Monday, November 18, 2024

श्रमिक दिवस


श्रमिक दिवस 


आज मई दिवस है। पिछले वर्ष लिखी एक कविता फ़ेसबुक पर प्रकाशित की। शाम को पापाजी ने कहा, उन्होंने पढ़ी यह कविता और मज़दूर क्रांति की बात उन्हें याद आ गई। कार्ल मार्क्स को याद किया, जिसने कहा था, दुनिया के मज़दूरों एक हो जाओ। वार्तालाप में उन्होंने मज़दूरों के योगदान को सराहा, कि उनके बिना मानव के लिए निर्माण का कोई भी काम संभव नहीं है। कल जून के एक पुराने सहकर्मी के निधन का समाचार मिला, उन्हें कई वर्षों से किडनी का रोग था। जीवन और मृत्यु के आगे मानव का कोई ज़ोर नहीं चलता। चिकित्सा शास्त्र की इतनी प्रगति के बावजूद भी लोग असमय मृत्यु को प्राप्त होते हैं, तब भाग्य को मानने के अलावा कोई विकल्प नज़र नहीं आता।जीते जी कोई मृत्यु को प्राप्त न हो इतना तो उसके हाथ में है, यानी उसके उत्साह की, उसके प्रेम की और उसके आनंद की मृत्यु न हो ! जून के एक अन्य पुराने मित्र की पत्नी को कोरोना की वजह से शायद अस्पताल में जाना पड़ सकता है। नन्हे से बात हुई, अब वे लोग बेहतर हैं। उनके नीचे वाले फ़्लैट में एक वृद्धि व्यक्ति की मृत्यु  हो गई। दीदी ने फ़ोन पर बताया, उनकी पहचान की तीन महिलाएँ और एक पुरुष भी कोरोना की भेंट चढ़ गये हैं। नैनी ने बताया, सोसाइटी में कोरोना से एक व्यक्ति चला गया है, उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं। अख़बार में पढ़ा, कितने ही बच्चों के दोनों माता-पिता में से एक की मृत्यु हो गई।न जाने कितने जीवन अभी काल के गाल में समाने वाले हैं। महामारी का यह भीषण रूप अति भयानक है। 


आज सुबह वह उठी तो मन शांत था, शायद रात्रि स्वप्न में कोई अनुभव घटा हो। जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्ति व तुरिया चारों का अनुभव मानव करता है।सुबह टहल कर आये तो दिन निकल आया था, आजकल सूर्य के दर्शन नहीं  हो रहे हैं, बदली बनी रहती है। प्राणायाम करते-करते कभी आँखें खोलकर देखें तो सामने बादलों से झांकता सूर्य दिखाई देता है पर झट ही छुप जाता है। सुबह पड़ोसन से बात हुई, उन्होंने भी कहा, सोसाइटी में दो व्यक्ति जा चुके हैं और ग्यारह घरों में मरीज़ हैं।शाम को पापाजी से बात हुई, वह आशा और विश्वास से भरे थे। उनका ज्ञान बहुत गहरा है, उन्हें अब मृत्यु से जरा भी भय नहीं है। ओशो की लाओत्से पर लिखी किताब वह कई बार पढ़ चुके हैं। पश्चिम बंगाल में टीएमसी जीत गई है और वे बीजेपी कार्यकर्ताओं को हिंसा का शिकार बना रहे हैं। सत्ता परिवर्तन का एक अच्छा अवसर पाकर भी वहाँ की जनता ने मोदी जी को नकार दिया। शाम को जून के मित्र का फ़ोन आया।उसकी पत्नी जिसे कुक के कारण कोरोना हुआ, अब ठीक हो रही है, ऑक्सीजन लेवल ९० हो गया है। अस्पताल से लौटते समय वह उसे पार्क होटल में खाना खिलाने ले गये। उसे आश्चर्य हुआ, कोरोना मरीज़ होते हुए इस तरह होटल जाना ठीक तो नहीं है न, यदि बाद में जाँच हुई तो सजा भी हो सकती है।


