Monday, November 18, 2024

श्रमिक दिवस


श्रमिक दिवस 


आज मई दिवस है। पिछले वर्ष लिखी एक कविता फ़ेसबुक पर प्रकाशित की। शाम को पापाजी ने कहा, उन्होंने पढ़ी यह कविता और मज़दूर क्रांति की बात उन्हें याद आ गई। कार्ल मार्क्स को याद किया, जिसने कहा था, दुनिया के मज़दूरों एक हो जाओ। वार्तालाप में उन्होंने मज़दूरों के योगदान को सराहा, कि उनके बिना मानव के लिए निर्माण का कोई भी काम संभव नहीं है। कल जून के एक पुराने सहकर्मी के निधन का समाचार मिला, उन्हें कई वर्षों से किडनी का रोग था। जीवन और मृत्यु के आगे मानव का कोई ज़ोर नहीं चलता। चिकित्सा शास्त्र की इतनी प्रगति के बावजूद भी लोग असमय मृत्यु को प्राप्त होते हैं, तब भाग्य को मानने के अलावा कोई विकल्प नज़र नहीं आता।जीते जी कोई मृत्यु को प्राप्त न हो इतना तो उसके हाथ में है, यानी उसके उत्साह की, उसके प्रेम की और उसके आनंद की मृत्यु न हो ! जून के एक अन्य पुराने मित्र की पत्नी को कोरोना की वजह से शायद अस्पताल में जाना पड़ सकता है। नन्हे से बात हुई, अब वे लोग बेहतर हैं। उनके नीचे वाले फ़्लैट में एक वृद्धि व्यक्ति की मृत्यु  हो गई। दीदी ने फ़ोन पर बताया, उनकी पहचान की तीन महिलाएँ और एक पुरुष भी कोरोना की भेंट चढ़ गये हैं। नैनी ने बताया, सोसाइटी में कोरोना से एक व्यक्ति चला गया है, उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं। अख़बार में पढ़ा, कितने ही बच्चों के दोनों माता-पिता में से एक की मृत्यु हो गई।न जाने कितने जीवन अभी काल के गाल में समाने वाले हैं। महामारी का यह भीषण रूप अति भयानक है। 


आज सुबह वह उठी तो मन शांत था, शायद रात्रि स्वप्न में कोई अनुभव घटा हो। जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्ति व तुरिया चारों का अनुभव मानव करता है।सुबह टहल कर आये तो दिन निकल आया था, आजकल सूर्य के दर्शन नहीं  हो रहे हैं, बदली बनी रहती है। प्राणायाम करते-करते कभी आँखें खोलकर देखें तो सामने बादलों से झांकता सूर्य दिखाई देता है पर झट ही छुप जाता है। सुबह पड़ोसन से बात हुई, उन्होंने भी कहा, सोसाइटी में दो व्यक्ति जा चुके हैं और ग्यारह घरों में मरीज़ हैं।शाम को पापाजी से बात हुई, वह आशा और विश्वास से भरे थे। उनका ज्ञान बहुत गहरा है, उन्हें अब मृत्यु से जरा भी भय नहीं है। ओशो की लाओत्से पर लिखी किताब वह कई बार पढ़ चुके हैं। पश्चिम बंगाल में टीएमसी जीत गई है और वे बीजेपी कार्यकर्ताओं को हिंसा का शिकार बना रहे हैं। सत्ता परिवर्तन का एक अच्छा अवसर पाकर भी वहाँ की जनता ने मोदी जी को नकार दिया। शाम को जून के मित्र का फ़ोन आया।उसकी पत्नी जिसे कुक के कारण कोरोना हुआ, अब ठीक हो रही है, ऑक्सीजन लेवल ९० हो गया है। अस्पताल से लौटते समय वह उसे पार्क होटल में खाना खिलाने ले गये। उसे आश्चर्य हुआ, कोरोना मरीज़ होते हुए इस तरह होटल जाना ठीक तो नहीं है न, यदि बाद में जाँच हुई तो सजा भी हो सकती है।


आज का दिन भी कोरोना की खबरों के साथ शुरू हुआ। दोपहर को नन्हे ने बताया,  कर्नाटक में अगस्त तक तो हालात सुधरने वाले नहीं हैं। उसके बाद तीसरी लहर आने की आशंका भी है। शायद पूरे प्रदेश में कड़ा लॉक डाउन लगाना पड़ेगा।समाचारों में बिहार के अस्पताल की दुदशा देखकर मन को बहुत पीड़ा हुई। ८०० करोड़ का एक अस्पताल बिना किसी सुविधा के भगवान भरोसे चल रहा है। अस्पतालों में भ्रष्टाचार भी बहुत बढ़ रहा है।नन्हे ने कहा, सीटी स्कैन के लिए उन्हें प्रति व्यक्ति १२००० लगे जबकि रेट २५०० का है। आज सुबह उन्हें उठने में थोड़ी देर हुई, टहल कर आये तो छत पर धूप बढ़ गई थी। टीवी के सामने कार्पेट पर बैठकर मुरारी बापू को सुनाते हुए योगासन किए। उन्होंने श्री कृष्ण के जीवन के अंतिम दिनों के बारे में बताया। श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब की पत्नी लक्ष्मणा थी, जो दुर्योधन की पुत्री थी, यह जानकर भी आश्चर्य हुआ।आज ब्लॉग पर तीन पोस्ट प्रकाशित कीं, कोई सहृदय पाठक या पाठिका मिल जाये तो लिखना सफल हो जाता है। 


