरे में ही वे टहलने गये। उसने लौट कर ध्यान किया, शरीर के भीतर के अंगों पर धारणा की और धीरे-धीरे सब स्पष्ट होने लगा। मांस पेशियाँ, हड्डियाँ, रक्त वाहिनी और भीतरी अंग। कुछ सखियों से बात की। नन्हे और सोनू ने तय किया है कि वे बारी-बारी से भोजन बनाएँगे। उनका कुक नहीं आ रहा है न ही कामवाली दीदी। यहाँ भी मेड नहीं आयी। उसने सफ़ाई की, जून ने नाश्ता बनाया। ऐसे ही तीन हफ़्ते बीत जाएँगे। समाचारों में देखा, मज़दूर अपनी गठरियाँ सिर पर उठाए दिल्ली तथा अन्य बड़े शहरों से पैदल ही घर जाने के लिए निकल पड़े हैं। उनके पास काम नहीं है न ही घर। सरकार ने उनके लिए सहायता की घोषणा की है पर उन तक कैसे पहुँचेगी, जब सब कुछ बंद है। वे लोग जो इतने आराम से घरों में बैठे हैं, उनके कष्ट का अनुमान नहीं कर सकते। लेकिन जब से यह दृश्य देखा है हृदय में कैसी कचोट उठ रही है। फ़ोन पर जिससे भी बात करें कोरोना के सिवा कोई विषय ही नहीं बचा है बात का। आज से डीडी नेशनल व डीडी भारती पर रामायण व महाभारत दिखाए जाने शुरू हुए हैं। पिटूनिया के पौधे जो गोहाटी से लाए थे आज हैंगिंग गमलों में टांग दिये हैं। महीनों पहले ये गमले जून ने मँगवाए थे। रामायण में आज अरुंधती, वशिष्ठ मुनि के आश्रम में राम आदि छात्रों को सामवेद का गायन सिखा रही थीं। जीवन में भावना की कोमलता भी हो और कर्त्तव्य की कठोरता भी, तभी जीवन पूर्ण बनता है। अन्य छात्रों के साथ चारों राजकुमार भी श्रम करते हैं और योगासन करते हैं। वे सरस्वती की वंदना कर रहे हैं; मानव देह में जो आध्यात्मिक शक्तियाँ हैं वे किसी अन्य योनि में नहीं !  


Tuesday, February 15, 2022

ताली और थाली


सुबह पाँच बजे ही वे उठ गये थे, होटल के कमरे से ही सूर्योदय का दृश्य दिखायी दे रहा था। झील तक गये तो सूर्य का नारंगी गोला नीले आकाश के साथ झील के पानी में भी सुशोभित हो रहा था। उन्होंने सुंदर तस्वीरें उतारीं और नाश्ते के बाद वापसी की यात्रा आरंभ की। रात्रि ग्यारह बजे घर पहुँचे तो नन्हा और सोनू प्रतीक्षा रत थे। पौधों का कार्टन रात्रि को ही खोल दिया था, सुबह पिटूनिया के पौधे रोप दिए। शेष बचे पौधों के लिए नन्हे ने नए गमले आर्डर कर दिये हैं। गुरूजी आश्रम से लाइव टेलीकास्ट के द्वारा संदेश दे रहे हैं। उन्होंने कहा, कोरोना से डरने की आवश्यकता नहीं है, पर सावधान रहना है; कम से कम दिन में दो बार ध्यान करना चाहिए। घर में रहकर समय का सदुपयोग हो इसलिए नई भाषा सीखनी चाहिए, नई किताबें पढ़नी चाहिए। कल नन्हे ने एक नयी किताब दी है, बैटल बियोंड कुरुक्षेत्र: ए महाभारत नॉवल, जो द्रौपदी को केंद्र में रखकर लिखे गए मलयालम उपन्यास का अंग्रेज़ी अनुवाद है। कल से पढ़ना आरंभ करेगी।  कोरोना के  कारण छोटा भाई केरल नहीं जा रहा है। उसने कुछ पंक्तियाँ लिखीं इसी महामारी पर। आर्ट ऑफ़ लिविंग  के हिंदी सेक्शन ने कुछ अनुवाद कार्य उसे दिया है। गुरु जी के भाषणों से कुछ अंश लेकर ‘हिम्मत ना हारिये’ इस पर एक लेख भी  लिखना है। देश भर में भी काफ़ी कदम उठाए गये हैं इस सिलसिले में। कई देशों में तो सब कुछ ही बंद हो गया है, केवल ज़रूरी सामानों की दुकानें खुली हैं। सुबह भागवद में सृष्टि रचना के बारे में सुंदर विवरण पढ़ा। देवताओं की सहायता से परमात्मा इस सृष्टि को चलाते हैं पर वह हर जगह स्वयं रहते हैं। उनकी उपस्थिति के बिना देवता भी कुछ नहीं कर सकते। 