आज का दिन भी कोरोना की खबरों के साथ शुरू हुआ। दोपहर को नन्हे ने बताया,  कर्नाटक में अगस्त तक तो हालात सुधरने वाले नहीं हैं। उसके बाद तीसरी लहर आने की आशंका भी है। शायद पूरे प्रदेश में कड़ा लॉक डाउन लगाना पड़ेगा।समाचारों में बिहार के अस्पताल की दुदशा देखकर मन को बहुत पीड़ा हुई। ८०० करोड़ का एक अस्पताल बिना किसी सुविधा के भगवान भरोसे चल रहा है। अस्पतालों में भ्रष्टाचार भी बहुत बढ़ रहा है।नन्हे ने कहा, सीटी स्कैन के लिए उन्हें प्रति व्यक्ति १२००० लगे जबकि रेट २५०० का है। आज सुबह उन्हें उठने में थोड़ी देर हुई, टहल कर आये तो छत पर धूप बढ़ गई थी। टीवी के सामने कार्पेट पर बैठकर मुरारी बापू को सुनाते हुए योगासन किए। उन्होंने श्री कृष्ण के जीवन के अंतिम दिनों के बारे में बताया। श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब की पत्नी लक्ष्मणा थी, जो दुर्योधन की पुत्री थी, यह जानकर भी आश्चर्य हुआ।आज ब्लॉग पर तीन पोस्ट प्रकाशित कीं, कोई सहृदय पाठक या पाठिका मिल जाये तो लिखना सफल हो जाता है। 


आज सुबह साढ़े तीन बजे अपने-आप ही नींद खुल गई थी। ध्यान करने बैठी, परमात्मा के सिवा कोई आश्रय नहीं है, यह तो सुना था पर आजकल तो यह बात शत-प्रतिशत सही सिद्ध हो रही है। जगत जिस तरह एक वायरस से जूझ रहा है, कहाँ, कौन संक्रमित होगा और उसकी जान को कितना ख़तरा होगा, कुछ भी कहा नहीं जा सकता। ऐसे में परमात्मा के नाम का स्मरण ही मन को मुक्त रखता है। शाम को पापा जी से बात हुई। वह ठीक हैं, कभी-कभी उम्र के तक़ाज़े के अनुसार उनका शरीर कमजोरी की शिकायत करता है, पर एक नियमित दिनचर्या हैं उनकी। हर दिन दो पेज लिखने का वर्षों का क्रम है, जिसे पूरा करते हैं। अख़बार पढ़ना, संगीत सुनना और आजकल मोबाइल पर वीडियो देखना। नन्हे का फ़ोन आया, उनके डॉक्टर्स दिन में दस हज़ार कॉल्स ले रहे हैं आजकल, वे लोग सभी तरह के डॉक्टर्स को कोरोना के बारे में सलाह देने को कह रहे हैं। आज बैंगलुरु में साढ़े तीन लाख सक्रिय मामले हैं, पूरे देश में ३६ लाख, यह आँकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में छह गुना अधिक है। आज असमिया सखी का फ़ोन आया, अमेरिका में रहने वाली उसकी नन्ही पोती स्कूल जाने लगी है, कक्षा में चार ही विद्यार्थी हैं। कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जाता है। पश्चिम बंगाल में हिंसा ख़त्म नहीं हो रही है। 

   