आज सुबह साढ़े तीन बजे अपने-आप ही नींद खुल गई थी। ध्यान करने बैठी, परमात्मा के सिवा कोई आश्रय नहीं है, यह तो सुना था पर आजकल तो यह बात शत-प्रतिशत सही सिद्ध हो रही है। जगत जिस तरह एक वायरस से जूझ रहा है, कहाँ, कौन संक्रमित होगा और उसकी जान को कितना ख़तरा होगा, कुछ भी कहा नहीं जा सकता। ऐसे में परमात्मा के नाम का स्मरण ही मन को मुक्त रखता है। शाम को पापा जी से बात हुई। वह ठीक हैं, कभी-कभी उम्र के तक़ाज़े के अनुसार उनका शरीर कमजोरी की शिकायत करता है, पर एक नियमित दिनचर्या हैं उनकी। हर दिन दो पेज लिखने का वर्षों का क्रम है, जिसे पूरा करते हैं। अख़बार पढ़ना, संगीत सुनना और आजकल मोबाइल पर वीडियो देखना। नन्हे का फ़ोन आया, उनके डॉक्टर्स दिन में दस हज़ार कॉल्स ले रहे हैं आजकल, वे लोग सभी तरह के डॉक्टर्स को कोरोना के बारे में सलाह देने को कह रहे हैं। आज बैंगलुरु में साढ़े तीन लाख सक्रिय मामले हैं, पूरे देश में ३६ लाख, यह आँकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में छह गुना अधिक है। आज असमिया सखी का फ़ोन आया, अमेरिका में रहने वाली उसकी नन्ही पोती स्कूल जाने लगी है, कक्षा में चार ही विद्यार्थी हैं। कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जाता है। पश्चिम बंगाल में हिंसा ख़त्म नहीं हो रही है। 

   


Tuesday, November 12, 2024

सफ़ाई वाला रोबॉट


 सफ़ाई वाला रोबॉट

आज देर शाम को मूसलाधार वर्षा हुई, वैसी ही जैसी असम में होती थी, अप्रैल के महीने में। बाहर नहीं जा सके, बालकनी में टहलते हुए प्रकृति के इस आनंद उत्सव का आनंद लिया।नन्हे का वीडियो कॉल आया, उनका घर अब पर्याप्त व्यवस्थित हो गया है। घर की सफ़ाई के लिए एक रोबोट डीबॉट लिया है, वह अपने आप ही एआई के द्वारा घर का नक़्शा बना लेता है और स्वयं को चार्ज भी कर लेता है। सफ़ाई में झाड़ू के साथ पोछा भी लगा लेता है। साथ ही उसने यह भी कहा, उसकी कंपनी द्वारा टेली मेडिसिन का उपयोग करने के लिए एक दिन में ग्यारह हज़ार लोगों ने डॉक्टर से सलाह लेने के लिए फ़ोन किया। डेढ़ हज़ार लोगों को उन्हें मना करना पड़ा, क्योकि इतने डॉक्टर्स ही नहीं हैं। पिछले वर्ष कोरोना की लहर आने पर छह हज़ार लोग एक दिन में फ़ोन करते थे, इस वर्ष सारे रिकॉर्ड टूट गये हैं। कल से दस मई तक लॉक डाउन घोषित कर दिया गया है।पिछले वर्ष भी इस समय देश में कोरोना बंद था। परमात्मा ही अब मददगार हो सकता है, हो ही रहा है। उसके सिवा कौन है जो दुनिया को इस आपदा से सुरक्षित निकाल कर ले जाये।कल साढ़े ग्यारह बजे उन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए श्री श्री आयुर्वैदिक अस्पताल जाना है।आज शाम को पार्क संख्या दो से लाल-लाल पकी हुई जमैका चेरी तोड़ीं।


सुबह-सुबह प्राणायाम का महत्व बढ़ गया है, क्योंकि प्राण ही औषधि है, आजकल यह बात सत्य सिद्ध हो रही है। आज अस्पताल आने-जाने में डेढ़ घंटा लगा।एक महिला मिली जो निकट की ही एक सोसाइटी में रहती हैं, कहने लगीं, आपको आश्रम में देखा है। ‘विपरीत मूल्य एकदूसरे के पूरक होते हैं’, कहकर उन्होंने ग्लोब अस्पताल में हुए अपनी पहली वैक्सीन के अनुभव को बताया। शाम को फिर तेज वर्षा हुई, पर रुकने के बाद सूर्यास्त का सुंदर दृश्य दिखाई दिया। पापाजी से बात हुई। यह अब उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है, वह नित्य फ़ेसबुक पर उसकी पोस्ट भी पढ़ते हैं। लॉक डाउन के कारण रविवार के बावजूद बच्चे नहीं आ पाये, वैसे भी सोनू का आक्सीजन लेवल अभी भी ९५ है,  छोटी बहन (डाक्टर) ने कुछ दवाएँ लिख दी हैं और कुछ टेस्ट भी, पर आजकल अस्पताल जाना तो मुश्किल है। आज ‘सायना नेहवाल’ पर बनी एक फ़िल्म देखी, अच्छी है।


आज सुबह भ्रमण के समय पंछियों की आवाज़ें पूरे वातावरण को गुंजा रही थीं। कोयल, बगुले, टिटहरी और छोटी काली-सफ़ेद चिड़ियाँ देखीं।बाद में लौटते हुए समाचार सुने, कोरोना के अलावा कोई और समाचार नहीं होता आजकल। पूरे देश में या कहें दुनिया में अफ़रा-तफ़री का माहौल बना हुआ है। लोगों के संक्रमित होने की संख्या बढ़ती ही जा रही है। कितनी जानें भी जा रही हैं, और ये हालात कब सुधरेंगे, कोई नहीं जानता।सोनू की रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है पर सीटी वैल्यू के अनुसार संक्रमण कम है। नन्हे व सोनू ने सीटी स्कैन करवाया है चेस्ट का, कल रिपोर्ट आएगी। ननद का फ़ोन आया, ननदोई व भांजे को भी कोरोना हो गया है। समाचारों में असम में आये भूकंप के बारे में सुना। 