आज शाम छोटी बहन से बात हुई। उसे शारजाह जाना है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए डाक्टर्स को  विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। यह वायरस जानवर से मानव में पहुँचा फिर मानव से अन्य मानवों में और अब तो पूरे विश्व में एक सौ पैंतालीस देशों में पहुँच गया है। कुछ देर पहले मोदी जी का देश के नाम संदेश सुना। उन्होंने महामारी से बचने व औरों को बचने के उपाय सुझाए। बाइस मार्च को जनता कर्फ़्यू के लिए कहा जो सुबह सात बजे से रात्रि नौ बजे तक होगा, और शाम को पाँच बजे, दिन-रात बचाव के लिए लगे डाक्टर्स तथा स्वास्थ्य कर्मियों के लिए ताली या थाली बजाकर धन्यवाद देने को कहा। उनका भाषण आत्मीयता से भरा हुआ था और देशवासियों को सही समय पर सचेत करने का बहुतर प्रशंसनीय प्रयास था। गुरूजी ने भी सुंदर संदेश दिया। कुछ दिनों के लिए सभी को अवसर मिला है कि अपने साथ रहें, विश्राम में रहें और बुद्धि को भी विश्राम करने दें। उन्होंने सेवा भाव को जगाने का सुंदर संदेश भी दिया।जो निर्धन हैं, जो रोज़ काम करके  अपना गुज़ारा करते हैं, इस विपदा को कैसे उनकी मदद करने के अवसर में बदला जा सकता है । नन्हे ने बताया, उसकी टीम ने चायनीज टीम के साथ बात की, वहाँ कई लोग इसलिए मर गए क्योंकि उनका इलाज ही नहीं हो पाया, वहाँ अस्पताल कोरोना मरीज़ों से भर गये थे। आज वे टहलने गए तो पूरी सड़क ख़ाली थी। अगले दो हफ़्तों तक काफ़ी सजग रहना होगा। भारत में कोरोना मरीज़ों की संख्या दो सौ बयालीस हो गयी है और पाँच की मृत्यु हो गयी है। सारा विश्व इस महामारी से जूझ रहा है। अमेरिका में एशियन के ख़िलाफ़ क्रोध भर गया है। चायना के प्रति भी कई लोग क्रोधित हैं। इसकी शुरुआत वुहान से हुई थी जो चीन में है।  ‘लॉक एंड की’ का अगला अंक देखा, काफ़ी प्रभावशाली है यह धारावाहिक। 


Tuesday, February 8, 2022

उमियम झील के किनारे



परसों वे ‘होलिका दहन’ का आयोजन  देखने गए थे, जो नापा में बड़े ही शानदार तरीक़े से मनाया गया। अगले वर्ष वे भी कुछ मिठाई आदि लेकर जाएँगे। जल्दी आना पड़ा क्योंकि सुबह फ़्लाइट पकड़नी थी असम के लिए। कल सुबह दस बजे होटल पहुँच गये। दोपहर को जूरन में शामिल हुए। असम में विवाह से एक दिन पहले यह रीति होती है। शाम की काकटेल पार्टी भी अच्छी थी, पुराने-नए फ़िल्मी गानों की धुन पर सभी नाच रहे थे। शाम को विवाह है, फिर विशेष भोज। आज दोपहर को सोनू के घर जाना है। जून यहाँ स्थित कम्पनी के दफ़्तर चले गए हैं, जहाँ वे पहले सेवाकाल में कई बार आ चुके हैं। टीवी चल रहा है, मध्यप्रदेश में सरकार गिरने वाली है।ज्योतिराव सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गये हैं, उनके साथ कई एमएलए भी आ गये हैं।, पिछले कई वर्षों से कांग्रेस में उन्हें अपनी बात रखने का मौक़ा नहीं मिल रहा था, ऐसा उनका कहना है। मानव स्वभाव हर जगह एक सा ही होता है, जहाँ सम्मान न मिले तो व्यक्ति वहाँ रहना नहीं चाहता। 