Tuesday, November 12, 2024

सफ़ाई वाला रोबॉट


 सफ़ाई वाला रोबॉट

आज देर शाम को मूसलाधार वर्षा हुई, वैसी ही जैसी असम में होती थी, अप्रैल के महीने में। बाहर नहीं जा सके, बालकनी में टहलते हुए प्रकृति के इस आनंद उत्सव का आनंद लिया।नन्हे का वीडियो कॉल आया, उनका घर अब पर्याप्त व्यवस्थित हो गया है। घर की सफ़ाई के लिए एक रोबोट डीबॉट लिया है, वह अपने आप ही एआई के द्वारा घर का नक़्शा बना लेता है और स्वयं को चार्ज भी कर लेता है। सफ़ाई में झाड़ू के साथ पोछा भी लगा लेता है। साथ ही उसने यह भी कहा, उसकी कंपनी द्वारा टेली मेडिसिन का उपयोग करने के लिए एक दिन में ग्यारह हज़ार लोगों ने डॉक्टर से सलाह लेने के लिए फ़ोन किया। डेढ़ हज़ार लोगों को उन्हें मना करना पड़ा, क्योकि इतने डॉक्टर्स ही नहीं हैं। पिछले वर्ष कोरोना की लहर आने पर छह हज़ार लोग एक दिन में फ़ोन करते थे, इस वर्ष सारे रिकॉर्ड टूट गये हैं। कल से दस मई तक लॉक डाउन घोषित कर दिया गया है।पिछले वर्ष भी इस समय देश में कोरोना बंद था। परमात्मा ही अब मददगार हो सकता है, हो ही रहा है। उसके सिवा कौन है जो दुनिया को इस आपदा से सुरक्षित निकाल कर ले जाये।कल साढ़े ग्यारह बजे उन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए श्री श्री आयुर्वैदिक अस्पताल जाना है।आज शाम को पार्क संख्या दो से लाल-लाल पकी हुई जमैका चेरी तोड़ीं।


सुबह-सुबह प्राणायाम का महत्व बढ़ गया है, क्योंकि प्राण ही औषधि है, आजकल यह बात सत्य सिद्ध हो रही है। आज अस्पताल आने-जाने में डेढ़ घंटा लगा।एक महिला मिली जो निकट की ही एक सोसाइटी में रहती हैं, कहने लगीं, आपको आश्रम में देखा है। ‘विपरीत मूल्य एकदूसरे के पूरक होते हैं’, कहकर उन्होंने ग्लोब अस्पताल में हुए अपनी पहली वैक्सीन के अनुभव को बताया। शाम को फिर तेज वर्षा हुई, पर रुकने के बाद सूर्यास्त का सुंदर दृश्य दिखाई दिया। पापाजी से बात हुई। यह अब उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है, वह नित्य फ़ेसबुक पर उसकी पोस्ट भी पढ़ते हैं। लॉक डाउन के कारण रविवार के बावजूद बच्चे नहीं आ पाये, वैसे भी सोनू का आक्सीजन लेवल अभी भी ९५ है,  छोटी बहन (डाक्टर) ने कुछ दवाएँ लिख दी हैं और कुछ टेस्ट भी, पर आजकल अस्पताल जाना तो मुश्किल है। आज ‘सायना नेहवाल’ पर बनी एक फ़िल्म देखी, अच्छी है।


आज सुबह भ्रमण के समय पंछियों की आवाज़ें पूरे वातावरण को गुंजा रही थीं। कोयल, बगुले, टिटहरी और छोटी काली-सफ़ेद चिड़ियाँ देखीं।बाद में लौटते हुए समाचार सुने, कोरोना के अलावा कोई और समाचार नहीं होता आजकल। पूरे देश में या कहें दुनिया में अफ़रा-तफ़री का माहौल बना हुआ है। लोगों के संक्रमित होने की संख्या बढ़ती ही जा रही है। कितनी जानें भी जा रही हैं, और ये हालात कब सुधरेंगे, कोई नहीं जानता।सोनू की रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है पर सीटी वैल्यू के अनुसार संक्रमण कम है। नन्हे व सोनू ने सीटी स्कैन करवाया है चेस्ट का, कल रिपोर्ट आएगी। ननद का फ़ोन आया, ननदोई व भांजे को भी कोरोना हो गया है। समाचारों में असम में आये भूकंप के बारे में सुना। 