कल रात को नींद गहरी नहीं थी, फ़िटबिट में गहरी नींद का स्कोर केवल ग्यारह मिनट ही दिख रहा है।शायद इसलिए दिन में थकान सी बनी रही। सुबह जल्दी उठकर टहलने गये, आकाश पर गोल चंद्रमा खिला हुआ अपनी सुषमा बिखेर रहा था। चाँदनी पर न जाने कितनी कविताएँ लिखी गई हैं और सोम से झरते हुए रस से खीर में आने वाली मिठास की कल्पना की गई है। सागर की लहरें भी तो पूर्ण चंद्रमा से मिलने के लिए आकाश में छलांग लगा देती हैं। शाम को जून के एक पूर्व सहकर्मी के कोरोना से हुए देहांत की खबर मिली, वैसे वह कई वर्षों से उन्हें किडनी का रोग था।बच्चों की रिपोर्ट में माइल्ड संक्रमण है चेस्ट में। पापा जी ने विविधभारती के एक कार्यक्रम ‘विविधा’ के बारे में बताया, शुक्रवार को आता है। इसमें संगीतकार नौशाद का इंटरव्यू सुना उन्होंने, और भी देश-दुनिया की बातें कीं।


Tuesday, November 5, 2024

गुलाबी सूरज

गुलाबी सूरज 


शाम को भोजन बनाने के लिए रसोईघर में गयी तो नन्हे का वीडियो कॉल आया।उनके कुक की रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है। उसको संदेह है कि उसे ख़ुद भी कोविड हो गया है। सोनू को भी दिन में ठंड लग रही थी। कल टेस्ट होगा, सोमवार को रिपोर्ट आएगी। उन्हें सोसाइटी द्वारा क्वारंटाइन में रहने को कह दिया गया है, यानि अब उनकी मेड भी नहीं आ सकती। उसके एक मित्र को भी, जो दिल्ली से आया था, पिछले पाँच दिन से ज्वर है। उसके कुछ परिचित आईसीयू में भी हैं। नन्हे ने सोप डिस्पेंसर भिजवाया है, ताकि बिना कहीं भी हाथ लगाये साबुन हाथ में आ जाये।अभी कुछ देर पहले वे टहल कर आये तो चौथ का चंद्रमा झांक रहा था, ठंडी हवा सहला रही थी। टीवी पर कोरोना के समाचार भयावह स्थिति को बताने वाले हैं, दुनिया भर में इसकी दूसरी लहर आ चुकी है। भारत में अब आयी है। तीसरी लहर भी कहीं-कहीं आ रही है। आज एक दिन में ढाई लाख कोरोना केस मिलने का आँकड़ा पार हो गया। बैंगलुरु में १३,००० हो गया है एक दिन का आँकड़ा।


आज सुबह बादल थे, बाल सूर्य का गोला एक गुलाबी गेंद की तरह  लग रहा था।सूर्योदय देखते हुए सूर्य नमस्कार किया। बादलों के कारण सूरज तेजहीन लगता है पर देर तक उसे देखा जा सकता है अर्थात त्राटक किया जा सकता है। आज छोटे भाई से बात हुई, बातों-बातों में उसने बताया, दुनिया के सौ बैंकों में संभवत: भारत का कोई बैंक नहीं आता, चीन जो १९८० में भारत से पीछे था अब पहले स्थान पर है। पहले पंद्रह बैंक उसी के हैं। पापाजी से बात हुई, आज पहली बार उन्होंने दुनिया से जाने की बात अपने मुख से कही।’नरेंद्र कोहली’ की मृत्यु की खबर सुनकर उन्हें यह लगा कि अब बहुत जी लिया है, जबकि आज भी उन्होंने लिखने-पढ़ने का काम किया। 


नन्हे की रिपोर्ट नेगेटिव आयी है, पर उसने कहा नये स्ट्रेन के संक्रमण की रिपोर्ट निगेटिव ही आती है। आज सुबह उठते ही उसके सिर में दर्द भी था।ऑक्सीजन लेवल भी ९४-९५ रहता है।बस एक लाभ हुआ है, उनके ऊपर जो एक ठप्पा लगा गया था, वह हट गया इस रिपोर्ट के बाद, पहले वह किसी से मिलजुल नहीं सकते थे। अब उनके यहाँ कोई आ-जा सकता है। शाम को दीदी का फ़ोन आया, उन्होंने काफ़ी अभ्यास करके ब्रेनविटा में अंत में एक मार्बल प्राप्त कर लिया। आज सरकार की तरफ़ से सूचना आयी है कि पहली मई से अठारह वर्ष से ऊपर सभी को वैक्सीन लगायी जाएगी।अब प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन प्रसारित किया जा रहा है।कोरोना की दूसरी लहर तूफ़ान बनकर आयी है, कितने लोगों ने अपनों को खोया है, कितने प्रभावित हो रहे हैं कई राज्यों में लॉक डाउन फिर से लगा दिया गया है।वह स्वास्थ्य कर्मियों व पुलिस की सराहना कर रहे हैं, जो लोग अपनी चिंता छोड़कर दूसरों के जीवन बचाने में लगे हैं। कठिन से कठिन समय में भी धैर्य नहीं खोना चाहिए तभी कोई विजय हासिल कर सकता है।ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने का प्रयास युद्धस्तर पर हो रहा है, दवाओं का उत्पादन भी बढ़ाया जा रहा है। दुनिया में सबसे तेज़ी से भारत में वैक्सीन लगायी गई है। भारत में जो वैक्सीन बनेगी उसका आधा हिस्सा राज्यों व अस्पतालों को दिया जाएगा। सरकारी अस्पतालों में मुफ़्त वैक्सीन लगायी जा रही है। वह  कह रहे हैं, श्रमिकों को जहाँ वे हैं, वहीं रहकर काम शुरू होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए। कल रामनवमी है, सभी को कोरोना मर्यादा का पालन करना है।अनुशासन, साहस और धैर्य के द्वारा ही देशवासी देश को कोरोना से बचा सकते हैं। 