‘लोभ से भरा मन साधक नहीं हो सकता। इस जगत में पकड़ने जैसा कुछ भी नहीं है, दर्शक की तरह यहाँ से गुजर जाना है।’ टीवी पर ये सुंदर वाक्य सुने अब आकाशवाणी पर समाचार आ रहे हैं। कोरोना अब महामारी बनता जा रहा है। प्रकृति में संतुलन के लिए समय-समय पर अतीत में भी महामारी फैलती रही है। आज सुबह वे जल्दी उठ गये। टहलने गए तो हवा में हल्की ठंडक थी। कम से कम सौ लोग और भी थे उस सड़क पर, जिसे सुबह के समय ट्रैफ़िक के लिए दोनों ओर से बंद कर दिया गया था। कई बड़े शहरों में प्रातः भ्रमण के लिए ऐसा ही प्रबंध होता है आजकल। कुछ लोग खेल रहे थे, कुछ साइकिल चला रहे थे और कुछ व्यायाम भी कर रहे थे। कल शाम विवाह का सुंदर आयोजन सम्पन्न हो गया। अहोम तथा कश्मीरी दोनों तरह की रीति से विवाह हुआ। कई पुराने परिचित लोगों से मुलाक़ात हुई। 


आज वे उमियम झील यानि ‘बड़ा पानी’ में आ गये हैं। गोहाटी से शिलांग पहुँचने से लगभग बारह किमी पहले मीठे पानी की यह एक बड़ी सी झील है, जिसके किनारे सुंदर विश्राम स्थल बन गए हैं। एक रात वहाँ  गुजरने का इरादा है। हिमालय की अचल पर्वत शृंखला के सान्निध्य में स्थित यह शांत झील एक आकर्षक पर्यटक स्थल है। सब कुछ कितना स्थिर लग रहा है। यह पर्वत न जाने कितने काल से ऐसे ही खड़े हैं। दोपहरी का समय है। झील का हरे रंग का पानी भी जैसे विश्राम कर रहा है। किनारों पर उगे चीड़ के वृक्ष भी मौन हैं, जिन पर लगे कोन धूप में चमक रहे हैं । कुदरत का यह सुंदर दृश्य जैसे उन्हें अपने भीतर की स्थिरता को महसूस करने के लिए आमंत्रण दे रहा है। कभी-कभी पंछियों  की आवाज़ें निस्तब्धता को भंग कर देती हैं, झींगुर की आवाज़ भी वातावरण को और अर्थवान बना रही है।  एक श्वेत तितली काफ़ी ऊँचाई पर उड़ रही है। वह प्रकृति की इस लीला को निहार ही रही थी कि अचानक हवा बहने लगी, कुछ वृक्ष मस्ती में झूम रहे हैं।