कल रात को नींद गहरी नहीं थी, फ़िटबिट में गहरी नींद का स्कोर केवल ग्यारह मिनट ही दिख रहा है।शायद इसलिए दिन में थकान सी बनी रही। सुबह जल्दी उठकर टहलने गये, आकाश पर गोल चंद्रमा खिला हुआ अपनी सुषमा बिखेर रहा था। चाँदनी पर न जाने कितनी कविताएँ लिखी गई हैं और सोम से झरते हुए रस से खीर में आने वाली मिठास की कल्पना की गई है। सागर की लहरें भी तो पूर्ण चंद्रमा से मिलने के लिए आकाश में छलांग लगा देती हैं। शाम को जून के एक पूर्व सहकर्मी के कोरोना से हुए देहांत की खबर मिली, वैसे वह कई वर्षों से उन्हें किडनी का रोग था।बच्चों की रिपोर्ट में माइल्ड संक्रमण है चेस्ट में। पापा जी ने विविधभारती के एक कार्यक्रम ‘विविधा’ के बारे में बताया, शुक्रवार को आता है। इसमें संगीतकार नौशाद का इंटरव्यू सुना उन्होंने, और भी देश-दुनिया की बातें कीं।


Tuesday, November 5, 2024

गुलाबी सूरज

गुलाबी सूरज 


शाम को भोजन बनाने के लिए रसोईघर में गयी तो नन्हे का वीडियो कॉल आया।उनके कुक की रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है। उसको संदेह है कि उसे ख़ुद भी कोविड हो गया है। सोनू को भी दिन में ठंड लग रही थी। कल टेस्ट होगा, सोमवार को रिपोर्ट आएगी। उन्हें सोसाइटी द्वारा क्वारंटाइन में रहने को कह दिया गया है, यानि अब उनकी मेड भी नहीं आ सकती। उसके एक मित्र को भी, जो दिल्ली से आया था, पिछले पाँच दिन से ज्वर है। उसके कुछ परिचित आईसीयू में भी हैं। नन्हे ने सोप डिस्पेंसर भिजवाया है, ताकि बिना कहीं भी हाथ लगाये साबुन हाथ में आ जाये।अभी कुछ देर पहले वे टहल कर आये तो चौथ का चंद्रमा झांक रहा था, ठंडी हवा सहला रही थी। टीवी पर कोरोना के समाचार भयावह स्थिति को बताने वाले हैं, दुनिया भर में इसकी दूसरी लहर आ चुकी है। भारत में अब आयी है। तीसरी लहर भी कहीं-कहीं आ रही है। आज एक दिन में ढाई लाख कोरोना केस मिलने का आँकड़ा पार हो गया। बैंगलुरु में १३,००० हो गया है एक दिन का आँकड़ा।


आज सुबह बादल थे, बाल सूर्य का गोला एक गुलाबी गेंद की तरह  लग रहा था।सूर्योदय देखते हुए सूर्य नमस्कार किया। बादलों के कारण सूरज तेजहीन लगता है पर देर तक उसे देखा जा सकता है अर्थात त्राटक किया जा सकता है। आज छोटे भाई से बात हुई, बातों-बातों में उसने बताया, दुनिया के सौ बैंकों में संभवत: भारत का कोई बैंक नहीं आता, चीन जो १९८० में भारत से पीछे था अब पहले स्थान पर है। पहले पंद्रह बैंक उसी के हैं। पापाजी से बात हुई, आज पहली बार उन्होंने दुनिया से जाने की बात अपने मुख से कही।’नरेंद्र कोहली’ की मृत्यु की खबर सुनकर उन्हें यह लगा कि अब बहुत जी लिया है, जबकि आज भी उन्होंने लिखने-पढ़ने का काम किया। 