आज सुबह-सुबह ही शीशे का एक जग टूट गया, लापरवाही से या कहें मोबाइल के चक्कर में। कमरे में अँधेरा था और मोबाइल चार्जर में लगा था, निकालने लगी तो कोहनी जग को लगी। ध्यान पूरा मोबाइल पर था, आसपास की वस्तु पर ध्यान ही नहीं दिया, दुख जग टूटने का जरा भी नहीं हुआ पर अपनी इस असजगता का अवश्य हुआ।आज राम की जीवनी को लेकर एक रचना लिखी सीधी कंप्यूटर स्क्रीन पर और पोस्ट की।आज दोपहर को वे लोग भोजन कर रहे थे, बिना घंटी बजाए नये पड़ोसी सीधे अंदर आये और होमऑटोमेशन के बारे में पूछने लगे।शाम को इलेक्ट्रीशियन को लेकर आयेंगे। 


आज एक दिन में भारत में तीन लाख पंद्रह हज़ार से अधिक व्यक्ति भारत में कोरोना से संक्रमित हुए, जो विश्व में किसी भी देश में आज तक नहीं हुए। बैंगलुरु में भी केस बढ़ रहे हैं। उनकी ही लेन के एक परिचित व्यक्ति भी अस्पताल पहुँच गये हैं, उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता हुई। आज एक और दुखद समाचार सुना, सोसाइटी के एक विला में एक दंपति ने व्यापार में घाटा होने पर आत्महत्या का प्रयास किया, पति की मृत्यु हो गई पर पत्नी अभी अस्पताल में है, पता नहीं किस विवशता में लोग ऐसा कदम उठाते हैं। जीवन की सुंदरता से वे परिचित ही नहीं हो पाते। परमात्मा की बनायी यह सुंदर सृष्टि जो उसने आनंद को फैलाने के लिए ही बनायी है, किसी के लिए दुख का कारण बन जाती है। गुरु का जीवन में न होना ही इसका सबसे बड़ा कारण है। परमात्मा स्वयं ही गुरु के रूप में धरती पर आता है, उसकी एक नज़र ही निहाल कर देने के लिए पर्याप्त है। आज शाम को गुरु जी ने ध्यान करवाया। शाम को पापाजी से बात की, अब वह स्वस्थ हैं। उनके लिए लिखी कविताओं का एक संग्रह बनाना है, जिसका शीर्षक ‘जनक’ हो सकता है। काव्यालय के लिए एक हास्य कविता लिखनी है।     

 


Tuesday, October 29, 2024

आलू भुजिया और परांठा

आलू भुजिया और परांठा 


अभी कुछ देर पहले वे दोनों मास्क पहने कर रात्रि भ्रमण के लिए गये थे। देश और दुनिया में कोरोना ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। केवल बैंगलुरु में आठ हज़ार केस मिले हैं।शाम को दीदी से बात हुई, कह रही थीं, जीजा जी रोज़ शाम को कुछ देर के लिए एक दुकान पर जाकर बैठते हैं, आस-पास की खबरें मिल जाती हैं, कुछ और लोग भी आते हैं, उन्हें भी सतर्क रहना होगा।भांजा आज वापस जा रहा है, घर से काम करेगा, किराए का घर बंद रहेगा, बाइक नन्हे के यहाँ छोड़ जाएगा। पापाजी से बात हुई, कल उन्हें अचानक हृदय के पास दर्द हुआ, आज ठीक हैं। कोरोना का टेस्ट दुबारा करवाया, छोटे भाई का भी। अगले हफ़्ते प्रमोशन के लिए उसका इंटरव्यू है, पर जा पाएगा या नहीं, अभी तक तय नहीं है। 


आज छत पर सोलर पैनल में लाइटिंग अरेस्टर लग गया तथा तीन इन्वर्टर बदल दिये गये जो इलेक्ट्रिकल सर्ज के कारण पिछले दो महीने से ख़राब थे। उस समय बिजली से चलने वाले कितने और उपकरण भी ख़राब हो गये थे। कुछ देर पहले नन्हे और सोनू से बात की। सुबह यहाँ आने से पूर्व उनका गला ख़राब लग रहा था। कल ही दोनों डेंटिस्ट के पास से आये थे, डर गये, कहीं संक्रमण न हो गया हो। आने से ही मना कर रहे थे।उन्हें कहा, आ जाओ, अपने कमरे में ही रहना, वहीं नाश्ता, खाना पहुँचा देंगे। पर पाँच मिनट भी नहीं रहे कमरे में, नीचे सबने साथ में नाश्ता किया। अभी बात की तो पता चला, नन्हे को सिर में दर्द हुआ था, पर अब कम हो गया है। दोनों कल टेस्ट करा रहे हैं। आज दो पुराने मित्र परिवारों से वीडियो कांफ्रेस पर बात हुई। दिन में एक चित्र बनाया, और सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जब मन ख़ाली होता है, एक कविता लिखी। 


सुबह बच्चों से बात की, दोनों ठीक थे व अपने जॉब पर लग चुके थे। कल जो उनके मन में संदेह हो गया था, निराधार था। भय मन पर कैसे असर कर लेता है। कल रात को उसे भी एक दो बार ऐसा लगा कि कुछ ठीक नहीं है। मन में विचार करते ही शरीर पर असर दिखने लगता है। आज दिन में भी गर्मी के कारण एक बार बेचैनी सी हुई, पर अब सब ठीक है। रात्रि भ्रमण के समय हल्की ठंडक लिए हवा चल रही थी।शाम को पड़ोसिन से बात हुई, अब उनकी बहू भी ठीक है। भाई व पापाजी की रिपोर्ट भी आ गई है, भाई की नेगेटिव पर पापाजी की अभी भी पॉज़िटिव है।भाभी ने वैक्सीन लगवा ली है। उसे लगता है, जब कोरोना पूरी तरह ख़त्म हो जाएगा, तब भी शायद इन दिनों को याद करके लोग उदास हो जाया करेंगे।


