Tuesday, August 14, 2018

राजपथ पर योग



आज फिर तेज धूप है, सुबह स्कूल गयी तो वर्षा होने लगी थी, बहुत हल्की बूंदाबांदी ही थी, पर सहायक अध्यापिका ने कहा, तेज वर्षा हो रही है. दृष्टि-दृष्टि का फर्क है. भांजी ने विश्व योग दिवस के लिए प्रोटोकाल प्रिंट कर दिया है. उसने आई ट्यून भी डाउनलोड कर दिया है और अब आई पॉड पर आर्ट ऑफ़ लिविंग के भजन आदि कॉपी कर दिए हैं. उसने अपनी सखी के साथ मिलकर मैश पोटेटो भी बनाये और चीज केक भी. आज छोटी बहन का भेजा केसरिया कुरता पहना है, अच्छा है, खादी का है. नाश्ते में नूना ने भांजी की फरमाइश पर भेलपूरी भी बनाई.

दो दिन बाद किशोरवय कन्याओं के लिए महिला क्लब का एक कार्यक्रम होने वाला है. वह सेक्रेटरी तथा एक अन्य सदस्या के साथ बाजार गयी, उनके लिए फ़ूड पैकेट का आर्डर करने, जो वे उस दिन उन्हें वितरित करेंगी. उस दिन वह ग्रामीण किशोरियों को योग और प्राणायाम का महत्व बताएगी तथा कुछ सरल विधियाँ सिखाएगी. हो सकता है उनमें से कोई छात्रा उन्हें अपना ले और यह दिन उसके नये जीवन के आरम्भ का प्रथम दिन बन जाये. सभी के भीतर परमात्मा ने समान शक्ति दी है, क्योंकि वह भेदभाव नहीं करता. सभी के भीतर आत्मा के स्वाभाविक गुण हैं पर अभी छुपे हुए हैं. पुस्तकों, शिक्षकों, माता-पिता, प्रकृति और स्वयं के अनुभव सभी ज्ञान के स्रोत हैं. किन्तु एक ज्ञान और है जो भीतर से आता है. जिनको भीतर से प्रेरणा मिलती है, वह नये-नये प्रतिमान बनाते हैं. जो ज्ञान अभी सुप्त है उसे जगाने का तरीका है योग. आत्मविजय, आत्मरक्षा, आत्मविश्वास बढ़ाने का तरीका है योग ! दोनों सखियाँ घर के निकट ही एक जनरल स्टोर पर गयीं हैं, रास्ते के लिए चिप्स और चाकलेट खरीदने, कल वह उन्हें विदा करने एयरपोर्ट जाएगी. यहाँ उनका निवास सुखद था और आनंदित करने वाला भी, वह उन दोनों के लिए कविताएँ भी लिखेंगी. भांजी की सखी सहज और शांत स्वभाव की है, वह मधुर भाषी है और कम बोलती है. वे दोनों बहनों की तरह हैं. आज एकादशी है, उसने सुबह सांवा चावल की खीर बनायी और दोपहर को साबूदाने की खीर, शाम को कोटू की रोटी बनेगी. मौसम आज सुहावना है, सुबह उठे तो वर्षा हो रही थी.

उसने योग के कुछ और लाभों के बारे में चिन्तन किया, कपालभाति नियमित करने से नहीं होता है सिर दर्द तथा पेट दर्द भी. इससे हीमोग्लोबिन बढ़ जाता है. अग्निसार से पेट की मंद अग्नि बढती है. अनुलोम-विलोम के भी कई लाभ है. चेहरे पर चमक लाने का भी उपाय है प्राणायाम. आज एक नये स्कूल के एक अध्यापक का फोन आया, उन्हें विश्व योग दिवस पर अपने विद्यालय में विद्यार्थियों को योग कराना है, उसे आने के लिए कहा है. वह आठ बजे वहाँ जाएगी. योग प्रोटोकाल के अनुसार ही सिखाना होगा, अगले दो दिन वह उसी के अनुसार योग अभ्यास कराने वाली है.

बच्चे चले गये और जून को भी दो दिनों के लिए बंगलुरू जाना पड़ा है. नन्हा गोवा से बंगलुरू जा रहा है. पूर्ण एकांत में उसे लग रहा है जैसे हफ्तों बाद स्वयं से मिल रही है. टीवी पर राजपथ पर होने वाला योग का कार्यक्रम आ रहा है, जिसमें हजारों लोग बैठ हैं, इस समय कोई गायक गा रहा है. टेड टॉक में मस्तिष्क के बारे में दो टॉक्स सुनीं. उनका चेतन मन जितना सजग होगा, वे अचेतन मन के शिकार नहीं बनेंगे. सजगता ही उन्हें सौभाग्य से भर सकती है. हर कार्य, हर विचार और हर भाव उनके भाग्य को बनाता है.


1 comment:

  1. बहुत बहुत आभार दिलबाग जी !

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