नन्हे की रिपोर्ट नेगेटिव आयी है, पर उसने कहा नये स्ट्रेन के संक्रमण की रिपोर्ट निगेटिव ही आती है। आज सुबह उठते ही उसके सिर में दर्द भी था।ऑक्सीजन लेवल भी ९४-९५ रहता है।बस एक लाभ हुआ है, उनके ऊपर जो एक ठप्पा लगा गया था, वह हट गया इस रिपोर्ट के बाद, पहले वह किसी से मिलजुल नहीं सकते थे। अब उनके यहाँ कोई आ-जा सकता है। शाम को दीदी का फ़ोन आया, उन्होंने काफ़ी अभ्यास करके ब्रेनविटा में अंत में एक मार्बल प्राप्त कर लिया। आज सरकार की तरफ़ से सूचना आयी है कि पहली मई से अठारह वर्ष से ऊपर सभी को वैक्सीन लगायी जाएगी।अब प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन प्रसारित किया जा रहा है।कोरोना की दूसरी लहर तूफ़ान बनकर आयी है, कितने लोगों ने अपनों को खोया है, कितने प्रभावित हो रहे हैं कई राज्यों में लॉक डाउन फिर से लगा दिया गया है।वह स्वास्थ्य कर्मियों व पुलिस की सराहना कर रहे हैं, जो लोग अपनी चिंता छोड़कर दूसरों के जीवन बचाने में लगे हैं। कठिन से कठिन समय में भी धैर्य नहीं खोना चाहिए तभी कोई विजय हासिल कर सकता है।ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने का प्रयास युद्धस्तर पर हो रहा है, दवाओं का उत्पादन भी बढ़ाया जा रहा है। दुनिया में सबसे तेज़ी से भारत में वैक्सीन लगायी गई है। भारत में जो वैक्सीन बनेगी उसका आधा हिस्सा राज्यों व अस्पतालों को दिया जाएगा। सरकारी अस्पतालों में मुफ़्त वैक्सीन लगायी जा रही है। वह  कह रहे हैं, श्रमिकों को जहाँ वे हैं, वहीं रहकर काम शुरू होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए। कल रामनवमी है, सभी को कोरोना मर्यादा का पालन करना है।अनुशासन, साहस और धैर्य के द्वारा ही देशवासी देश को कोरोना से बचा सकते हैं। 


आज सुबह-सुबह ही शीशे का एक जग टूट गया, लापरवाही से या कहें मोबाइल के चक्कर में। कमरे में अँधेरा था और मोबाइल चार्जर में लगा था, निकालने लगी तो कोहनी जग को लगी। ध्यान पूरा मोबाइल पर था, आसपास की वस्तु पर ध्यान ही नहीं दिया, दुख जग टूटने का जरा भी नहीं हुआ पर अपनी इस असजगता का अवश्य हुआ।आज राम की जीवनी को लेकर एक रचना लिखी सीधी कंप्यूटर स्क्रीन पर और पोस्ट की।आज दोपहर को वे लोग भोजन कर रहे थे, बिना घंटी बजाए नये पड़ोसी सीधे अंदर आये और होमऑटोमेशन के बारे में पूछने लगे।शाम को इलेक्ट्रीशियन को लेकर आयेंगे। 


आज एक दिन में भारत में तीन लाख पंद्रह हज़ार से अधिक व्यक्ति भारत में कोरोना से संक्रमित हुए, जो विश्व में किसी भी देश में आज तक नहीं हुए। बैंगलुरु में भी केस बढ़ रहे हैं। उनकी ही लेन के एक परिचित व्यक्ति भी अस्पताल पहुँच गये हैं, उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता हुई। आज एक और दुखद समाचार सुना, सोसाइटी के एक विला में एक दंपति ने व्यापार में घाटा होने पर आत्महत्या का प्रयास किया, पति की मृत्यु हो गई पर पत्नी अभी अस्पताल में है, पता नहीं किस विवशता में लोग ऐसा कदम उठाते हैं। जीवन की सुंदरता से वे परिचित ही नहीं हो पाते। परमात्मा की बनायी यह सुंदर सृष्टि जो उसने आनंद को फैलाने के लिए ही बनायी है, किसी के लिए दुख का कारण बन जाती है। गुरु का जीवन में न होना ही इसका सबसे बड़ा कारण है। परमात्मा स्वयं ही गुरु के रूप में धरती पर आता है, उसकी एक नज़र ही निहाल कर देने के लिए पर्याप्त है। आज शाम को गुरु जी ने ध्यान करवाया। शाम को पापाजी से बात की, अब वह स्वस्थ हैं। उनके लिए लिखी कविताओं का एक संग्रह बनाना है, जिसका शीर्षक ‘जनक’ हो सकता है। काव्यालय के लिए एक हास्य कविता लिखनी है।