आज बैसाखी है, गुडी पड़वा, युगादि और वासंतिक नवरात्र का पहला दिन भी।  न जाने कितने काल से पूरे भारत में अलग-अलग नामों से फसल का यह त्योहार मनाया जाता है। उसने नवरात्र पर एक छोटी सी कविता लिखी।टहलते समय देखा, आम के बगीचे से कच्चे आम ही काफ़ी मात्रा में तोड़ लिए गये हैं।आज से लगभग सभी हिंदू घरों में नौ दिनों तक जैन भोजन ही खाया जाता है, अर्थात बिना लहसुन-प्याज़ का शाकाहारी भीजन।आज नन्हे का एक चित्र उसकी कंपनी की एक खबर में देखा, अच्छा लगा। पड़ोसी के यहाँ से आज बैरियर हटा लिया गया है, यानि अब वे कोरोना से मुक्त हैं। अलग-अलग स्थान पर रहते हुए परिवार में लगभग सभी ने कोरोना की दूसरी डोज लगवा ली है। एक-दो को बुख़ार भी हुआ। पता चला, दसवीं की परीक्षा रद्द कर दी गई है। बारहवीं की परीक्षाएँ स्थगित कर दी गई हैं। पूरी दुनिया में कोविड के कारण काफ़ी उथल-पुथल मची है। उनका जीवन सुरक्षित है, जब तक वे घर से बाहर नहीं निकलते,यह वायर्स सभी को एकांत सेवी बना रहा है। वैसे किसी को घर बैठे-बैठे भी हुआ है। बाहर से तो संपर्क बना रहता है न। आज शाम को कुछ देर बूँदाबाँदी हुई, पर मौसम अभी भी गर्म है।    


आज शाम को तेज वर्षा हुई, मौसम सुहावना होई गया है। शाम को भाई से बात हुई, उसने बताया, एक बार कोरोना होने के कम से कम दो महीने बाद वैक्सीन लगवा सकते हैं। उसने अपने तीन परिचित परिवारों का ज़िक्र किया, जिसमें किसी न किसी को संक्रमण हो गया है। आज सुबह आकाश गहरा नीला था, भोर का तारा चाँदी की तरह चमक रहा था। क्रिया के बाद मन इतना हल्का हो गया था जैसे अंतरिक्ष के अंतिम छोर को पल भर में छू कर आ सकता है। नाश्ते में जून को आलू की भुजिया बनाने का मन हुआ, उसे बचपन की याद ताजा हो आयी, जब माँ टिफ़िन में पराँठा और आलू भुजिया देती थीं। उल्हास नगर की यात्रा का विवरण लिखा आज। शाम को योग वशिष्ठ में कितना अद्भुत वर्णन पढ़ा माया का, मन जब अनंत के साथ एक हो जाता है तो मुक्त हो जाता है, या अनंत जब सांत होना छोड़ देता है तो मुक्ति का अनुभव करता है।   


Thursday, October 17, 2024

भोर का तारा

भोर का तारा


आज इतवार है, सुबह साढ़े नौ बजे बच्चे आ गये थे। दोपहर को नन्हे ने यू ट्यूब से देखकर काले चने की स्वादिष्ट सब्ज़ी बनायी। उन्होंने बच्चों को “साइकिल” फ़िल्म के बारे में बताया, पिछले हफ़्ते देखी बहुत अच्छी मलयालम फ़िल्म है। शाम को अचानक तेज हवा चलने लगी, छोटी-मोटी आँधी ही थी। वे छत पर टहल रहे थे, पड़ोसी परिवार भी अपनी छत पर था।पापाजी से बात हुई, उन्हें कोरोना का पता चले एक हफ़्ता हो गया है। उन्होंने कहा, भाई ज़्यादा बात नहीं करता, चुपचुप रहता है। उसे अस्वस्थ हुए ग्यारह दिन हो गये हैं, ऐसे में कोई भी इंसान परेशान हो जाएगा। उसने ईश्वर से प्रार्थना की, विश्व में सभी लोग कोरोना से मुक्त हो जायें। कल 'विश्व स्वास्थ्य दिवस' पर वेबिनार होने जा रहा है, उसे गुरुजी के प्रारंभिक उद्बोधन को ट्रांस्क्राइब करना है। प्रधानमंत्री की ‘परीक्षा पर चर्चा’ सुनी। उन्होंने छात्रों के प्रश्नों के उत्तर बहुत समझदारी और स्पष्टता के साथ दिये। प्रधानमंत्री होते हुए युवाओं व बच्चों से उनका संबंध बहुत अनूठा है। 


आश्रम के एक स्वयंसेवक से ज्ञात हुआ, गुरुजी का गला भी ख़राब है, वह एकांतवास में हैं, वेबिनार में उनका संदेश पढ़कर सुनाया गया। पापाजी को उनके भेजे बिस्किट आज मिल गये, उन्हें अच्छा लगा। अभी भी पूर्ण स्वास्थ्य नहीं मिला है। भाई को भी ठंड लग रही थी।परिवार के तीनों डाक्टर्स के संपर्क में है वह। तीनों से उसे कुछ न कछ सहायता मिल रही है। हेल्थ ऐप तो है ही सहयोग देने के लिए।सुबह अस्तित्त्व ने एक कविता लिखवायी। मौसम अपेक्षाकृत गर्म था। द्वादशी का चंद्रमा बेहद मोहक लग रहा था और  कुछ दूरी पर भोर का तारा भी चमचमा रहा था। लौटकर सूर्योदय को कैमरे में उतारा। पाचन तंत्र कुछ शिकायत कर रहा था, सो आज आयुर्वेद का एक नुस्ख़ा लिया है, रात्रि को दूध के साथ। घर पर बात हुई, दोनों मरीज़ अब बेहतर हैं। सुबह उनके लिए शुभकामनाएँ भेजी थीं और मानसिक उपचार का भाव भी किया था।दुआओं में बहुत असर होता है यदि वे दिल से निकली हों।पापाजी से की बातचीत उन्होंने रिकॉर्ड कर ली है। उन्हें फ़ोन पर बात करना अच्छा लगता है। कल रात देखे अपने दो स्वप्न उन्होंने बताये, एक में एक व्यक्ति उनसे पूछता है, कितने साल से पेंशन  ले रहे हो, और कब तक लेने का इरादा है। दूसरे स्वप्न में वे भाई के साथ पेंशन लेने जाते हैं, पर वहाँ बहुत देर हो जाती है। फिर वे निकाले हुए पैसे भाई को दे देते हैं, और वह उन्हें छोड़कर बस में बैठकर चला जाता है ।मन में छिपे हुए भय ही स्वप्नों में प्रकट हो जाते हैं।


