Friday, August 10, 2018

कपालभाति के फायदे




दो दिन फिर निकल गये, आजकल दिन कैसे बीत जाते हैं, पता ही नहीं चलता.शाम हो गयी है, जून अभी तक आये नहीं हैं. परसों विदेश से छोटी भांजी अपनी एक ब्रिटिश मित्र के साथ यहाँ कुछ दिनों के लिये आई है. वह उन्हें लेने एअरपोर्ट गयी थी. कालेज जाने से पहले वे लोग भारत में कुछ दिन  बिताना चाहती हैं. घर में जैसे रौनक आ गयी है. पूसी भी उनके साथ बहुत खेलती है, उन्होंने उसे मैंगो नाम दिया है, अपने नाम भी जान गयी है. भांजी ने ‘यूनिवर्स’ में उसका प्रोफाइल अपडेट किया, पिछली बार जब वह यहाँ आई थी, उसी ने यह नोट्स सबस्क्राइब किये थे. दोपहर को वह उन्हें लेकर मृणाल ज्योति गयी, उसे एक मीटिंग में भाग लेना था, दोनों लडकियाँ इधर-उधर घूमकर स्कूल देखती रहीं, फिर अपने साथ लायी किताबें पढने लगीं.
सुबह के ग्यारह बज गये हैं. जून अभी आने वाले होंगे. दोनों सखियाँ अपने कमरे में हैं. छोटी बहन से स्काईप पर बात हुई. लंच में राजमा बनाए और दम आलू तथा कुम्हड़े की दही वाली सब्जी, दोनों आराम से सभी सब्जियां खा लेती हैं. विशेष पसंद पूछने पर, ‘सब पसंद है’ कहकर मुस्कुरा देती हैं. लगता है वर्षा होगी, बादल गरज रहे हैं. स्कूल में बच्चों को मंगल प्रार्थना सिखाई आज. गर्मी बहुत थी, कुछ बच्चे बहुत शोर कर रहे थे. सुबह वे टहलने गये तो पीले फूलों को सड़क पर बिछे देखा था, स्कूल से लौटते वक्त तस्वीरें उतारीं.
आज वर्षों बाद उस तरह ध्यान किया जैसे पहले-पहल करती थी. अस्तित्त्व से वार्तालाप, वह सचमुच उनसे बातें करता है. उसने उसके प्रति अपने प्रेम के बारे में बताया, और उसे कैसा होना चाहिए, यह भी. डिस्प्रिन का एक पत्ता भी दिखा ध्यान में, अब उसकी जरूरत नहीं पड़ती. उसने ‘लाल रंग’ के बारे में भी कुछ कहा. हो सकता है यह सब उसका ही मन उसे दिखा रहा हो, पर यह उसका विशाल मन था जो परमात्मा से जुड़ना चाहता है. आज एक अच्छा सा वीडियो भी देखा. सृजन करने की क्षमता को उन्हें विकसित करते जाना है, वे यहाँ परमात्मा का काम करने के लिए भेजे गये हैं, उन्हें स्वयं के द्वारा उसे प्रकट करना है. भांजी सो रही है, उसकी मित्र पढ़ रही है, ‘हैरी पॉटर’ की किताब. दोनों ज्यादातर समय अपने आप में ही व्यस्त रहती हैं. सुबह कभी कभी तैरने जाती हैं, दिन में दो या तीन बार टहलने भी. आज सुबह वर्षा के कारण टहलना नहीं हुआ, दोपहर को वह उनके साथ जा सकती है, उस समय ज्यादातर लोग अपने घरों में सोये रहते हैं. विश्व योग दिवस के लिए एओएल की तरफ से योग का प्रोटोकाल आया है, जून उसे प्रिंट करके ला देंगे. अज मौसम सुहावना है. नैनी की बच्चियों ने कहा, वे नाचना चाहती हैं. नृत्य और संगीत सम्भवतः आत्मा से आते हैं ! और सारी कलाएं भी..
कल वे पाइप ब्रिज देखने गये थे, नदी में पानी बहुत था, पुल पर खड़े होकर तस्वीरें उतारीं, पहले दोनों को भय लगा फिर उसे आराम से चलते देखकर वे भी निर्भय होकर चलने लगीं. इतवार को वे बच्चों की कक्षा में भी जाएँगी और उन्हें अंग्रेजी में एक गीत सिखाएंगी. मौसम आज अच्छा है, सुबह से ही झींसी पड़ रही है. आज एक पुरानी सखी का जन्मदिन है, वे लोग कुछ वर्ष पहले यहाँ से चले गये थे, और अब पुनः आने वाले हैं. अभी-अभी उससे बात की, पर बात उसी पुराने लहजे में हुई, वक्त बदल जाता है पर इन्सान नहीं बदलते. उसने अभी-अभी व्हाट्सएप पर एक संदेश भेजा है. इस बार जब वे आयेंगे तो उम्मीद है उनके संबंध अच्छे होंगे.
टीवी पर बाबा रामदेव योग और कपालभाति के अनेक लाभ बता रहे हैं. आसन करने से जोड़ों का दर्द नहीं होगा, हड्डियों की समस्या नहीं होगी. महिलाओं को हारमोनल असंतुलन नहीं होगा. लिवर, किडनी, हृदय सभी स्वस्थ रहेंगे, कोशिकाओं तक में परिवर्तन आता है. शरीर के सारे तन्त्र ठीक रहते हैं. बुढ़ापा दूर रहेगा. कैल्शियम की कमी नहीं होगी. चेहरे पर तेज रहेगा. वह कह रहे हैं, जो योग की अग्नि में स्वयं को तपा लेता है, उसको न रोग होता है, न जरा, न मृत्यु का भय उसे सताता है. योग करने वाले सकारात्मक सोच रखते हैं, क्रोध नहीं करते. जो सदा ताजगी से भरे रहते हैं समझ लेना चाहिए योग करते हैं. उनकी स्मृति शक्ति भी बढ़ जाती है.
जून टूर पर गये हैं, सो रात्रि के साढ़े दस बजे भी वह जाग रही है. भांजी और उसकी मित्र भी सोयी नहीं होंगी. उन्हें बस एक सप्ताह और यहाँ रहना है. दिन जैसे उड़ रहे हैं, पता ही नहीं चला दस दिन बीत भी गये. पूसी बहुत नटखट हो गयी है, आज दोपहर को गोदी में आकर बैठ गयी थी. जानबूझ कर उछल कर दिखाती है, फिर छिप जाती है, जैसे छोटे बच्चे करते हैं. उसके भीतर भी मन है, वह कुछ कहना चाहती है, दोनों आँखें ऊपर करके देखती है तो जैसे उसकी आत्मा झलकती है. क्लब में बच्चों का वार्षिक उत्सव आरम्भ हो गया है. कल एकल नृत्य की प्रतियोगिता है.

2 comments:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, एमएलए साहब का राजनैतिक प्यार “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. बहुत बहुत आभार शिवम जी !

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