Tuesday, February 1, 2022

बादामी गुफ़ाएँ

बादामी गुफ़ाएँ

रात्रि के दस बजकर दस मिनट हुए हैं। सुबह छह बजे वे उत्तरी कर्नाटक स्थित बादामी गुफ़ाओं की यात्रा के लिए रवाना हुए। छठी  शताब्दी में बने ये गुफा मंदिर देखने वाले को चकित कर देते हैं। तत्पश्चात बनशंकरी मंदिर में नींबू की माला पहने हुए देवी की भव्य मूर्ति के दर्शन किए। अगला पड़ाव था पट्टकदलु, जहाँ मंदिर के अवशेष मात्र ही थे। कुडल संगम, आईहोले, बसवा तीर्थ (बसवन्ना ) अनुभव मंटप तथा संग्रहालय के प्रांगण में स्थित सुंदर मूर्तियाँ भी देखीं।बसन्ना भगवान की जीवन कथा सुनी, उनके वचनों की पुस्तक मंगायी है। बारहवीं शताब्दी का यह संत अपने समय से बहुत आगे था। उनके मन में किसी भी प्रकार का  कोई भेदभाव नहीं था।  लौटे तब अँधेरा हो गया था । कल हम्पी जाना है, जहाँ विजयनगर साम्राज्य के अवशेष आज भी हज़ारों दर्शकों के आकर्षण के केंद्र बने हैं।   


आज वे घर लौट आए हैं। कल रात नौ बजे चली हम्पी एक्सप्रेस सुबह समय से पूर्व ही आ गयी थी । कल दिन भर कड़ी धूप में छाता व टोपी लगाकर मीलों पैदल चलते हुए वास्तुकला के सुंदर नमूने देखे, जो भारत के गौरवशाली अतीत की कहानी कहते हैं। सुबह का नाश्ता नन्हे के घर पर किया। बड़ी ननद का फ़ोन आया। वे लोग बिटिया का रिश्ता टूटने से, बल्कि तोड़ने से खुश हैं। समाज बदल रहा है। लड़कियों को अपना सम्मान करना आ रहा है। वे विवाह करके ग़ुलामी का जीवन नहीं बिता सकतीं। उनका आत्मसम्मान उन्हें औरों के आगे बेवजह निरीह बनकर रहने  नहीं देगा। जितना अधिकार अपनी बात कहने का किसी लड़के या पुरुष को है, उतना ही अधिकार स्त्री या बालिका को भी है। हर आत्मा की पहली पुकार है स्वाधीनता। साथ-साथ रहते हुए भी एक-दूसरे का सम्मान करते हुए उन्हें विकसित होने देना किसी भी रिश्ते को गहराई प्रदान करता है। आज महिला क्रिकेट टीम फ़ाइनल में पहुँच गयी है। एक वक्त ऐसा भी था जब महिला क्रिकेट को सम्मान नहीं मिलता था। अब महिला खिलाड़ियों के नाम भी लोगों को याद होने लगे हैं। महिलाएँ वे सभी कार्य कर रही हैं, जो कभी पुरुषों के एकाधिकार में थे। 


रात्रि के आठ बजे हैं, गुरूजी श्री श्री यूनिवर्सिटी से ध्यान साधना करवा रहे हैं। उन्होंने कहा, जो आंदोलन देश में चल रहा है, वह सीएए के ख़िलाफ़ नहीं है, क्योंकि ऐसे क़ानून अन्य देशों में भी हैं। कुछ ऐसे लोग जो खुद को कटा हुआ मानते हैं, इसमें शामिल हैं, और कुछ राजनीतिक पार्टियाँ भी इसका लाभ उठा रही हैं। सरकार भी झुकने को तैयार नहीं है। गुरूजी ने यह भी कहा, वकीलों को काले कोट की जगह कोई और रंग पहनना चाहिए। उनके सत्संग में एक अन्य साधक प्रसानी जी भी आए हैं, जिन्हें उड़िया में कविता सुनाने को कहा है।  उन्होंने गुरूजी के नाम की श्रेष्ठता बतायी। नाम सुमिरन से ज्ञान की वृद्धि होती है और चेतना की शुद्धता से शांति का प्रसरण होता है।परमात्मा के सिवा आत्मा का कौन निकटस्थ है। 


आजकल हर जगह एक नयी बीमारी कोरोना का भय है इसलिए होली खेलने का उत्सव इस बार नहीं मनाया जाएगा, ऐसा प्रधानमंत्री ने भी कहा। कोरोना के कारण छोटे भाई की विदेश यात्रा भी स्थगित हो गयी है। नन्हा और सोनू एक मित्र के विवाह में कोचीन गये हैं, सुबह मोबाइल पर उन्होंने अपना कमरा दिखाया, नदी के किनारे स्थित है उनका होटल। मौसम गर्म हो गया है।