आज वे रात्रि भ्रमण  के लिए निकले तो सड़क बिल्कुल सुनसान थी। पार्क नंबर नौ यानी फ़ौवरे वाले पार्क से होते हुए आम के बगीचे की बायीं ओर ढलान वाली सड़क से होते हुए लौटे। पार्क छह के बाहर एक माँ दो बच्चों को अपने दोनों ओर बिठाए एक किताब पढ़कर सुना रही थी। एक बच्चा बहुत खुश लग रहा था। थोड़ा आगे एक चौकीदार मिला जो सदा ही सलाम करता है। सभी ने मास्क पहने हुए थे। एक वर्ष पूर्व जैसा भय का माहौल था, कुछ वैसा ही फिर से बन रहा है। उन्होंने शाम को बाहर निकलना ही छोड़ दिया है। ‘देवों के देव’ में रामायण की कहानी चल रही है, महादेव की बहुत बड़ी भूमिका है रामायण में, उनके एक अंश का ही अवतार हैं हनुमान! पापा जी का स्वास्थ्य सुधर रहा है, उन्होंने फ़ेसबुक देखना आरंभ कर दिया है। सुबह क्रिया के बाद बहुत सुंदर अनुभव हुआ, आज्ञा चक्र पर सफ़ेद मोती दिखे ढेर सारे ! परमात्मा को महसूस करना हो तो वर्तमान के क्षण में ही किया जा सकता है, अभी और यहीं। वह इस वक्त है यहीं, उनके पास, उनसे स्वयं को पहचनवाता हुआ, वे उसे जान सकें यह वह चाहता है। वह उनके माध्यम से व्यक्त होना चाहता है, एक तरह से हो ही रहा है, पर अनजाने ही, उनके जाने बिना ही, जब वे जान लेते हैं तो उसके आनंद में भागीदार बन जाते हैं ! 



   


Wednesday, September 25, 2024

कोरोना की रिपोर्ट

कोरोना की रिपोर्ट 


आज दिन भर ऐसा लगा जैसे कुछ अधूरापन है, जैसे कोई ज़रूरी काम रह गया है, जिसे करना था। सेवा का कार्य भी कई दिनों से नहीं किया, कल एक छोटा सा अनुवाद का काम आया था, सो कर दिया। सुबह समय से उठे, छह बजे से पहले टहलकर वापस आ गये थे। जून ने सोलर पैनल की सफ़ाई की, वर्षा हुए कई हफ़्ते हो गये हैं, सब तरफ़ धूल जम गई थी। पड़ोस में जो घर बन रहा है, उसके कारण धूल अधिक आती है। यहाँ पानी कुछ खारा है, पानी को कोमल करने के लिए मशीन लगायी है, उसमें हर महीने पच्चीस किलो नमक डालना पड़ता है।आज उसमें तथा बर्तन धोने की मशीन में भी नमक भरा।नाश्ते में दलिया बनाया, जिसमें बाबा रामदेव की सलाह पर सात-आठ पदार्थ मिलाये हैं, गेहूं का दलिया, छोटे चावल, मूँग छिलका दाल, अलसी, अजवायन, सफ़ेद तिल और  ओट्स ! चाहें तो ज्वार या मकई का दलिया भी मिला सकते हैं। बनाते समय हरी सब्ज़ियाँ तो डालते ही हैं। बहुत पौष्टिक है और स्वादिष्ट भी। एक पुस्तक पढ़नी शुरू की है, लिविंग ऑन द एज, अच्छी लग रही है। 


आज शाम को हम टहल कर लौटे तो पड़ोसिन श्रीमती दत्ता पीछे के बरामदे में मिलीं। सहज ही पूछ लिया, आप टहलने नहीं गयीं, तो उन्होंने बताया, उनकी बहू की रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है। एक जन्मदिन की पार्टी में गई थी, वापस आकर गले में ख़राश लगी, आज तो तेज बुख़ार भी था। आर एंटीज़न की रिपोर्ट तो फ़ौरन मिल गई। आर टी पी सी यानी ‘रियल टाइम ट्रांसमिशन चेन’ की रिपोर्ट आज आनी थी। ज़रूर पॉज़िटिव आयी है, क्योंकि उनके घर के आगे बैरियर के रूप में फीता लगा दिया गया है, और घर का फ़्यूमिगेशन भी किया गया। अब उन्हें ख़ुद भी बहुत सावधान रहने की ज़रूरत है। रात्रि भ्रमण के लिए नहीं गये। इस समय यहाँ कई घरों में कोरोना के मरीज़ हैं।आज नाश्ते में मकई के आटे में बगीचे से तोड़ी पालक मिलाकर रोटी बनायी। मौसम अब गर्म हो गया है, एसी चलाने लायक़ गर्म। आज दोपहर को एक और घर को सैनिटाइज करने की आवाज़ आ रही थी। शायद कोई और मरीज़ मिला है। कल यहाँ पर आर टी पी सी टेस्ट के लिए कैंप लग रहा है,शायद कुछ और निकल आयें। देश व दुनिया में तेरह करोड़ लोग इससे ग्रसित हो चुके हैं। 


सुबह जब वे घर से निकले, आकाश में चाँद तारे खिले हुए थे।वातावरण शांतिदायक था खुली हवा में टहलते समय कितने सुंदर विचार आते हैं।  हवा, धरती, सूरज और आकाश के साथ एक्य का अनुभव हो रहा था। वापस आकर छत पर योग साधना की, ऊपर विशाल गगन था पर बादलों के कारण सूर्योदय नहीं दिखा।रोज़ सुबह सबसे पहले घर से बाहर निकल जाने वाले पड़ोसी छत पर टहल रहे थे, उनके घर से न कोई बाहर जा सकता है, न कोई आ सकता है।कभी अपने ही घर में नज़रबंद होना पड़ेगा, ऐसा किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। उनसे बात हुई तो कहने लगे, बहू को स्वाद व सुगंध का कुछ पता नहीं चल रहा है।


संध्याकाल का भ्रमण नहीं हुआ। हिम्मत करके मास्क पहनकर रात्रि भ्रमण के लिए निकले। सड़क ख़ाली थी, केवल एक व्यक्ति अपने कुत्ते को घुमाने लाया था।लोग फिर से अपने घरों में बंद रहने को बाध्य हो गये हैं। श्रीमती दत्ता ने बताया कि उनके परिवार में बहू को छोड़कर सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आयी है। उन्होंने अपने पोते को कहा दिया है, माँ बाहर गई है। वह फ़ोन से बात कर लेता है। छोटे भाई की रिपोर्ट भी पॉज़िटिव है, पापाजी को भी बुख़ार हो गया है। भाभी अभी तक ठीक है, भाई ने बताया, वह नियमित शंख बजाती है और गरम पानी में नींबू और शहद डालकर रोज़ सुबह पीती है। ईश्वर उसकी रक्षा करेंगे। उसे ही दोनों मरीज़ों की देखभाल करनी है। शाम को छोटी बहन का फ़ोन आया, उसे नाइट ड्यूटी पर जाना था, थोड़ी चिंतित थी। 


सुबह पापाजी से बात हुई, उन्हें भी कोरोना हो गया है। पर बुख़ार होने पर भी सुबह की चाय स्वयं बनायी। भाभी नाश्ता-खाना ऊपर रख जाती है। दीदी से बात हुई, वह आजकल ब्रेनविटा खेलती हैं, अभी तक अंत में एक कंचा नहीं आ पाया है। यू ट्यूब पर उसका हल देखकर सीखने से ही आयेगा शायद। आज गर्मी कल से अधिक है। उनका एसी काम नहीं कर रहा है, शायद उसका कंप्रेसर ख़राब हो गया हो। आज शाम को श्रीमती दत्ता को इतने वर्षों में पहली बार छत पर देखा। दत्ता जी को भी खांसी व बदन दर्द की शिकायत हो गई है, पुत्र की तबियत भी ठीक नहीं है। 


Wednesday, September 18, 2024

सब्ज़ी वाला ट्रक

सब्ज़ी वाला ट्रक


आज सुबह सब्ज़ी वाला ट्रक आया था, कुछ ताजी सब्ज़ियाँ व फल भी मिल गये। ड्राइवर कह रहा था, अब से हफ़्ते में दो बार आया करेगा।वहाँ सभी सब्ज़ियाँ उसने नीली प्लास्टिक की बास्केट में सड़क पर पंक्ति में लगा दी थीं। दूर से लग रहा था, जैसे छोटा सा बाज़ार लगा हो।उसने पहली बार इस तरह सब्ज़ियाँ ख़रीदीं, तभी हल्की बूँदा-बाँदी होने लगी, झट प्लास्टिक के कवर से सब कुछ ढक दिया गया और लोग सामने वाले घर  के गैराज में खड़े होने चले गये। वह तो अच्छा हुआ, पाँच मिनट में ही बरखा रुक गई, शायद इंद्रदेव ने किसी की प्रार्थना सुन ली हो।दिन में फ़ोन पर फुफेरे भाई से बात की, फिर असम में उनके यहाँ काम करने वाली नैनी से।उसने सोचा है रोज़ ही किसी न किसी परिचित से बात करनी है, कोरोना के कारण सब अपने-अपने घरों में ही तो बंद हैं, फ़ोन से घर बैठे एक-दूसरे का हाल मिल जाता है।आज दो रचनाएँ प्रकाशित कीं, ‘शिवलिंग’ कविता पाठकों को अच्छी लगी है, परमात्मा ही लिखवा लेता है सुबह-सुबह, शेष दिन भर तो कविता का ‘क’ भी मन में नहीं आता। शाम को मँझली भाभी से बात की, उनकी माँ घर में हुई एक दुर्घटना में जल जाने के कारण अस्वस्थ हैं, इलाज चल रहा है, अपने पुत्र के यहाँ हैं।वृद्धावस्था में इंसान कितना बेबस हो जाता है। दोपहर बाद पापाजी से बात हुई, छोटी भाभी अपनी मायके गई है, दो दिन के लिए खाना बनाकर फ्रिज में रख गई है। रोटी या चावल वे ताजा बनवा लेते हैं, यदि कामवाली न आयी तो ख़ुद बनाते हैं।


आज वे इसी सोसाइटी में रहने वाली एक महिला डाक्टर से मिलने गये। उन्होंने भली प्रकार उन दोनों का चेकअप किया। कल पर्ची बना कर देंगी। उसे गर्दन  के व्यायाम तथा रात को सोने से पूर्व गरारे करने की सलाह दी। उनका घर बहुत अच्छी तरह से रखा एक गोदाम लग रहा था। अभी हाल में ही वे लोग यहाँ आये हैं। आज असम में उनके यहाँ काम करने वाले माली व धोबी से बात की।वर्षों तक उन्होंने अपनी सेवाएँ दी थीं।बात करके उसे अच्छा लगा, जीवन में कितने ही लोग मिलते हैं और फिर कभी न मिलने के लिए छूट जाते हैं। पापा जी ने बताया, अभी तीन दिन उन्हें और अकेले रहना है। 


आज दिन में गर्मी बहुत थी। सुबह सोसाइटी की तरफ़ से पानी डालने वाला आदमी आया था। बगीचे की घास और पौधों की हालत इस गर्मी में नाज़ुक हो जाती है। सुबहें और शामें अपेक्षाकृत सुहानी होती हैं, हवा बहती रहती है। आज गोधूलि बेला में सूर्यास्त के सुंदर दृश्य देखे। आम के बगीचे में पेड़ फलों से लदे हुए थे।सुबह सूर्योदय का वीडियो बनाया। ‘द ब्लू अंब्रेला’ का कुछ अंश देखा, मसूरी-देहरादून की कहानी है। एक छोटी लड़की के पास नीले रंग का एक छाता है, जापानी छाता, जो बेहद सुंदर है। 


रात्रि भ्रमण हो चुका है।इसके दौरान नियमित रूप से उन्हें एक ईसाई दंपति मिलते हैं, सामने वाली लाइन में सड़क के उस पार ही रहते हैं, पर ‘हैलो’ के अतिरिक्त कुछ बात नहीं हुई।आजकल सभी अपने काम से काम रखते हैं।आज सुबह उसका मन कितना स्थिर था, जैसे समता को पूरी तरह धारण कर लिया हो, पर कुछ ही देर बाद जून को किसी बात के लिए टोका, मन हिल गया चाहे एक सेकण्ड के लिए ही सही। लेकिन भीतर की स्थिरता कहीं जाने वाली नहीं है, अटल रहने वाली है, यह अनुभव कोई छीन नहीं सकता, क्यूँकि ‘वह’ वही है,  भला उससे ‘उसे’ कौन छीन सकता है ?


आज सुबह एक स्वप्न देखा, जिसमें वह रास्ता भूल गई है। स्वप्न उनके अचेतन मन की कहानी कहते हैं, कुछ सिखाते भी हैं। अभी नन्हे का फ़ोन आया, उसने घर का वीडियो दिखाया, काफ़ी काम हो गया है।कल यहाँ पहली बार आलू के चिप्स बनाये थे, सूख गये हैं, होली पर बनायेंगे। एक सखी का फ़ोन आया, वह भी होली की तैयारी कर रही थी।दोपहर को बड़ा भांजा आ गया था, उसके आने से जून में जैसे बचपन लौट आया है। इतमा मुक्त तो वह बेटे-बहू के आने पर भी महसूस नहीं करते। सुबह समय से पूर्व उठे, प्रातः भ्रमण के बाद पौने छह तक घर लौट आये, छत पर सूर्योदय देखा और बालसूर्य के सान्निध्य में योग साधना की। साप्ताहिक सफ़ाई का दिन था, सो पंखों की विशेष सफ़ाई करवायी। रात्रि भ्रमण के समय लगभग गोल चंद्रमा देखा, कल पूर्णिमा है। कल सुबह ही नन्हा और सोनू आ रहे हैं। होली का उत्सव कल ही मनाएँगे।परसों उनका अवकाश नहीं है। कुछ देर पहले समाचार मिला, मँझली भाभी की माता जी का देहांत हो गया है।वे कई दिनों से मृत्यु से जूझ रही थीं, जिसका भी जन्म होता है एक न एक दिन उसे जाना ही है। उसने सोचा, कल ही भाभी से बात करेगी। 


आज होलिका दहन है, प्रह्लाद की रक्षा का दिन ! जब भीतर का आह्लाद शेष रह जाये और हर कलुष जल जाये तभी मनती है होली ! वे होलिका दहन में नहीं गये। सोसाइटी में कई घरों में कोरोना के मरीज़ हैं, उन्हें अपनी सुरक्षा करनी है। पूरे कर्नाटक में विशेष तौर से बैंगलुरु में कोरोना का प्रकोप बहुत बढ़ गया है। भांजा आज भी यहीं है, उसे परसों नयी कंपनी में जॉइन करना है। शाम को असमिया सखी का फ़ोन आया, होली की मुबारकबाद दे रही थी। सुबह जून के तीन पुराने मित्रों का फ़ोन आया था। पुरानी दोस्ती देर तक क़ायम रहती है। सुबह बच्चे आ गये थे, विशेष भोज बनाया। शाम को वे दोनों पड़ोसियों के यहाँ गुझिया और रंग लेकर होली की शुभकामना देने गये। होली की तस्वीरें खींचीं। परिवार के एक सदस्य के यहाँ शोक का माहौल है, इसलिए कोई पारिवारिक ग्रुप में तस्वीरें नहीं डाल रहा है। एक उम्र के बाद यदि व्यक्ति अस्वस्थ हो तथा दूसरों पर निर्भर हो तो घरवालों पर बोझ बन जाता है। इसलिए भाभी से बात हुई, तो उसने कहा,  जो हुआ ठीक है, माँ बहुत कष्ट में थीं। 


आज होली है, उन्होंने प्रेम के रंग बहाए। सभी से बातचीत की। छोटे भाई को परसों से बुख़ार है। वह सफ़र से आया था, शायद थकान की वजह से ही हो। वहाँ कोरोना टेस्ट नहीं हो पा रहा है। सिवाय सरकारी अस्पताल के जहां बहुत भीड़ है। पापाजी भी कुछ परेशान से लगे, ज़ाहिर सी बात है, लगेंगे ही। एक सखी से बात की, वे लोग आगरा में हैं, भरतपुर घूम कर आये थे, पक्षी विहार देखा, बहुत उत्साहित होकर वह बता रही थी।